हैदराबाद : युवराज सिंह ने चैंपियंस ट्रॉफी की चार पारियों में 35.00 की औसत से 105 रन बनाए थे. चैंपियंस ट्रॉफी के बाद उन्हें वेस्ट इंडीज दौरे के टीम में शामिल किया गया था, लेकिन वहां के खराब प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं को उन्हें टीम से बाहर कर दिया.
टीम से बाहर कर दिया गया
युवराज ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, ''मैंने कभी नहीं सोचा था कि चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के बाद आठ-नौ मैचों में से दो बार मैन ऑफ द मैच बनने के बाद भी मुझे टीम से बाहर कर दिया जाएगा. मैं चोटिल हो गया और मुझे बताया गया श्रीलंका सीरीज के लिए तैयार रहें.
इसी दौरान यो-यो टेस्ट की शुरुआत हुई और 36 साल की उम्र की में मुझे यो-यो टेस्ट की तैयारी करनी पड़ी. जब मैंने यो-यो टेस्ट को क्लियर किया, तो बताया गया कि मुझे घरेलू क्रिकेट खेलना है. मेरे विचार से टीम मैनेजमेंट ने सोचा कि मैं इस उम्र में यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाऊंगा. इसके बाद मुझे निकालने में उन्हें आसानी होगी. हां, आप कह सकते हैं कि ये एक बहाना था.
बाहर करने का कोई कारण नहीं बताया
भारत के लिए 304 एकदिवसीय और 58 टी 20 खेल चुके युवराज ने क्रमशः 8,701 और 1,177 रन बनाए थे. जनवरी 2017 में कटक में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू एकदिवसीय सीरीज में 127 गेंदों पर 150 रन की पारी खेली और उसके बाद और बाहर होने के बाद चैंपियंस ट्रॉफी खेली.
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"मुझे लगता है कि ये एक ऐसे व्यक्ति के लिए दुर्भाग्यपूर्ण था, जिसने 15-17 साल का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है, जिससे बैठकर बात नहीं किया गया है. किसी ने मुझे नहीं बताया और किसी ने भी वीरेंद्र सहवाग या जहीर खान को भी नहीं बताया.
खिलाड़ियों को सच बताना चाहिए
कोई भी खिलाड़ी हो, टीम के इंचार्ज को उसके साथ बात करनी चाहिए कि हमने टीम में युवा खिलाड़ियों को मौका देना चाहते हैं इसलिए हमने ये फैसला किया है. शुरुआत में ये बात अच्छी नहीं लगेगी लेकिन आपने सच उसको बताया. लेकिन ऐसा भारतीय क्रिकेट में नहीं होता है. स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह ने इस साल 10 जून को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था.