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भुवनेश्वर कुमार ने बताया अपने करियर का टर्निंग प्वाइंट, कहा- दबाव से निपटना सीखा -  भुवनेश्वर कुमार news

भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा, "साल 2014 में मैंने 14 मैच खेले, मैंने इस दौरान दबाव से निपटना सीखा और यह मेरे लिए टर्निंग प्वाइंट रहा."

Bhubneshwar Kumar
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Published : Jun 26, 2020, 3:58 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलना उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा क्योंकि इसी दौरान उन्होंने अंतिम ओवरों में गेंदबाजी के दबाव से निपटना सीखा.

भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आक्रमण में से हैं और भुवनेश्वर इसके अहम गेंदबाज हैं जिसमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और उमेश यादव शामिल हैं.

'सनराइजर्स के लिए खेलते हुए अंतिम ओवरों में दबाव से निपटना सीखा'

भुवनेश्वर ने कहा कि उनमें हमेशा से यॉर्कर गेंद फेंकने की काबिलियत थी लेकिन 2014 में सनराइजर्स टीम से जुड़ने के बाद उन्होंने महत्वपूर्ण क्षणों में इसे फेंकने का हुनर सीखा.

Bhuvneshwar Kumar
सनराइजर्स के लिए खेलते हुए भुवनेश्वर कुमार

भुवनेश्वर ने कहा, "मैं यॉर्कर डाल सकता था लेकिन फिर मैं इसे भूल गया. सनराइजर्स हैदराबाद में वे मुझसे पारी के शुरू में और अंत में गेंदबाजी कराना चाहते थे. 2014 में मैंने 14 मैच खेले, मैंने इस दौरान दबाव से निपटना सीखा और यह टर्निंग प्वाइंट रहा."

उन्होंने कहा, "मैंने नई चीजें सीखीं, विशेषकर अंतिम ओवरों में दबाव से निपटना सीखा (सनराइजर्स के लिए खेलते हुए)."

'खुद को नतीजे के बारे में सोचने से दूर रखता हूं'

वनडे में 132 और टेस्ट में 63 विकेट चटकाने वाले भुवनेश्वर ने कहा कि जब वह खुद को मैचों में नतीजों के बारे में सोचने से दूर रखते हैं तो वह हमेशा सफल रहते हैं जैसे कि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी.

Bhuvneshwar Kumar, MS Dhoni
भुवनेश्वर कुमार और एमएस धोनी

उन्होंने कहा, "एमएस धोनी की तरह, मैं खुद को नतीजे के बारे में सोचने से दूर रखने की कोशिश करता हूं और छोटी छोटी चीजों पर ध्यान देता हूं. इससे अपनी इच्छानुसार नतीजा हासिल करने में मदद मिलती है."

उन्होंने कहा, "आईपीएल के दौरान जब मेरे कुछ सत्र अच्छे रहे तो मैं इसी दौर में था. मैं अपनी प्रक्रिया के बारे में इतना ध्यान लगाता था कि नतीजा हमेशा दूसरा स्थान ले लेता था. और परिणाम सकारात्मक ही आता था."

अपनी फिटनेस पर काम कर रहे भुवनेश्वर कुमार

Bhuvneshwar Kumar
भुवनेश्वर कुमार और उमेश यादव

कोविड-19 महामारी के कारण खेल से दूर रखकर कैसे प्रेरित कर रहे हैं तो भुवनेश्वर ने कहा कि यह आसान नहीं है. उन्होंने कहा, "मैं लॉकडाउन के पहले 15 दिन काफी प्रेरित था. कोई भी नहीं जानता था कि यह कितने दिन रहेगा और मेरे पास घर में भी एक्सरसाइज के लिए उपकरण नहीं थे. हमने सोचा कि चीजें दो महीनों में बेहतर हो जाएंगी."

भुवनेश्वर ने कहा, "लेकिन 15 दिन बाद मुझे खुद को प्रेरित करने में मुश्किल आने लगी. फिर मैंने घर पर ही उपकरण मंगवा लिए और तब से चीजें थोड़ी सुधर गयी हैं. मैं इस लॉकडाउन के से खुद को और बेहतर करके वापस आना चाहता हूं. मैदानी प्रदर्शन अलग बात है, लेकिन मैं अपनी फिटनेस पर काम कर सकता हूं."

