नई दिल्ली: कोरोनावायरस के कारण पूरा विश्व इस समय रुका हुआ सा है, ऐसे में बीसीसीआई ने यह सुनिश्चित किया है कि राष्ट्रीय टीम के कोचिंग स्टाफ रवि शास्त्री, भरत अरुण, विक्रम राठौर और आर. श्रीधर राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के प्रशिक्षकों के संपर्क में रहें और उनसे अपना अनुभव साझा करते रहें.
इस मामले पर क्रिकेट संचालन के जीएम सबा करीम ने मीडिया से कहा है कि यह विचार एनसीए के मुखिया राहुल द्रविड़ के पास से आया जिसका मकसद जानकारी और अनुभव को साझा करना था.
उन्होंने कहा, "यह विचार राहुल द्रविड़ के दिमाग की उपज है. यह अच्छी बात है कि हमारे सभी राष्ट्रीय प्रशिक्षक इसमें शामिल हो रहे हैं और यह भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छी बात है. सिर्फ प्रशिक्षक नहीं बल्कि प्रशासन को भी सामने आए इस मुश्किल समय में एक मंच पर आना चाहिए."
उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय टीम से लेकर अंडर-19 टीम तक जितने प्रशिक्षक हैं उनके बीच सब कुछ अच्छे से चलना चाहिए. इससे बेहतर उर्जा और विचारों का आदान प्रदान होगा जिससे एक ही दिशा में आगे जा सकेंगे."
भारतीय टीम मुख्यत: सफर करती रहती है ऐसे में यह काफी अजीब समय है जब टीम मैदान पर नहीं घरों में है, और शास्त्री जैसे शख्स के अनुभव का उपयोग करना भारतीय टीम के भविष्य के लिए काफी अच्छा होगा.
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पहले ही कह दिया है कि उनकी टीम एनसीए में बदलाव लाने के बारे में सोच रही है ताकि यह खिलाड़ियों के लिए प्राथमिकता बन सके.
द्रविड़ पहले से ही एनसीए में कामकाज देख रहे हैं और राष्ट्रीय टीम के कोचिंग स्टाफ एनसीए के स्टाफ से बात कर अपना अनुभव साझा करे और वो प्रक्रिया बताए जो सीनियर टीम में मानी जाती है, इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता.
कोच शास्त्री और गेंदबाजी कोच भरत अरुण के रहते भारतीय टीम एक मजबूत गेंदबाजी ईकाई बनी है. साथ ही टीम का फील्डिंग का स्तर भी बेहतर हुआ है.