मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड को लगता है कि निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) में असफल रिव्यू की संख्या प्रति टीम कम कर सिर्फ एक कर देने का टेस्ट क्रिकेट पर अच्छा असर पड़ेगा.
क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू ने हेजलवुड के हवाले से लिखा है, "मैं पूरे दिन रिव्यू ले सकता हूं लेकिन खेल पर बेहतर प्रभाव के लिए मुझे लगता है कि एक रिव्यू बेहतर रहेगा."
उन्होंने कहा, "अगर आपके पास हर पारी एक रिव्यू होगा तो आप उसे पूरी अलग तरह से उपयोग में लेंगे. मुझे लगता है कि इससे अंपायर भी अलग तरह से जाल में फंसेंगे और वो इस पर निर्भर होगा कि किसके पास रिव्यू बचा है और उनके पास कितने बचे हैं."
उन्होंने कहा, "अगर आपको एक रिव्यू प्रति पारी मिलता है तो आप उसे बचाकर रखेंगे, आप इसे जल्दी उपयोग में तब तक नहीं लेंगे जब तक आप सकारात्मक नहीं होंगे."
दाएं हाथ के इस गेंदबाज ने कहा, "जून में आईसीसी ने असफल रिव्यू की संख्या प्रत्येक पारी दो से बढ़ा कर तीन कर दी गई है. डीआरएस 2008 में आया था ताकि गलतियां कम की जा सकें. लोग अपने घरों में बैठकर स्लोमोशन में सभी एंगलों से देख सकते हैं और हमें मैदान पर 15 सेकेंड में फैसला लेना होता है."
इसके पहले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) में आमूलचूल बदलाव की मांग करते हुए कहा था कि यह खिलाड़ियों के विरोध को बढ़ावा देता है.
बता दें कि कोरोना वायरस के कारण निलंबन के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली कर चुकी इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज के दौरान प्रत्येक पारी में तीन रिव्यू दिए गए हैं, जो सामान्य से एक अधिक है.
इयान चैपल ने अपने कॉलम में लिखा, ''अंपायर हमेशा सही होता है और युवा क्रिकेटर को जो सबक सबसे पहले सिखाया जाता है वह यह है कि आप उसके फैसले पर बहस नहीं करेंगे. अनुशासन और आत्मनियंत्रण की यह सराहनीय प्रक्रिया अब मान्य नहीं है क्योंकि डीआरएस को लागू किए जाने से खिलाड़ियों के विरोध के एक तरीके को बढ़ावा दिया जा रहा है.''