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जानिए क्यों टीम इंडिया की शैफाली को लड़का बनकर लेनी पड़ी क्रिकेट की ट्रेनिंग

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 51 रनों की दमदार पारी खेलने वाली रोहतक की युवा खिलाड़ी शैफाली वर्मा का भारतीय महिला क्रिकेट की टीम में जगह बनाने का सफर काफी कठिन रहा है. 15 साल की उम्र में डेब्यू करने वाली शैफाली ने क्रिकेट के गुर एक लड़के के रूप में सीखे थे.

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Published : Oct 3, 2019, 11:09 AM IST

Updated : Oct 3, 2019, 11:38 AM IST

Shafali Verma

हैदराबाद : भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सबसे कम उम्र की टी20 डेब्यू करने वाली 15 साल की बल्लेबाज को हरियाणा के रोहतक जिले की किसी भी क्रिकेट एकेडमी ने दाखिला लेने से इनकार कर दिया था. जिसके कारण उसको अपने बाल कटवाने पड़े.

  • What an innings from 15-year-old Shafali Verma!

    She has just been dismissed for 46 on just her second T20I appearance for India 🔥

    What an achievement and what a player she is going to be 👏pic.twitter.com/DcU7sdhC63

    — ICC (@ICC) October 1, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">



मैने लोगों से भीख मांगी

शैफाली के पिता सजीव वर्मा ने कहा, ''कोई भी उसे किसी भी अकादमी में शामिल करने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि रोहतक में लड़कियों के लिए अकादमी नहीं थी. मैने लोगों से उसे एक मौका देने के लिए भीख मांगी लेकिन सब व्यर्थ रहा.

रोहतक में एक छोटी सी आभूषण की दुकान चलाने वाले सजीव वर्मा ने कहा, ''मैंने कई अकादमी में जाकर दरवाजा खटखटाया लेकिन सभी जगह से मुझे नहीं जवाब मिला. जिसके बाद मैंने फैसला किया कि उसका हेयर कट कर दूं और उसे एक अकादमी ले गया और उसे एक लड़के के रूप में दाखिला दिलवाया.



लड़कों के खिलाफ खेलने में बहुत ही रिस्क था

ये पूछे जाने पर कि क्या किसी ने उस समय देखा था कि वो एक लड़की थी. इस पर उन्होंने जवाब दिया, “मैं डर गई थी लेकिन किसी ने गौर नहीं किया. उन्होंने कहा कि नौ साल की उम्र में सारे बच्चे एक जैसे ही लगते हैं.'' लड़कों के खिलाफ खेलने में बहुत ही रिस्क था. कभी कभार गेंद उसकी हेलमेट पर भी लगी. मैं परेशान हो जाया करता था लेकिन उसमे हिम्मत नहीं हारी.''



सचिन का आखिरी रणजी मैच देखने गई



क्रिकेट के प्रति शैफाली का जुनून उस समय देखने को मिला जब दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने अपना आखिरी रणजी मैच हरियाणा के खिलाफ 2013 में लहली में खेला था. नौ साल की उम्र में चौधरी बन्सी लाल क्रिकेट स्टेडियम में अपने पापा के कंधों पर बैठकर सचिन-सचिन चिल्ला रही थी.

सचिन तेंदुलकर ने बताया, टेस्ट क्रिकेट में रोहित कैसे बन सकते हैं 'सहवाग'

15 साल की शैफाली ने कहा, ''डेब्यू पर जीरो पर आउट होने के बाद मैं अब थोड़ा आराम महसूस कर रही हूं. सीनियर खिलाड़ियों ने पहले मैच के बाद मेरा समर्थन किया और मुझे खुशी है कि मैंने टीम की जीत में योगदान दिया.”

Indian women’s cricket team
भारतीय महिला क्रिकेट


घरेलू सीजन में बनाए रन



घरेलू सीजन में शानदार प्रदर्शन की वजह से शैफाली को भारतीय टीम में मौका मिला. जहां उन्होंने 1,923 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 6 शतक और 3 अर्धशतक लगाए. कक्षा 10वीं की छात्रा शैफाली ने कहा कि वो भारत के लिए और मैच जीतना में सहयोग करना चाहती हैं. वो टीम की तरफ से कई साल तक खेलना चाहती हैं.

हैदराबाद : भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सबसे कम उम्र की टी20 डेब्यू करने वाली 15 साल की बल्लेबाज को हरियाणा के रोहतक जिले की किसी भी क्रिकेट एकेडमी ने दाखिला लेने से इनकार कर दिया था. जिसके कारण उसको अपने बाल कटवाने पड़े.

  • What an innings from 15-year-old Shafali Verma!

    She has just been dismissed for 46 on just her second T20I appearance for India 🔥

    What an achievement and what a player she is going to be 👏pic.twitter.com/DcU7sdhC63

    — ICC (@ICC) October 1, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">



मैने लोगों से भीख मांगी

शैफाली के पिता सजीव वर्मा ने कहा, ''कोई भी उसे किसी भी अकादमी में शामिल करने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि रोहतक में लड़कियों के लिए अकादमी नहीं थी. मैने लोगों से उसे एक मौका देने के लिए भीख मांगी लेकिन सब व्यर्थ रहा.

रोहतक में एक छोटी सी आभूषण की दुकान चलाने वाले सजीव वर्मा ने कहा, ''मैंने कई अकादमी में जाकर दरवाजा खटखटाया लेकिन सभी जगह से मुझे नहीं जवाब मिला. जिसके बाद मैंने फैसला किया कि उसका हेयर कट कर दूं और उसे एक अकादमी ले गया और उसे एक लड़के के रूप में दाखिला दिलवाया.



