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राष्ट्रीय चयन पैनल : मनिंदर, चेतन उत्तर से, अगरकर पश्चिम और दास पूर्व से दौड़ में शामिल

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की नए लुक वाली राष्ट्रीय चयन समिति का प्रोफाइल और बेहतरीन होना तय है क्योंकि भारत के मशहूर पूर्व खिलाड़ियों जैसे चेतन शर्मा, मनिंदर सिंह और शिव सुंदर दास ने अपने संबंधित क्षेत्रों से खाली पद के लिये आवदेन भरा है.

Chetan Sharma
Chetan Sharma
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Published : Nov 15, 2020, 10:16 PM IST

नई दिल्ली : 231 अंतरराष्ट्रीय मैच (191 वनडे, 26 टेस्ट और चार टी20) खेलने वाले अजीत अगरकर अगर चयनकर्ताओं के पद के लिए फिर से आवेदन भरने का फैसला करते हैं तो वो चेयरमैन के पद के लिए प्रबल दावेदार हो सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वो भी आवेदन भरेंगे और उनके अपार अंतरराष्ट्रीय अनुभव (तीन वनडे विश्व कप और 2007 में एक टी20) को देखते हुए शीर्ष पद के लिए उनकी योग्यता की अनदेखी करना मुश्किल होगा.

Ajit Agarkar
अजीत अगरकर

बीसीसीआई ने हालांकि अधिकारिक रूप से क्षेत्रीय प्रणाली खत्म कर दी है लेकिन ऐसी संभावना कम ही है कि एक ही क्षेत्र से दो लोगों को चयन पैनल में रखा जाएगा. दक्षिण क्षेत्र से सुनील जोशी (84 अंतरराष्ट्रीय मैच - 15 टेस्ट और 69 वनडे) चेयरमैन थे जबकि मध्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व हरविंदर सिंह कर रहे थे. लेकिन कुछ आवेदकों के पास जोशी से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव है और ऐसी स्थिति में लोढा समिति के नियमों के अनुसार उन्हें अपने पद को छोड़ना पड़ेगा.

भारत के लिए विश्व कप (1987) में हैट्रिक लेने वाले पहले खिलाड़ी चेतन (88 अंतरराष्ट्रीय मैच) ने एक समाचार एजेंसी से कहा, ''हां, मैंने चयनकर्ता पद के लिए आवेदन भरा है. मुझे पैनल का सामान्य सदस्य होने में कोई परेशानी नहीं है. मेरा मुख्य लक्ष्य भारतीय क्रिकेट की सेवा करना है. मैं सुनील गावस्कर, कपिल देव, दिलीप वेंगसरकर जैसे महान खिलाड़ियों के साथ खेल चुका हूं और उनसे काफी कुछ सीखा है.''

उन्होंने जनवरी में भी आवेदन भरा था लेकिन तब बीसीसीआई ने केवल दक्षिण क्षेत्र की ओर से पद संभालने वाले एमएसके प्रसाद की जगह जोशी और गगन खोड़ा की जगह हरविंदर को शामिल किया था. उत्तर क्षेत्र से एक बड़े खिलाड़ी बाएं हाथ के पूर्व स्पिनर मनिंदर सिंह (94 मैच - 35 टेस्ट और 59 वनडे) ने भी आवेदन भरा है. मनिंदर ने कहा, ''हां, मैंने पिछली बार जनवरी में भी आवेदन भरा था और मैं इस बार भी ऐसा कर रहा हूं. अगर मौका मिला तो मैं निश्चित रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहूंगा.''

BCCI
बीसीसीआई

उत्तर क्षेत्र के एक सीनियर प्रशासक ने कहा, ''पिछली बार सरनदीप सिंह को 10 से भी कम अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव था. यह मजाक ही था. कम से कम अब हमारे पास चेतन और मनिंदर हैं और अपने समय के बेहतरीन क्रिकेटरों ने चयनकर्ता पद के लिये आवेदन भरा है.'' लेकिन पूर्वी क्षेत्र में कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर मिलना हमेशा मुश्किल रहा है जिसमें दास अपने क्षेत्र से पहली पसंद होंगे जिन्होंने 23 टेस्ट में 1326 रन जुटाये हैं.

इस भारतीय तेज गेंदबाज को लेकर जेसन गिलेस्पी ने की बड़ी भविष्यवाणी, कहा 'सुपरस्टार' बन करियर खत्म करेंगे

उन्होंने एक समाचार एजेंसी से पद के लिए आवेदन भरने की पुष्टि की. हालांकि उनके राज्य के साथी और पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज देबाशीष मोहंती जूनियर पैनल में शामिल हैं तो बीसीसीआई शायद ओडिशा से जूनियर और सीनियर चयन समितियों में दो लोगों को शामिल नहीं करना चाहे. ऐसी भी अफवाहें हैं कि पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज सुब्रतो बनर्जी पूर्वी क्षेत्र से आवेदन भरेंगे लेकिन इसकी पुष्टि हो गयी कि उन्होंने इस पद के लिए आवेदन नहीं किया है.

