नई दिल्ली : दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के लोकपाल न्यायाधीश (सेवानिवृत) बद्र दुरेज अहमद ने जूनियर स्तर पर उम्र संबंधी गड़बड़ी करने के मामले में मनजोत कालरा को एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया. लोकपाल के इस फैसले से डीडीसीए में विवाद को हवा मिल गई है क्योंकि लोकपाल ने नीतीश राणा और शिवम मावी को लेकर अलग फैसला लिया है.
तीनों मामले उम्र संबंधी गड़बड़ियों के थे
लोकपाल ने बीसीसीआई से राणा के मामले में जांच करने को कहा है. डीडीसीए के एक अधिकारी ने एक वेबसाइट से कहा कि लोकपाल ने फैसले में समानता नहीं बरती इस बात से हैरानी है क्योंकि तीनों मामले उम्र संबंधी गड़बड़ियों के थे. अधिकारी ने फैसले के समय पर भी सवाल खड़े किए हैं.
इस मामले पर फैसला लेंगे
अधिकारी ने कहा, "कालरा दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी मैच खेलने वाले थे लेकिन अब वह नहीं खेल पाएंगे. जब तक वो निर्दोष साबित नहीं हो जाते तब तक यह फैसला ठीक है, लेकिन यही बात राणा और मावी के मामले में भी लागू होती है. समानता बुहत मूल बात है जिसका पालन किया जाना चाहिए. आप एक को प्रतिबंधित और दूसरे के लिए जांच और तीसरे को पास नहीं कर सकते."
उन्होंने कहा, "साथ ही, जब उन्होंने अपना स्थान छोड़ा तब शायद वो स्थिति से पूरी तरह वाकिफ नहीं कराए गए थे. अब हमारे पास नए लोकपाल आ रहे हैं जो एक बार फिर दोबारा सारे कागजात देखेंगे और फिर इस मामले पर फैसला लेंगे."
सभी कागजात उन्हें भेज दिए गए हैं
अधिकारी से जब पूछा गया कि क्या दीपक वर्मा मामले को देखेंगे तो उन्होंने कहा, "हां, सभी कागजात उन्हें भेज दिए गए हैं और उम्मीद है कि जल्द से जल्द स्थिति साफ हो जाएगी क्योंकि अंत में खिलाड़ियों का करियर दांव पर है. वो भी तब जब वह अपने राज्य के लिए खेल रहे हैं ना की किसी आयु वर्ग ग्रुप क्रिकेट के लिए."
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कालरा 2018 में विश्व कप जीतने वाली भारत की अंडर-19 टीम के सदस्य थे. इसी टीम का हिस्सा मावी भी थे. वहीं राणा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में कोलकाता नाइट राइडर्स टीम के लिए खेल चुके हैं और दिल्ली टीम के उप-कप्तान हैं.