लड़कों के खिलाफ खेलने में बहुत ही रिस्क था

ये पूछे जाने पर कि क्या किसी ने उस समय देखा था कि वो एक लड़की थी. इस पर उन्होंने जवाब दिया, “मैं डर गई थी लेकिन किसी ने गौर नहीं किया. उन्होंने कहा कि नौ साल की उम्र में सारे बच्चे एक जैसे ही लगते हैं.'' लड़कों के खिलाफ खेलने में बहुत ही रिस्क था. कभी कभार गेंद उसकी हेलमेट पर भी लगी. मैं परेशान हो जाया करता था लेकिन उसमे हिम्मत नहीं हारी.''



सचिन का आखिरी रणजी मैच देखने गई



क्रिकेट के प्रति शैफाली का जुनून उस समय देखने को मिला जब दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने अपना आखिरी रणजी मैच हरियाणा के खिलाफ 2013 में लहली में खेला था. नौ साल की उम्र में चौधरी बन्सी लाल क्रिकेट स्टेडियम में अपने पापा के कंधों पर बैठकर सचिन-सचिन चिल्ला रही थी.

सचिन तेंदुलकर ने बताया, टेस्ट क्रिकेट में रोहित कैसे बन सकते हैं 'सहवाग'

15 साल की शैफाली ने कहा, ''डेब्यू पर जीरो पर आउट होने के बाद मैं अब थोड़ा आराम महसूस कर रही हूं. सीनियर खिलाड़ियों ने पहले मैच के बाद मेरा समर्थन किया और मुझे खुशी है कि मैंने टीम की जीत में योगदान दिया.”

Indian women’s cricket team
भारतीय महिला क्रिकेट


घरेलू सीजन में बनाए रन



घरेलू सीजन में शानदार प्रदर्शन की वजह से शैफाली को भारतीय टीम में मौका मिला. जहां उन्होंने 1,923 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 6 शतक और 3 अर्धशतक लगाए. कक्षा 10वीं की छात्रा शैफाली ने कहा कि वो भारत के लिए और मैच जीतना में सहयोग करना चाहती हैं. वो टीम की तरफ से कई साल तक खेलना चाहती हैं.

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दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 51 रनों की दमदार पारी खेलने वाली रोहतक की युवा खिलाड़ी शैफाली वर्मा का भारतीय महिला क्रिकेट की टीम में जगह बनाने का सफर काफी कठिन रहा है. 15 साल की उम्र में डेब्यू करने वाली शैफाली ने क्रिकेट के गुर एक लड़के के रूप में सीखा था.



हैदराबाद : भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सबसे कम उम्र की टी20 डेब्यू करने वाली 15 साल की बल्लेबाज को हरियाणा के रोहतक जिले की किसी भी क्रिकेट एकेडमी ने दाखिला लेने से इनकार कर दिया था. जिसके कारण उसको अपने बाल कटवाने पड़े.





मैने लोगों से भीख मांगी



शैफाली के पिता सजीव वर्मा ने कहा, ''कोई भी उसे किसी भी अकादमी में शामिल करने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि रोहतक में लड़कियों के लिए अकादमी नहीं थी. मैने लोगों से उसे एक मौका देने के लिए भीख मांगी लेकिन सब व्यर्थ रहा.



रोहतक में एक छोटी सी आभूषण की दुकान चलाने वाले सजीव वर्मा ने कहा, ''मैंने कई अकादमी में जाकर दरवाजा खटखटाया लेकिन सभी जगह से मुझे नहीं जवाब मिला. जिसके बाद मैंने फैसला किया कि उसका हेयर कट कर दूं और उसे एक अकादमी ले गया और उसे एक लड़के के रूप में दाखिला दिलवाया.





लड़कों के खिलाफ खेलने में बहुत ही रिस्क था



 ये पूछे जाने पर कि क्या किसी ने उस समय देखा था कि वो एक लड़की थी. इस पर उन्होंने जवाब दिया, “मैं डर गई थी लेकिन किसी ने गौर नहीं किया. उन्होंने कहा कि नौ साल की उम्र में सारे बच्चे एक जैसे ही लगते हैं.'' लड़कों के खिलाफ खेलने में बहुत ही रिस्क था. कभी कभार गेंद उसकी हेलमेट पर भी लगी. मैं परेशान हो जाया करता था लेकिन उसमे हिम्मत नहीं हारी.''





सचिन का आखिरी रणजी मैच देखने गई





क्रिकेट के प्रति शैफाली का जूनून उस समय देखने को मिला जब दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने अपना आखिरी रणजी मैच हरियाणा के खिलाफ 2013 में लहली में खेला था. नौ साल की उम्र में चौधरी बन्सी लाल क्रिकेट स्टेडियम में अपने पापा के कंधों पर बैठकर सचिन-सचिन चिल्ला रही थी.



15 साल की शैफाली ने कहा, ''डेब्यू पर जीरो पर आउट होने के बाद मैं अब थोड़ा आराम महसूस कर रही हूं. सीनियर खिलाड़ियों ने पहले मैच के बाद मेरा समर्थन किया और मुझे खुशी है कि मैंने टीम की जीत में योगदान दिया.”





घरेलू सीजन में बनाए रन





घरेलू सीजन में शानदार प्रदर्शन की वजह से शैफाली को भारतीय टीम में मौका मिला. जहां उन्होंने 1,923 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 6 शतक और 3 अर्धशतक लगाए. कक्षा 10वीं की छात्रा शैफाली ने कहा कि वो भारत के लिए और मैच जीतना में सहयोग करना चाहती हैं. वो टीम की तरफ से कई साल तक खेलना चाहती हैं.


Conclusion:
Last Updated : Oct 3, 2019, 11:38 AM IST
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