नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की क्रिकेट समिति के अध्यक्ष अनिल कुंबले ने कहा है कि गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध अंतरिम कदम है. कोविड-19 महामारी से जुड़ी स्थिति नियंत्रित होने पर चीजें दोबारा सामान्य हो जाएंगी.
संक्रमण के खतरे को न्यूनतम करने के लिए कुंबले की अगुआई वाली आईसीसी समिति ने लार के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने की सिफारिश की है. आईसीसी ने शुक्रवार को क्रिकेट दोबारा शुरू करने के अपने दिशानिर्देशों में भी इसे प्रतिबंधित करने का सुझाव दिया.
कुंबले ने एक क्रिकेट शो से कहा, "यह सिर्फ अंतरिम उपाय है और उम्मीद करते हैं कि कुछ महीनों या एक साल में चीजें नियंत्रित होंगी और मुझे लगता है कि चीजें पहले की तरह सामान्य होंगी."
![ICC, Anil Kumble, Saliva Ban](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/icc4_2405newsroom_1590317802_660.jpg)
लार पर प्रतिबंध को लेकर गेंदबाजों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है, जिनका कहना है कि इससे निश्चित तौर पर स्विंग हासिल करने पर असर पड़ेगा लेकिन अधिकांश ने इसके इस्तेमाल से होने वाले संभावित स्वास्थ्य जोखिम को स्वीकार किया है.
इस तरह की भी चर्चा है कि आईसीसी को गेंद को चमकाने के लिए वैक्स जैसे तत्वों के इस्तेमाल की स्वीकृति देनी चाहिए या नहीं.
कुंबले ने कहा कि बाहरी पदार्थों के इस्तेमाल को लेकर चर्चा हुई थी. कुंबले ने इस कयास पर कहा, "अगर आप खेल के इतिहास को देखो, मेरे कहने का मतलब है कि हम काफी आलोचनात्मक रहे हैं और बाहरी पदार्थों को खेल में आने से रोकने पर हमारा काफी ध्यान रहा है."
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उन्होंने कहा, "अगर आप इसे वैध करने जा रहे हैं, अगर आप अब ऐसा कुछ करने जा रहे हैं, जिसका कुछ वर्षों पहले गहरा असर रहा है."
कुंबले ने 2018 के गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण का हवाला दिया, जिसके कारण ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और कैमरन बेनक्रॉफ्ट पर प्रतिबंध लगे थे.
उन्होंने कहा, "साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज के दौरान जो हुआ उस पर आईसीसी ने फैसला किया लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इससे भी कड़ा रुख अपनाया इसलिए हमने इस पर भी विचार किया."