नई दिल्ली : 231 अंतरराष्ट्रीय मैच (191 वनडे, 26 टेस्ट और चार टी20) खेलने वाले अजीत अगरकर अगर चयनकर्ताओं के पद के लिए फिर से आवेदन भरने का फैसला करते हैं तो वो चेयरमैन के पद के लिए प्रबल दावेदार हो सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वो भी आवेदन भरेंगे और उनके अपार अंतरराष्ट्रीय अनुभव (तीन वनडे विश्व कप और 2007 में एक टी20) को देखते हुए शीर्ष पद के लिए उनकी योग्यता की अनदेखी करना मुश्किल होगा.
बीसीसीआई ने हालांकि अधिकारिक रूप से क्षेत्रीय प्रणाली खत्म कर दी है लेकिन ऐसी संभावना कम ही है कि एक ही क्षेत्र से दो लोगों को चयन पैनल में रखा जाएगा. दक्षिण क्षेत्र से सुनील जोशी (84 अंतरराष्ट्रीय मैच - 15 टेस्ट और 69 वनडे) चेयरमैन थे जबकि मध्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व हरविंदर सिंह कर रहे थे. लेकिन कुछ आवेदकों के पास जोशी से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव है और ऐसी स्थिति में लोढा समिति के नियमों के अनुसार उन्हें अपने पद को छोड़ना पड़ेगा.
भारत के लिए विश्व कप (1987) में हैट्रिक लेने वाले पहले खिलाड़ी चेतन (88 अंतरराष्ट्रीय मैच) ने एक समाचार एजेंसी से कहा, ''हां, मैंने चयनकर्ता पद के लिए आवेदन भरा है. मुझे पैनल का सामान्य सदस्य होने में कोई परेशानी नहीं है. मेरा मुख्य लक्ष्य भारतीय क्रिकेट की सेवा करना है. मैं सुनील गावस्कर, कपिल देव, दिलीप वेंगसरकर जैसे महान खिलाड़ियों के साथ खेल चुका हूं और उनसे काफी कुछ सीखा है.''
उन्होंने जनवरी में भी आवेदन भरा था लेकिन तब बीसीसीआई ने केवल दक्षिण क्षेत्र की ओर से पद संभालने वाले एमएसके प्रसाद की जगह जोशी और गगन खोड़ा की जगह हरविंदर को शामिल किया था. उत्तर क्षेत्र से एक बड़े खिलाड़ी बाएं हाथ के पूर्व स्पिनर मनिंदर सिंह (94 मैच - 35 टेस्ट और 59 वनडे) ने भी आवेदन भरा है. मनिंदर ने कहा, ''हां, मैंने पिछली बार जनवरी में भी आवेदन भरा था और मैं इस बार भी ऐसा कर रहा हूं. अगर मौका मिला तो मैं निश्चित रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहूंगा.''
उत्तर क्षेत्र के एक सीनियर प्रशासक ने कहा, ''पिछली बार सरनदीप सिंह को 10 से भी कम अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव था. यह मजाक ही था. कम से कम अब हमारे पास चेतन और मनिंदर हैं और अपने समय के बेहतरीन क्रिकेटरों ने चयनकर्ता पद के लिये आवेदन भरा है.'' लेकिन पूर्वी क्षेत्र में कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर मिलना हमेशा मुश्किल रहा है जिसमें दास अपने क्षेत्र से पहली पसंद होंगे जिन्होंने 23 टेस्ट में 1326 रन जुटाये हैं.
उन्होंने एक समाचार एजेंसी से पद के लिए आवेदन भरने की पुष्टि की. हालांकि उनके राज्य के साथी और पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज देबाशीष मोहंती जूनियर पैनल में शामिल हैं तो बीसीसीआई शायद ओडिशा से जूनियर और सीनियर चयन समितियों में दो लोगों को शामिल नहीं करना चाहे. ऐसी भी अफवाहें हैं कि पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज सुब्रतो बनर्जी पूर्वी क्षेत्र से आवेदन भरेंगे लेकिन इसकी पुष्टि हो गयी कि उन्होंने इस पद के लिए आवेदन नहीं किया है.
इस क्रिकेटर के करीबी एक सूत्र ने कहा, ''सुब्रतो पिछले कुछ समय से गेंदबाजी कोच हैं और वह कोच के तौर पर ही जारी रहना चोंगे - भले ही यह एनसीए हो, भारतीय अंडर-19 टीम या फिर भारत ए टीम. उनकी राष्ट्रीय चयनकर्ता के पद में दिलचस्पी नहीं है.'' बंगाल के पूर्व तेज गेंदबाज राणादेब बोस बहुत दिलचस्प उम्मीदार हैं जो अभी राज्य की टीम के गेंदबाजी कोच हैं.