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क्या खत्म हो गया माही का जादू? आखिरी ओवर में टिके रहने के बावजूद मिलने लगी हार

चेन्नई सुपरकिंग्स ने मुंबई इंडियंस को पांच विकेट से हरा कर अपनी पहली जीत दर्ज कर ली थी. फिर उन्होंने तीन मैच खेले. उन्होंने राजस्थान रॉयल्स, दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मैच खेला. तीन मैचों में चेन्नई को हार का सामना करना पड़ा.

MS DHONI
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Published : Oct 3, 2020, 9:12 AM IST

हैदराबाद : आईपीएल की सबसे मशहूर फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स का दूसरा नाम एमएस धोनी है. एमएस धोनी इस टीम के कप्तान ही नहीं बल्कि वो टीम के स्तंभ हैं जिस पर टीम ही नहीं बल्कि फैंस को पूरा भरोसा है. जैसा कहा जाता है कि, धोनी है तो मुमकिन है, लेकिन क्या अब सचमुच ये बात सही साबित होती है? आईपीएल 2020 सीजन के चेन्नई ने चार मैच खेल लिए हैं, सीजन का ओपनिंग मैच उन्होंने चार बार की चैंपियन टीम मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेला था, जो उन्होंने जीत लिया था. इस जीत के बाद लग रहा था कि धोनी की टीम हर बार की तरह अपने फैंस की उम्मीदों पर खरा उतरेगी और न सिर्फ आसानी से प्ले ऑफ में जगह बनाएगी बल्कि इस बार ट्रॉफी भी अपने नाम करेगी. इसके पीछे का कारण ये भी है कि फैंस ने माही को लगभग एक साल के बाद क्रिकेट खेलते देखा था इसलिए सबको उनसे बहुत उम्मीदें थीं.

एमएस धोनी और सैम करन
एमएस धोनी और सैम करन

चेन्नई ने मुंबई को पांच विकेट से हरा कर अपनी पहली जीत दर्ज कर ली थी. फिर उन्होंने तीन मैच खेले. उन्होंने राजस्थान रॉयल्स, दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मैच खेला. तीन मैचों में चेन्नई को हार का सामना करना पड़ा.

राजस्थान से वे 16 रनों से हारे, दिल्ली से 44 रन और हैदराबाद से महज सात रनों से हार गए. जिस तरह हर जीत के लिए धोनी की तारीफें होती है उसी तरह अब हर हार के बाद धोनी को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.

एमएस धोनी का आईपीएल 2020 में प्रदर्शन
एमएस धोनी का आईपीएल 2020 में प्रदर्शन

धोनी की ये रणनीति रहती थी कि विकेट बचा कर रखो और आखिरी के ओवर में हमला बोल दो, यही धोनी की जीत का फॉर्मुला होता था. शुक्रवार को भी उन्होंने ऐसा करना चाहा. धोनी सनराइजर्स के खिलाफ चौथे नंबर बल्लेबाजी करने आ गए. फैंस को उम्मीद थी कि चेन्नई की हार का सिलसिला अब खत्म हो जाएगा. लक्ष्य (165 रन) भी ज्यादा बड़ा नहीं था.

धोनी जब बल्ले का साथ मैदान पर उतरे तो टीम को जीतने के लिए हर ओवर में 9.21 रन चाहिए थे. हमेशा की तरह लगा कि अगर धोनी आखिरी ओवर तक खेले तो चेन्नई की जीत जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. आखिरी चार ओवर में उनको 78 रन बनाने थे फिर आखिरी ओवर में जीत के लिए उनको 28 रनों की जरूरत थी. धोनी के रहते हुए भी चेन्नई जीत नहीं सकी.

एमएस धोनी
एमएस धोनी

ये पहली बार नहीं था जब ऐसा हुआ. ऐसा राजस्थान के खिलाफ मैच में भी हुआ था कि आखिरी ओवर में धोनी हैं और फिर भी टीम हार गई. उस मैच के आखिरी ओवर में धोनी ने तीन छक्के लगाए लेकिन धोनी का ये हमला तब देखने को मिला जब जीत नामुमकिन हो गई थी. दिल्ली के खिलाफ मैच में तो वो आखिरी ओवर में आउट ही हो गए थे. फिर हाल चार में से तीन हार के बाद चेन्नई सुपर किंग्स अंकतालिका में आखिरी स्थान पर है. फैंस को अभी भी उम्मीद होगी कि चेन्नई अपने बचे हुए 10 मैचों में से 7 मैच जीते और प्ले ऑफ में जगह बनाए.

