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छोटे करियर और माही के साथ दोस्ती पर खुल कर बोले आरपी सिंह

आरपी सिंह ने कहा है कि धोनी टीम के कप्तान बन गए और उनका ग्राफ लगातार ऊपर जाता रहा और मेरा नीचे लेकिन बावजूद इसके हमारी दोस्ती पर कोई असर नहीं पड़ा.

धोनी
धोनी
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Published : Apr 26, 2020, 7:12 PM IST

हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह को एक समय पर लीजेंड्री पेसर जहीर खान के रिल्पेसमेंट के रूप में देखा जाता था. इस बात का किसी को कोई अंदाजा नहीं है कि आरपी सिंह का करियर इतना क्यों छोटा हो रहा. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत में यूपी में पले-बढ़े इस क्रिकेटर ने एमएस धोनी के साथ दोस्ती के बारे में भी बात की.

आरपी सिंह ने कहा कि माही से उनकी मुलाकात टीम इंडिया में चुने जाने से पहले हुई थी. उन्होंने कहा, “हम दोनों ने बहुत-सा समय साथ गुजारा है. धोनी टीम के कप्तान बन गए और उनका ग्राफ लगातार ऊपर जाता रहा और मेरा नीचे लेकिन बावजूद इसके हमारी दोस्ती पर कोई असर नहीं पड़ा. हम अब भी बात करते हैं और एक साथ घूमते हैं.”

आरपी सिंह और एमएस धोनी
आरपी सिंह और एमएस धोनी

उन्होंने आगे कहा, “मैंने धोनी से पूछा था कि मैं एक बेहतर क्रिकेटर बनने के लिए क्या करूं. धोनी ने इसका कोई जवाब नहीं दिया. बाद में उन्होंने कहा कि मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं लेकिन संभव है मेरा भाग्य मेरा साथ न दे रहा हो.”

गौरतलब है कि 2007 में हुए टी-20 विश्व कप में आरपी सिंह दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे. लेकिन इस बावजूद वे उस टूर्नामेंट के बाद वो सिर्फ तीन टी-20 इंटरनेश्नल खेल सके. उनका वनडे और टेस्ट करियर भी रुक गया. उन्होंने भारत के लिए 14 टेस्ट और 58 वनडे खेले हैं.

जब उनसे उनके छोटे करियर के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, “मैं उस समय टॉप पर था लेकिन मैं टेस्ट या वनडे में भी अपनी जगह नहीं बचा पाया. मैंने आईपीएल भी खेला. 3-4 सीजन में सर्वाधिक विकेट लेने वाला गेंदबाज था लेकिन मैं ज्यादा मैच नहीं खेल पाया क्योंकि कप्तान का मुझ पर भरोसा नहीं था. जब मैंने चयनकर्ताओं से पूछा तो उनका जवाब था- राजे तू मेहनत कर तेरा वक्त जरूर आएगा. आरपी सिंह ने 2018 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था.

हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह को एक समय पर लीजेंड्री पेसर जहीर खान के रिल्पेसमेंट के रूप में देखा जाता था. इस बात का किसी को कोई अंदाजा नहीं है कि आरपी सिंह का करियर इतना क्यों छोटा हो रहा. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत में यूपी में पले-बढ़े इस क्रिकेटर ने एमएस धोनी के साथ दोस्ती के बारे में भी बात की.

आरपी सिंह ने कहा कि माही से उनकी मुलाकात टीम इंडिया में चुने जाने से पहले हुई थी. उन्होंने कहा, “हम दोनों ने बहुत-सा समय साथ गुजारा है. धोनी टीम के कप्तान बन गए और उनका ग्राफ लगातार ऊपर जाता रहा और मेरा नीचे लेकिन बावजूद इसके हमारी दोस्ती पर कोई असर नहीं पड़ा. हम अब भी बात करते हैं और एक साथ घूमते हैं.”

आरपी सिंह और एमएस धोनी
आरपी सिंह और एमएस धोनी

उन्होंने आगे कहा, “मैंने धोनी से पूछा था कि मैं एक बेहतर क्रिकेटर बनने के लिए क्या करूं. धोनी ने इसका कोई जवाब नहीं दिया. बाद में उन्होंने कहा कि मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं लेकिन संभव है मेरा भाग्य मेरा साथ न दे रहा हो.”

गौरतलब है कि 2007 में हुए टी-20 विश्व कप में आरपी सिंह दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे. लेकिन इस बावजूद वे उस टूर्नामेंट के बाद वो सिर्फ तीन टी-20 इंटरनेश्नल खेल सके. उनका वनडे और टेस्ट करियर भी रुक गया. उन्होंने भारत के लिए 14 टेस्ट और 58 वनडे खेले हैं.

जब उनसे उनके छोटे करियर के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, “मैं उस समय टॉप पर था लेकिन मैं टेस्ट या वनडे में भी अपनी जगह नहीं बचा पाया. मैंने आईपीएल भी खेला. 3-4 सीजन में सर्वाधिक विकेट लेने वाला गेंदबाज था लेकिन मैं ज्यादा मैच नहीं खेल पाया क्योंकि कप्तान का मुझ पर भरोसा नहीं था. जब मैंने चयनकर्ताओं से पूछा तो उनका जवाब था- राजे तू मेहनत कर तेरा वक्त जरूर आएगा. आरपी सिंह ने 2018 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था.

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