कराची : पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कोच और मुख्य चयनकर्ता मिस्बाह उल हक ने आईसीसी के सामने प्रस्ताव रखा है कि अगर गेंदबाजों को गेंद पर लार लगाने से रोकना है तो फिर उन्हें मास्क पहना दिया जाए. गौरतलब है कि कोरोनावायरस महामारी के कारण आईसीसी ने नई गाइडलाइंस जारी की जिसमें गेंद पर लार के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई है. इसी बात पर मिस्बाह ने कहा, “आईसीसी की नई गाइडलाइंस का पालन करना गेंदबाजों के लिए मुश्किल होगा और मास्क पहनकर गेंदबाजी करने से गेंदबाज स्वाभिवक रूप से गेंद पर लार लगाने का प्रयास नहीं करेंगे.”
पूर्व भारतीय दिग्गज अनिल कुंबले की अगुआई वाली आईसीसी क्रिकेट कमेटी ने सिफारिश की है कि मेजबानी करने के लिए 14 दिन का प्री मैच आइसोलेशन अनिवार्य होना चाहिए. इससे ये सुनिश्वित हो जाएगा कि टीम के सभी खिलाड़ी कोरोनावायरस से सुरक्षित हैं.
मिस्बाह ने कहा, “लार लगाए बिना गेंदबाजी करना आसान नहीं है, क्योंकि जब से क्रिकेट शुरू हुआ है, तब से यह खिलाड़ियों की आदत बन चुकी है. इसीलिए हमें इस रोकने के लिए शायद कुछ करना हो. जैसे गेंदबाजमास्क पहनें. नए माहौल में ढलने में खिलाड़ियों को समय लगेगा. भले ही खिलाड़ी नए प्रतिबंधों को ध्यान में रखें, लेकिन ये सहज नहीं हैं.” तो वहीं, कुंबले ने कहा है कि जब कोरोनावायरस खत्म हो जाएगा तब गेंदूबाज लार लगा सकेंगे.
कुंबले अगुवाई में आईसीसी क्रिकेट कमेटी ने बड़ा फैसला लिया. आईसीसी मेडिकल एडवाइजरी कमेटी के डॉक्टर पीटर हारकोर्ट ने कहा, “गेंद पर थूक के इस्तेमाल से वायरस फैल सकता है, जिसके बाद क्रिकेट कमेटी ने इसे बैन करने की सिफारिश की. कमेटी को मेडिकल सलाह मिली है कि पसीने से वायरस नहीं फैल सकता, इसलिए गेंद को पसीने से चमकाने की इजाजत दी गई है.”