इस क्रिकेटर के करीबी एक सूत्र ने कहा, ''सुब्रतो पिछले कुछ समय से गेंदबाजी कोच हैं और वह कोच के तौर पर ही जारी रहना चोंगे - भले ही यह एनसीए हो, भारतीय अंडर-19 टीम या फिर भारत ए टीम. उनकी राष्ट्रीय चयनकर्ता के पद में दिलचस्पी नहीं है.'' बंगाल के पूर्व तेज गेंदबाज राणादेब बोस बहुत दिलचस्प उम्मीदार हैं जो अभी राज्य की टीम के गेंदबाजी कोच हैं.

नई दिल्ली : 231 अंतरराष्ट्रीय मैच (191 वनडे, 26 टेस्ट और चार टी20) खेलने वाले अजीत अगरकर अगर चयनकर्ताओं के पद के लिए फिर से आवेदन भरने का फैसला करते हैं तो वो चेयरमैन के पद के लिए प्रबल दावेदार हो सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वो भी आवेदन भरेंगे और उनके अपार अंतरराष्ट्रीय अनुभव (तीन वनडे विश्व कप और 2007 में एक टी20) को देखते हुए शीर्ष पद के लिए उनकी योग्यता की अनदेखी करना मुश्किल होगा.

Ajit Agarkar
अजीत अगरकर

बीसीसीआई ने हालांकि अधिकारिक रूप से क्षेत्रीय प्रणाली खत्म कर दी है लेकिन ऐसी संभावना कम ही है कि एक ही क्षेत्र से दो लोगों को चयन पैनल में रखा जाएगा. दक्षिण क्षेत्र से सुनील जोशी (84 अंतरराष्ट्रीय मैच - 15 टेस्ट और 69 वनडे) चेयरमैन थे जबकि मध्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व हरविंदर सिंह कर रहे थे. लेकिन कुछ आवेदकों के पास जोशी से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव है और ऐसी स्थिति में लोढा समिति के नियमों के अनुसार उन्हें अपने पद को छोड़ना पड़ेगा.

भारत के लिए विश्व कप (1987) में हैट्रिक लेने वाले पहले खिलाड़ी चेतन (88 अंतरराष्ट्रीय मैच) ने एक समाचार एजेंसी से कहा, ''हां, मैंने चयनकर्ता पद के लिए आवेदन भरा है. मुझे पैनल का सामान्य सदस्य होने में कोई परेशानी नहीं है. मेरा मुख्य लक्ष्य भारतीय क्रिकेट की सेवा करना है. मैं सुनील गावस्कर, कपिल देव, दिलीप वेंगसरकर जैसे महान खिलाड़ियों के साथ खेल चुका हूं और उनसे काफी कुछ सीखा है.''

उन्होंने जनवरी में भी आवेदन भरा था लेकिन तब बीसीसीआई ने केवल दक्षिण क्षेत्र की ओर से पद संभालने वाले एमएसके प्रसाद की जगह जोशी और गगन खोड़ा की जगह हरविंदर को शामिल किया था. उत्तर क्षेत्र से एक बड़े खिलाड़ी बाएं हाथ के पूर्व स्पिनर मनिंदर सिंह (94 मैच - 35 टेस्ट और 59 वनडे) ने भी आवेदन भरा है. मनिंदर ने कहा, ''हां, मैंने पिछली बार जनवरी में भी आवेदन भरा था और मैं इस बार भी ऐसा कर रहा हूं. अगर मौका मिला तो मैं निश्चित रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहूंगा.''

BCCI
बीसीसीआई

उत्तर क्षेत्र के एक सीनियर प्रशासक ने कहा, ''पिछली बार सरनदीप सिंह को 10 से भी कम अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव था. यह मजाक ही था. कम से कम अब हमारे पास चेतन और मनिंदर हैं और अपने समय के बेहतरीन क्रिकेटरों ने चयनकर्ता पद के लिये आवेदन भरा है.'' लेकिन पूर्वी क्षेत्र में कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर मिलना हमेशा मुश्किल रहा है जिसमें दास अपने क्षेत्र से पहली पसंद होंगे जिन्होंने 23 टेस्ट में 1326 रन जुटाये हैं.

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उन्होंने एक समाचार एजेंसी से पद के लिए आवेदन भरने की पुष्टि की. हालांकि उनके राज्य के साथी और पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज देबाशीष मोहंती जूनियर पैनल में शामिल हैं तो बीसीसीआई शायद ओडिशा से जूनियर और सीनियर चयन समितियों में दो लोगों को शामिल नहीं करना चाहे. ऐसी भी अफवाहें हैं कि पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज सुब्रतो बनर्जी पूर्वी क्षेत्र से आवेदन भरेंगे लेकिन इसकी पुष्टि हो गयी कि उन्होंने इस पद के लिए आवेदन नहीं किया है.

इस क्रिकेटर के करीबी एक सूत्र ने कहा, ''सुब्रतो पिछले कुछ समय से गेंदबाजी कोच हैं और वह कोच के तौर पर ही जारी रहना चोंगे - भले ही यह एनसीए हो, भारतीय अंडर-19 टीम या फिर भारत ए टीम. उनकी राष्ट्रीय चयनकर्ता के पद में दिलचस्पी नहीं है.'' बंगाल के पूर्व तेज गेंदबाज राणादेब बोस बहुत दिलचस्प उम्मीदार हैं जो अभी राज्य की टीम के गेंदबाजी कोच हैं.

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