नई दिल्ली: भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलना उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा क्योंकि इसी दौरान उन्होंने अंतिम ओवरों में गेंदबाजी के दबाव से निपटना सीखा.

भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आक्रमण में से हैं और भुवनेश्वर इसके अहम गेंदबाज हैं जिसमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और उमेश यादव शामिल हैं.

'सनराइजर्स के लिए खेलते हुए अंतिम ओवरों में दबाव से निपटना सीखा'

भुवनेश्वर ने कहा कि उनमें हमेशा से यॉर्कर गेंद फेंकने की काबिलियत थी लेकिन 2014 में सनराइजर्स टीम से जुड़ने के बाद उन्होंने महत्वपूर्ण क्षणों में इसे फेंकने का हुनर सीखा.

Bhuvneshwar Kumar
सनराइजर्स के लिए खेलते हुए भुवनेश्वर कुमार

भुवनेश्वर ने कहा, "मैं यॉर्कर डाल सकता था लेकिन फिर मैं इसे भूल गया. सनराइजर्स हैदराबाद में वे मुझसे पारी के शुरू में और अंत में गेंदबाजी कराना चाहते थे. 2014 में मैंने 14 मैच खेले, मैंने इस दौरान दबाव से निपटना सीखा और यह टर्निंग प्वाइंट रहा."

उन्होंने कहा, "मैंने नई चीजें सीखीं, विशेषकर अंतिम ओवरों में दबाव से निपटना सीखा (सनराइजर्स के लिए खेलते हुए)."

'खुद को नतीजे के बारे में सोचने से दूर रखता हूं'

वनडे में 132 और टेस्ट में 63 विकेट चटकाने वाले भुवनेश्वर ने कहा कि जब वह खुद को मैचों में नतीजों के बारे में सोचने से दूर रखते हैं तो वह हमेशा सफल रहते हैं जैसे कि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी.

Bhuvneshwar Kumar, MS Dhoni
भुवनेश्वर कुमार और एमएस धोनी

उन्होंने कहा, "एमएस धोनी की तरह, मैं खुद को नतीजे के बारे में सोचने से दूर रखने की कोशिश करता हूं और छोटी छोटी चीजों पर ध्यान देता हूं. इससे अपनी इच्छानुसार नतीजा हासिल करने में मदद मिलती है."

उन्होंने कहा, "आईपीएल के दौरान जब मेरे कुछ सत्र अच्छे रहे तो मैं इसी दौर में था. मैं अपनी प्रक्रिया के बारे में इतना ध्यान लगाता था कि नतीजा हमेशा दूसरा स्थान ले लेता था. और परिणाम सकारात्मक ही आता था."

अपनी फिटनेस पर काम कर रहे भुवनेश्वर कुमार

Bhuvneshwar Kumar
भुवनेश्वर कुमार और उमेश यादव

कोविड-19 महामारी के कारण खेल से दूर रखकर कैसे प्रेरित कर रहे हैं तो भुवनेश्वर ने कहा कि यह आसान नहीं है. उन्होंने कहा, "मैं लॉकडाउन के पहले 15 दिन काफी प्रेरित था. कोई भी नहीं जानता था कि यह कितने दिन रहेगा और मेरे पास घर में भी एक्सरसाइज के लिए उपकरण नहीं थे. हमने सोचा कि चीजें दो महीनों में बेहतर हो जाएंगी."

भुवनेश्वर ने कहा, "लेकिन 15 दिन बाद मुझे खुद को प्रेरित करने में मुश्किल आने लगी. फिर मैंने घर पर ही उपकरण मंगवा लिए और तब से चीजें थोड़ी सुधर गयी हैं. मैं इस लॉकडाउन के से खुद को और बेहतर करके वापस आना चाहता हूं. मैदानी प्रदर्शन अलग बात है, लेकिन मैं अपनी फिटनेस पर काम कर सकता हूं."

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