हैदराबाद : आईपीएल की सबसे मशहूर फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स का दूसरा नाम एमएस धोनी है. एमएस धोनी इस टीम के कप्तान ही नहीं बल्कि वो टीम के स्तंभ हैं जिस पर टीम ही नहीं बल्कि फैंस को पूरा भरोसा है. जैसा कहा जाता है कि, धोनी है तो मुमकिन है, लेकिन क्या अब सचमुच ये बात सही साबित होती है? आईपीएल 2020 सीजन के चेन्नई ने चार मैच खेल लिए हैं, सीजन का ओपनिंग मैच उन्होंने चार बार की चैंपियन टीम मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेला था, जो उन्होंने जीत लिया था. इस जीत के बाद लग रहा था कि धोनी की टीम हर बार की तरह अपने फैंस की उम्मीदों पर खरा उतरेगी और न सिर्फ आसानी से प्ले ऑफ में जगह बनाएगी बल्कि इस बार ट्रॉफी भी अपने नाम करेगी. इसके पीछे का कारण ये भी है कि फैंस ने माही को लगभग एक साल के बाद क्रिकेट खेलते देखा था इसलिए सबको उनसे बहुत उम्मीदें थीं.

एमएस धोनी और सैम करन
एमएस धोनी और सैम करन

चेन्नई ने मुंबई को पांच विकेट से हरा कर अपनी पहली जीत दर्ज कर ली थी. फिर उन्होंने तीन मैच खेले. उन्होंने राजस्थान रॉयल्स, दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मैच खेला. तीन मैचों में चेन्नई को हार का सामना करना पड़ा.

राजस्थान से वे 16 रनों से हारे, दिल्ली से 44 रन और हैदराबाद से महज सात रनों से हार गए. जिस तरह हर जीत के लिए धोनी की तारीफें होती है उसी तरह अब हर हार के बाद धोनी को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.

एमएस धोनी का आईपीएल 2020 में प्रदर्शन
एमएस धोनी का आईपीएल 2020 में प्रदर्शन

धोनी की ये रणनीति रहती थी कि विकेट बचा कर रखो और आखिरी के ओवर में हमला बोल दो, यही धोनी की जीत का फॉर्मुला होता था. शुक्रवार को भी उन्होंने ऐसा करना चाहा. धोनी सनराइजर्स के खिलाफ चौथे नंबर बल्लेबाजी करने आ गए. फैंस को उम्मीद थी कि चेन्नई की हार का सिलसिला अब खत्म हो जाएगा. लक्ष्य (165 रन) भी ज्यादा बड़ा नहीं था.

धोनी जब बल्ले का साथ मैदान पर उतरे तो टीम को जीतने के लिए हर ओवर में 9.21 रन चाहिए थे. हमेशा की तरह लगा कि अगर धोनी आखिरी ओवर तक खेले तो चेन्नई की जीत जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. आखिरी चार ओवर में उनको 78 रन बनाने थे फिर आखिरी ओवर में जीत के लिए उनको 28 रनों की जरूरत थी. धोनी के रहते हुए भी चेन्नई जीत नहीं सकी.

एमएस धोनी
एमएस धोनी

ये पहली बार नहीं था जब ऐसा हुआ. ऐसा राजस्थान के खिलाफ मैच में भी हुआ था कि आखिरी ओवर में धोनी हैं और फिर भी टीम हार गई. उस मैच के आखिरी ओवर में धोनी ने तीन छक्के लगाए लेकिन धोनी का ये हमला तब देखने को मिला जब जीत नामुमकिन हो गई थी. दिल्ली के खिलाफ मैच में तो वो आखिरी ओवर में आउट ही हो गए थे. फिर हाल चार में से तीन हार के बाद चेन्नई सुपर किंग्स अंकतालिका में आखिरी स्थान पर है. फैंस को अभी भी उम्मीद होगी कि चेन्नई अपने बचे हुए 10 मैचों में से 7 मैच जीते और प्ले ऑफ में जगह बनाए.

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