ETV Bharat / sports

बीसीसीआई ने पारिख से कहा, क्लब का मालिकाना हक रखो या बोर्ड में पद छोड़ो - मयंक पारिख

बीसीसीआई लोकपाल डी.के. जैन ने बोर्ड के कर्मचारी मयंक पारिख से कहा है कि वह या तो बोर्ड में अपने मैनेजर के पद से इस्तीफा दे दें या उन छह क्रिकेट क्लबों से नाता तोड़ लें जिनके वो मालिक भी हैं और जिनका मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) में वोटिंग देने का अधिकार है.

BCCI
BCCI
author img

By

Published : Jul 22, 2020, 7:00 AM IST

नई दिल्ली : बीसीसीआई लोकपाल डी.के. जैन ने पारिख को आदेश दिया है जिसमें उन्होंने साफ कर दिया है कि यह हितों के टकराव का मामला है और इसके लिए उन्हें जरूरी कदम उठाते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए की उनके खिलाफ हितों के टकराव का मुद्दा न हो नहीं तो बीसीसीआई पारिख के खिलाफ जरूरी कदम उठा सकती है.

Ethics Officer D.K. Jain
बीसीसीआई लोकपाल डी.के. जैन

हितों के टकराव का मुद्दा जल्दी से जल्दी खत्म हो सके

उन्होंने कहा, "मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि जो नियम बनाए गए हैं उनको देखते हुए जो सबूत मेरे सामने हैं उससे हितों के टकराव का मुद्दा बनता है. इसलिए बीसीसीआई मयंक पारिख को मौका देती है कि या तो वह बीसीसीआई मैनेजर के पद से इस्तीफा दे दें या क्लबों के साथ अपने संबंध खत्म कर लें या किसी भी सूरत में यह सुनिश्चित करें कि हितों के टकराव की स्थिति बीसीसीआई की संतुष्टि से खत्म हो जाए."

जैन ने कहा है, "अगर मयंक परिख अपनी तरफ से ऐसा कोई कदम नहीं उठाते हैं तो बीसीसीआई इस बात को सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाएगी कि हितों के टकराव का मुद्दा जल्दी से जल्दी खत्म हो सके."

पारिख एक ओर बीसीसीआई के कर्मचारी हैं और दूसरी तरफ वह मुंबई में छह क्रिकेट क्लबों/ अकादमियों के मालिक हैं साथ ही क्लबों के सचिव के तौर पर वह हस्ताक्षर अधिकारी भी हैं और यह सभी क्लब मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) में वोटिंग अधिकार रखते हैं.

इस संबंध में जानकारी दे दी गई थी

BCCI
बीसीसीआई

पारिख ने हालांकि अपनी तरफ से हितों के टकराव की बात को नकारा है. उन्होंने कहा है कि उनके बोर्ड में मैनेजर पद पर रहने और क्लबों के साथ उनके मालिकाना हक को लेकर मौजूदा समय में किसी तरह का हितों का टकराव नहीं है और न ही भविष्य में इस तरह की कोई संभावना है. पारिख ने कहा है कि उन्होंने नए नियम के तहत बीसीसीआई प्रबंधन को पहले ही क्लब के मालिकाना हक के संबंध में जानकारी दे दी थी और बोर्ड से पहले सीओए को भी इस संबंध में जानकारी दे दी गई थी.

अपने समर्थन में उन्होंने 23 फरवरी 2017 को बोर्ड को दी गई विवेचना के बारे में जानकारी दे दी है, जहां उन्होंने बताया था कि वह मैनेजर के पद को संभाल रहे हैं और उनका एमसीए में कोई वोटिंग अधिकार नहीं और न ही वो किसी तरह की सब कमेटी में हैं.

नई दिल्ली : बीसीसीआई लोकपाल डी.के. जैन ने पारिख को आदेश दिया है जिसमें उन्होंने साफ कर दिया है कि यह हितों के टकराव का मामला है और इसके लिए उन्हें जरूरी कदम उठाते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए की उनके खिलाफ हितों के टकराव का मुद्दा न हो नहीं तो बीसीसीआई पारिख के खिलाफ जरूरी कदम उठा सकती है.

Ethics Officer D.K. Jain
बीसीसीआई लोकपाल डी.के. जैन

हितों के टकराव का मुद्दा जल्दी से जल्दी खत्म हो सके

उन्होंने कहा, "मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि जो नियम बनाए गए हैं उनको देखते हुए जो सबूत मेरे सामने हैं उससे हितों के टकराव का मुद्दा बनता है. इसलिए बीसीसीआई मयंक पारिख को मौका देती है कि या तो वह बीसीसीआई मैनेजर के पद से इस्तीफा दे दें या क्लबों के साथ अपने संबंध खत्म कर लें या किसी भी सूरत में यह सुनिश्चित करें कि हितों के टकराव की स्थिति बीसीसीआई की संतुष्टि से खत्म हो जाए."

जैन ने कहा है, "अगर मयंक परिख अपनी तरफ से ऐसा कोई कदम नहीं उठाते हैं तो बीसीसीआई इस बात को सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाएगी कि हितों के टकराव का मुद्दा जल्दी से जल्दी खत्म हो सके."

पारिख एक ओर बीसीसीआई के कर्मचारी हैं और दूसरी तरफ वह मुंबई में छह क्रिकेट क्लबों/ अकादमियों के मालिक हैं साथ ही क्लबों के सचिव के तौर पर वह हस्ताक्षर अधिकारी भी हैं और यह सभी क्लब मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) में वोटिंग अधिकार रखते हैं.

इस संबंध में जानकारी दे दी गई थी

BCCI
बीसीसीआई

पारिख ने हालांकि अपनी तरफ से हितों के टकराव की बात को नकारा है. उन्होंने कहा है कि उनके बोर्ड में मैनेजर पद पर रहने और क्लबों के साथ उनके मालिकाना हक को लेकर मौजूदा समय में किसी तरह का हितों का टकराव नहीं है और न ही भविष्य में इस तरह की कोई संभावना है. पारिख ने कहा है कि उन्होंने नए नियम के तहत बीसीसीआई प्रबंधन को पहले ही क्लब के मालिकाना हक के संबंध में जानकारी दे दी थी और बोर्ड से पहले सीओए को भी इस संबंध में जानकारी दे दी गई थी.

अपने समर्थन में उन्होंने 23 फरवरी 2017 को बोर्ड को दी गई विवेचना के बारे में जानकारी दे दी है, जहां उन्होंने बताया था कि वह मैनेजर के पद को संभाल रहे हैं और उनका एमसीए में कोई वोटिंग अधिकार नहीं और न ही वो किसी तरह की सब कमेटी में हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.