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'मैं नहीं चाहता धोनी के साथ वो हो जो मेरे साथ हुआ' - संन्यास

भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को लगता है कि महेंद्र सिंह धोनी को इस बात का पूरा अधिकार है कि वो संन्यास कब लें. उन्होंने साथ ही चयनकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वो पूर्व कप्तान को अपनी रणनीति के बारे में बता दें.

वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी
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Published : Jul 18, 2019, 11:03 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 11:37 PM IST

नई दिल्ली: चूंकि अब विश्व कप खत्म हो चुका है, धोनी के संन्यास की खबरें दोबारा पैर जमाने लगी हैं. ऐसी भी खबरें हैं कि भारत को 2011 में 28 साल बाद विश्व कप दिलाने वाले कप्तान को आने वाले विंडीज दौरे में टीम में जगह नहीं मिले.

इंग्लैंड एंड वेल्स में हाल ही में खत्म हुए विश्व कप में धोनी की धीमी बल्लेबाजी सवालों के घेरे में थी.

वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी
वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी

धोनी के संन्यास की खबरें पर सहवाग ने कहा,"ये धोनी पर छोड़ देना चाहिए कि वो संन्यास कब लेंगे. चयनकर्ताओं का काम ये है कि वो धोनी से बात करें और उन्हें बताएं कि वो अब धोनी को आगे मौके नहीं दे सकते."

सहवाग ने साथ ही कि कहा कि काश उनके समय में चयनकर्ता उनसे भी अपनी रणनीति साझा करते.

सहवाग ने कहा,"काश चयनकर्ताओं ने मुझे से भी मेरी रणनीति के बारे में पूछा होता तो मैं भी उन्हें बता पाता."

महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

सहवाग ने जब संन्यास लिया तब चयनसमिति के अध्यक्ष संदीप पाटिल थे. पाटिल भी इस पैनल में मौजूद थे. पाटिल ने कहा,"सचिन तेंदुलकर से उनके भविष्य पर बात करने की जिम्मेदारी मुझे और राजिंदर सिंह हंस को सौंपी गई थी और सहवाग से बात करने की जिम्मेदार विक्रम राठौर को सौंपी गई थी. हमने विक्रम से पूछा था तो उन्होंने कहा था कि उनकी सहवाग से बात हो गई लेकिन अगर सहवाग कह रहे हैं तो मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं."

वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी
वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी

सहवाग ने इसके जवाब में कहा,"विक्रम ने मुझसे बात जरूर की थी लेकिन तब जब मैं टीम से बाहर हो चुका था. टीम में से हटाए जाने से पहले अगर वो मुझसे बात करते तो इसका मतलब होता. खिलाड़ी को बाहर करने के बाद उससे बात करने का कोई मतलब नहीं है. अगर प्रसाद इस समय धोनी को बाहर कर दें और फिर उनसे बात करेंगे तो धोनी क्या कहेंगे, यही कि वो घरेलू क्रिकेट खेलेंगे और अगर वहां अच्छा कर पाए तो फिर उन्हें टीम में चुन लेना चाहिए. बात ये है कि चयनकर्ताओं को खिलाड़ी से बात तब करनी चाहिए जब वो टीम से हटाया गया नहीं हो."

नई दिल्ली: चूंकि अब विश्व कप खत्म हो चुका है, धोनी के संन्यास की खबरें दोबारा पैर जमाने लगी हैं. ऐसी भी खबरें हैं कि भारत को 2011 में 28 साल बाद विश्व कप दिलाने वाले कप्तान को आने वाले विंडीज दौरे में टीम में जगह नहीं मिले.

इंग्लैंड एंड वेल्स में हाल ही में खत्म हुए विश्व कप में धोनी की धीमी बल्लेबाजी सवालों के घेरे में थी.

वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी
वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी

धोनी के संन्यास की खबरें पर सहवाग ने कहा,"ये धोनी पर छोड़ देना चाहिए कि वो संन्यास कब लेंगे. चयनकर्ताओं का काम ये है कि वो धोनी से बात करें और उन्हें बताएं कि वो अब धोनी को आगे मौके नहीं दे सकते."

सहवाग ने साथ ही कि कहा कि काश उनके समय में चयनकर्ता उनसे भी अपनी रणनीति साझा करते.

सहवाग ने कहा,"काश चयनकर्ताओं ने मुझे से भी मेरी रणनीति के बारे में पूछा होता तो मैं भी उन्हें बता पाता."

महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

सहवाग ने जब संन्यास लिया तब चयनसमिति के अध्यक्ष संदीप पाटिल थे. पाटिल भी इस पैनल में मौजूद थे. पाटिल ने कहा,"सचिन तेंदुलकर से उनके भविष्य पर बात करने की जिम्मेदारी मुझे और राजिंदर सिंह हंस को सौंपी गई थी और सहवाग से बात करने की जिम्मेदार विक्रम राठौर को सौंपी गई थी. हमने विक्रम से पूछा था तो उन्होंने कहा था कि उनकी सहवाग से बात हो गई लेकिन अगर सहवाग कह रहे हैं तो मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं."

वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी
वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी

सहवाग ने इसके जवाब में कहा,"विक्रम ने मुझसे बात जरूर की थी लेकिन तब जब मैं टीम से बाहर हो चुका था. टीम में से हटाए जाने से पहले अगर वो मुझसे बात करते तो इसका मतलब होता. खिलाड़ी को बाहर करने के बाद उससे बात करने का कोई मतलब नहीं है. अगर प्रसाद इस समय धोनी को बाहर कर दें और फिर उनसे बात करेंगे तो धोनी क्या कहेंगे, यही कि वो घरेलू क्रिकेट खेलेंगे और अगर वहां अच्छा कर पाए तो फिर उन्हें टीम में चुन लेना चाहिए. बात ये है कि चयनकर्ताओं को खिलाड़ी से बात तब करनी चाहिए जब वो टीम से हटाया गया नहीं हो."

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'मैं नहीं चाहता धोनी के साथ वो हो जो मेरे साथ हुआ'



 



भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को लगता है कि महेंद्र सिंह धोनी को इस बात का पूरा अधिकार है कि वो संन्यास कब लें. उन्होंने साथ ही चयनकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वो पूर्व कप्तान को अपनी रणनीति के बारे में बता दें.



नई दिल्ली: चूंकि अब विश्व कप खत्म हो चुका है, धोनी के संन्यास की खबरें दोबारा पैर जमाने लगी हैं. ऐसी भी खबरें हैं कि भारत को 2011 में 28 साल बाद विश्व कप दिलाने वाले कप्तान को आने वाले विंडीज दौरे में टीम को जगह न मिले.



इंग्लैंड एंड वेल्स में हाल ही में खत्म हुए विश्व कप में धोनी की धीमी बल्लेबाजी सवालों के घेरे में थी.



धोनी के संन्यास की खबरें पर सहवाग ने कहा,"ये धोनी पर छोड़ देना चाहिए कि वो संन्यास कब लेंगे. चयनकर्ताओं का काम ये है कि वो धोनी से बात करें और उन्हें बताएं कि वो अब धोनी को आगे मौके नहीं दे सकते."



सहवाग ने साथ ही कि कहा कि काश उनके समय में चयनकर्ता उनसे भी अपनी रणनीति साझा करते.



सहवाग ने कहा,"काश चयनकर्ताओं ने मुझे से भी मेरी रणनीति के बारे में पूछा होता तो मैं भी उन्हें बता पाता."



सहवाग ने जब संन्यास लिया तब चयनसमिति के अध्यक्ष संदीप पाटिल थे. पाटिल भी इस पैनल में मौजूद थे. पाटिल ने कहा,"सचिन तेंदुलकर से उनके भविष्य पर बात करने की जिम्मेदारी मुझे और राजिंदर सिंह हंस को सौंपी गई थी और सहवाग से बात करने की जिम्मेदार विक्रम राठौर को सौंपी गई थी. हमने विक्रम से पूछा था तो उन्होंने कहा था कि उनकी सहवाग से बात हो गई लेकिन अगर सहवाग कह रहे हैं तो मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं."



सहवाग ने इसके जवाब में कहा,"विक्रम ने मुझसे बात जरूर की थी लेकिन तब जब मैं टीम से बाहर हो चुका था. टीम में से हटाए जाने से पहले अगर वो मुझसे बात करते तो इसका मतलब होता. खिलाड़ी को बाहर करने के बाद उससे बात करने का कोई मतलब नहीं है. अगर प्रसाद इस समय धोनी को बाहर कर दें और फिर उनसे बात करेंगे तो धोनी क्या कहेंगे, यही कि वो घरेलू क्रिकेट खेलेंगे और अगर वहां अच्छा कर पाए तो फिर उन्हें टीम में चुन लेना चाहिए. बात ये है कि चयनकर्ताओं को खिलाड़ी से बात तब करनी चाहिए जब वो टीम से हटाया गया नहीं हो."


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Last Updated : Jul 18, 2019, 11:37 PM IST
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