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भारतीय झंडे के साथ चलना मेरे लिए भावुक पल था : शार्दुल ठाकुर - Shardul Thakur news

शार्दुल ने कहा, "भारत के झंडे के साथ चलना मेरे लिए और पूरी टीम के लिए बहुत भावुक पल था. हमने मैच जीता था, जो सबसे जरूरी पार्ट था. सबसे जरूरी बात की थी भारत ने मैच जीता था, हमने गाबा टेस्ट जीता जो ऑस्ट्रेलिया ने 32 सालों से नहीं हारा था. मुझे लगता है कि आखिरी बार वो वहां वेस्टइंडीज से हारे थे और 32 सालों के बाद वो हमसे हारे."

शार्दुल ठाकुर
शार्दुल ठाकुर
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Published : Jan 26, 2021, 7:32 PM IST

हैदराबाद : भारतीय तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर ने दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि गाबा टेस्ट जीतने के बाद भारतीय टीम का ध्वज हाथ लेकर चलना एक गर्व का और भावुक पल था. आपको बता दें कि टीम इंडिया ने गाबा टेस्ट को तीन विकेट से जीत कर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को 2-1 से अपने नाम कर ली थी.

ऑस्ट्रेलिया की बॉलिंग लाइन अप के ब्रिस्बेन टेस्ट के दौरान खिलाड़ियों के टेस्ट मैचों के अनुभवों (मिचेल स्टार्क, जोश हेजलवुड, पैट कमिंस, कैमरून ग्रीन और नाथन लायन) को मिला कर कुल 254 मैचों का था. वहीं टीम इंडिया (मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, नवदीप सैनी, टी नटराजन और वॉशिंग्टन सुंदर) के पास सिर्फ नौ मैचों का अनुभव था.

शार्दुल ने कहा, "भारत के झंडे के साथ चलना मेरे लिए और पूरी टीम के लिए बहुत भावुक पल था. हमने मैच जीता था, जो सबसे जरूरी पार्ट था. सबसे जरूरी बात की थी भारत ने मैच जीता था, हमने गाबा टेस्ट जीता जो ऑस्ट्रेलिया ने 32 सालों से नहीं हारा था. मुझे लगता है कि आखिरी बार वो वहां वेस्टइंडीज से हारे थे और 32 सालों के बाद वो हमसे हारे."

यह भी पढ़ें- 'ग्लेन मैक्सवेल को दूसरी कोई भी फ्रेंचाइजी 10 करोड़ रुपयों में खरीद सकती है'

साथ ही शार्दुल ने पांच विकेट हॉल लेने के बारे में कहा कि वो सच में चाहते थे कि सिराज पांच विकेट हॉल लें और अपने पिता को श्रद्धांजलि दें. शार्दुल ने साथ ही कहा कि सिराज के पिता के लिए उनकी बातें उनके दिमाग में चल रही थीं और उन्होंने दुआ की कि वो कैच वो पकड़ लें.

हैदराबाद : भारतीय तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर ने दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि गाबा टेस्ट जीतने के बाद भारतीय टीम का ध्वज हाथ लेकर चलना एक गर्व का और भावुक पल था. आपको बता दें कि टीम इंडिया ने गाबा टेस्ट को तीन विकेट से जीत कर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को 2-1 से अपने नाम कर ली थी.

ऑस्ट्रेलिया की बॉलिंग लाइन अप के ब्रिस्बेन टेस्ट के दौरान खिलाड़ियों के टेस्ट मैचों के अनुभवों (मिचेल स्टार्क, जोश हेजलवुड, पैट कमिंस, कैमरून ग्रीन और नाथन लायन) को मिला कर कुल 254 मैचों का था. वहीं टीम इंडिया (मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, नवदीप सैनी, टी नटराजन और वॉशिंग्टन सुंदर) के पास सिर्फ नौ मैचों का अनुभव था.

शार्दुल ने कहा, "भारत के झंडे के साथ चलना मेरे लिए और पूरी टीम के लिए बहुत भावुक पल था. हमने मैच जीता था, जो सबसे जरूरी पार्ट था. सबसे जरूरी बात की थी भारत ने मैच जीता था, हमने गाबा टेस्ट जीता जो ऑस्ट्रेलिया ने 32 सालों से नहीं हारा था. मुझे लगता है कि आखिरी बार वो वहां वेस्टइंडीज से हारे थे और 32 सालों के बाद वो हमसे हारे."

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साथ ही शार्दुल ने पांच विकेट हॉल लेने के बारे में कहा कि वो सच में चाहते थे कि सिराज पांच विकेट हॉल लें और अपने पिता को श्रद्धांजलि दें. शार्दुल ने साथ ही कहा कि सिराज के पिता के लिए उनकी बातें उनके दिमाग में चल रही थीं और उन्होंने दुआ की कि वो कैच वो पकड़ लें.

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