दुबई: गवर्निग बॉडी की मुख्य कार्यकारी समिति की मार्च की शुरुआत में भी बैठक हुई थी, जिसमें समिति के सदस्यों ने पाया था कि अंपायर की कॉल को किस तरह से संचालित किया जाना चाहिए, ये सभी हितधारकों को बेहतर ढंग से समझाया जाना चाहिए, जिसमें खिलाड़ी और प्रशंसक भी शामिल हैं.
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने सोमवार को कहा था कि अंपायर कॉल को पूरी तरह से स्पष्ट होना चाहिए, क्योंकि उन्हें लगता है कि मौजूदा रूप में ये बहुत अधिक भ्रम पैदा कर रहा है. कोहली ने कहा था, "बुनियादी क्रिकेट की सामान्य समझ के तहत इस बात पर 'बहस' नहीं होनी चाहिए कि गेंद स्टंप्स को कितनी हिट कर रही थी."
पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली आईसीसी की इस क्रिकेट समिति में एंड्रयू स्ट्रॉस, राहुल द्रविड़, महेला जयवर्धने, शॉन पोलक भी शामिल हैं. उनके अलावा मैच रेफरी रंजन मुदुगले, अंपायर रिचार्ड इलिंगवर्थ और मिकी आर्थर भी है.
कुछ विचार विमर्श के बाद समिति ने फैसला किया है कि डीआरएस में 'अंपायर कॉल' नियम को बनाए रखा जाना चाहिए, क्योंकि इसमें बॉल-ट्रैकिंग तकनीक शतफीसदी सही नहीं होती है.
क्रिकेट में मौजूदा नियमों के मुताबिक बल्लेबाज के पगबाधा को लेकर दिए गए अंपायर के फैसले पर गेंदबाजी टीम की डीआरएस के दौरान गेंद का कम से कम 50 प्रतिशत हिस्सा तीनों स्टंप्स में से किसी एक से टकराना चाहिए, ऐसा नहीं होने पर अंपायर्स कॉल मान्य होता है.
हाल के समय में अंपायर कॉल को लेकर ज्यादा चर्चाएं देखने को मिली हैं. भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चार मैचों की टेस्ट सीरीज में दोनों टीमों ने कई रिव्यू लिए थे और इस दौरान कुछ गलत रिव्यू थे और कुछ अंपायर कॉल थीं.