नई दिल्ली: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) निदेशकों के बोर्ड की बैठक सोमवार को बेनतीजा खत्म हो गई जिसमें शशांक मनोहर के बाद अगले चेयरमैन को लेकर सर्वसम्मति नहीं बन सकी.
सोमवार की बैठक का एक ही एजेंडा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया को अंतिम रूप देना था लेकिन सर्वसम्मति से उम्मीदवार चुनने को लेकर कोई कामयाबी नहीं मिल सकी.
आईसीसी बोर्ड के एक सदस्य ने बताया, "कई मसलों पर सहमति नहीं बन सकी. पहले तो इसी पर मतभेद हैं कि सामान्य बहुमत से या दो तिहाई बहुमत से चुनाव होगा क्योंकि सदन में 17 सदस्य हैं."
इसके अलावा ऐसा उम्मीदवार नहीं मिल पा रहा है जिसके नाम पर सर्वसम्मति हो. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली भी दौड़ में हैं या नहीं.
सौरव गांगुली ने कई बार स्पष्ट किया है कि 48 साल के प्रशासक के रूप में उनके पास सर्वश्रेष्ठ करने के लिए काफी समय है. अगर उन्हें बीसीसीआई छोड़ना भी पड़ा तो भारतीय बोर्ड उन्हें वैश्विक निकाय के शिखर पर देखना पसंद करेगा.
आईसीसी के एक पूर्व निदेशक ने बताया, "इंग्लैंड के कोलिन ग्रेव्स दमदार उम्मीदवार है लेकिन सभी की रजामंदी उन पर नहीं है. कई देश उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे."
उन्होंने कहा, "इसी तरह वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डेव कैमरन भी दौड़ में शामिल हो सकते हैं लेकिन उनके नाम पर भी सबकी सहमति बनना मुश्किल है."
बता दें कि आईसीसी के 17 बोर्ड सदस्यों में 12 टेस्ट खेलने वाले देश, तीन सहयोगी राष्ट्र (मलेशिया, स्कॉटलैंड, सिंगापुर), अध्यक्ष (इस मामले में अंतरिम) और स्वतंत्र निदेशक (पेप्सिको के इंद्रा नूई) शामिल हैं.
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनु साहनी भी आईसीसी बोर्ड का हिस्सा हैं, लेकिन उनके पास मतदान का अधिकार नहीं है.
एक उम्मीदवार को आईसीसी के किसी पूर्व या वर्तमान निदेशक द्वारा नामित किया जा सकता है, लेकिन चुनाव के लिए उम्मीदवारी तय करने के लिए उसके पास दो वर्तमान निदेशकों का समर्थन होना चाहिए.