हैदराबाद: पूर्व भारतीय क्रिकेटर प्रवीण कुमार हाल हीं में चर्चा का विषय बने जब उन्होंने रिटायर्मेंट और डिप्रैशन के बारे में खुलकर बात की. प्रवीण कुमार ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कह कि टीम से बाहर होने की वजह से वो डिप्रैशन में आ गए थे जिसकी वजह से वो खुद को गोली से उड़ा देना चाहते थे.
"जूनियर क्रिकेट खेलते समय एक बार मेरी दाईं आंख पर चोट लगी थी. मुझे एक आंख से ठीक से दिखाई नहीं देता था. मैंने दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज कराया. डॉक्टर ने कहा कि वो एक ट्रांसप्लांट कर सकते हैं लेकिन आंख की रौशनी की वापसी की गारंटी नहीं दे सकते हैं. केस खराब भी हो सकता है. तब मेरे पिता ऑप्रेशन के विरोध में थे. प्रवीण ने बताया कि जब तक वह टीम इंडिया में थे तब तक सिर्फ रोहित शर्मा को ही उनकी इस कमजोरी के बारे में पता था."
प्रवीण कुमार ने अपनी बल्लेबाजी के बारे में बयान देते हुए कहा
प्रवीण ने आगे अपनी इसी कमजोरी को अपने बल्लेबाजी से जोड़ते हुए बताया था कि
"अगर मेरी बल्लेबाजी स्किल की बात की जाए तो मैं बताना चाहता हूं कि मैं ज्यादातर स्लो गेंदों पर ही आऊट हुआ हूं. इसका एक कारण यह भी है कि मुझे बॉल दिखती नहीं थी. बाऊंसर के मामले में भी मेरे साथ ऐसा ही होता था. मुझे कभी भी लैंथ बॉल खेलने में दिक्कत नहीं हुई."
प्रवीण का अंतरराष्ट्रीय करियर
बता दें कि प्रवीण ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरूआत आयरलैंड के खिलाफ 2007 में की थी वहीं उन्होंने ठीक 11 सोल अपने अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास ले लिया था.