अहमदाबाद: भारत ने मोटेरा में गुलाबी गेंद के टेस्ट में इंग्लैंड को दो दिन के अंदर पस्त कर दिया था और इससे कुछ दिन पहले ही उसने चेन्नई में दूसरे टेस्ट में स्पिनरों की मुफीद पिच पर मेहमान टीम को हराया था. इंग्लैंड की टीम रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल की स्पिन के आगे अहमदाबाद टेस्ट में दोनों पारियों में 112 और 81 रन ही बना सकी थी जबकि चेन्नई में उसने 134 और 164 रन बनाये थे.
कोहली ने गुरूवार से शुरू होने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ''स्पिन होती पिचों के बारे में हमेशा ज्यादा हो-हल्ला और ज्यादा ही बातचीत होती है.'' उन्होंने कहा, ''मुझे पूरा भरोसा है कि अगर हमारी मीडिया उन विचारों का खंडन करने और ऐसे विचारों को पेश करने की स्थिति में है कि केवल स्पिन पिचों की ही आलोचना करना अनुचित है तो ही ये संतुलित बातचीत होगी.''
कोहली ने तीसरे टेस्ट के अंत में मोटेरा की पिच पर अपनी विफलता के लिए बल्लेबाजों की तकनीक को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा, ''लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण चीज ये है कि हर कोई स्पिन पिच के राग के साथ खेलता रहता है और जहां तक ये उपयोगी रहता है तब तक इसे खबर बनाए रखता है. फिर एक टेस्ट मैच होता है, अगर आप चौथे या पांचवें दिन जीत जाते हो तो कोई भी कुछ नहीं कहता लेकिन अगर ये दो दिन में खत्म हो जाता है तो हर कोई इसी मुद्दे को आलापता रहता है.''
कोहली ने न्यूजीलैंड में भारत को मिली एक हार का जिक्र किया जिसमें टीम तेज गेंदबाजों के मुफीद पिच पर जूझ रही थी. उन्होंने कहा कि किस तरह तब पिच की नहीं बल्कि बल्लेबाजों की तकनीक की आलोचना की गयी थी. उन्होंने कहा, ''हम न्यूजीलैंड में 36 ओवर में तीसरे दिन ही हार गये थे. मुझे पूरा भरोसा है कि हमारे यहां किसी ने भी पिच के बारे में नहीं लिखा था. इसमें सिर्फ यही था कि भारत न्यूजीलैंड में कितना खराब खेला.''
कोहली ने कहा, ''किसी भी पिच की आलोचना नहीं की गयी थी, पिच कैसा बर्ताव कर रही थी, गेंद कितनी मूव कर रही थी, पिच पर कितनी घास थी, इसे देखने कोई नहीं आया.''
कोहली ने कहा कि उनकी टीम इनकी शिकायत करने के बजाय परिस्थितियों के हिसाब से ढलने की वजह से ही पिछले कुछ समय से सफलता हासिल कर रही है. उन्होंने कहा, ''हमारी सफलता का राज यही है कि हम जिस भी तरह की पिच पर खेले हों, हमने किसी भी पिच के बारे में शिकायत नहीं की और हम इस तरह से खेलना जारी रखेंगे.'' कोहली ने कहा, ''हमें खुद से ईमानदार होने की जरूरत है कि इस चीज को बार बार दोहराने के पीछे वजह क्या है और इसका उद्देश्य उन लोगों के लिए क्या है जो एक तरफा बातें करना जारी रखते हैं.''