हैदराबाद: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और टीम इंडिया के पूर्व मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर आज अपना 65वां जन्मदिन मना रहे हैं. दिलीप वेंगसरकर का जन्म आज ही के दिन महाराष्ट्र के राजापुर में हुआ था. वेंगसरकर भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ियों में से एक रहे और अकेले अपने दम पर टीम को अनगिनत मुकाबले भी जीताए. 70 के दशक के आखिर और 80 के दशक की शुरुआत में उनकी बल्लेबाजी की तूती बोलती थी.
दिलीप वेंगसरकर ने साल 1976 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट और एकदिवसीय मुकाबला खेला था. दाएं हाथ के खिलाड़ी की बल्लेबाजी का खौफ कुछ इस कदर हुआ करता था कि विपक्षी टीम के अच्छे से अच्छे गेंदबाज भी उनके सामने नतमस्तक होते नजर आते थे.
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अपने 16 सालों के अंतरराष्ट्रीय करियर में वेंगसरकर ने एक से बढ़कर एर कीर्तिमान स्थापित किए और दुनिया के हर कोने में खूब रन बनाए. जानकारी के लिए बता दें कि, भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनिल गावस्कर के बाद दिलीप वेंगसरकर ने ही 10 हजार रनों का आंकड़ा छूआ था.
भारत के लिए उन्होंने कुल 116 टेस्ट और 129 एकदिवसीय मैच खेले. इस दौरान उनके बल्ले से 116 टेस्ट मैचों में 41.37 की औसत के साथ 6868 रन देखने को मिले. टेस्ट क्रिकेट की 185 पारियों में पूर्व भारतीय कप्तान ने 17 शतक और 35 अर्धशतक भी लगाए.
वनडे क्रिकेट में उनके आंकड़ों की बात करें तो उनके बल्ले से 129 मैचों में 34.39 की औसत के साथ 3508 रन देखने को मिले. इस फॉर्मेट में भी उनका जलवा कम नहीं रहा और उन्होंने एक शतक और 23 अर्धशतक लगाए. साथ ही उन्होंने देश के लिए 10 टेस्ट मैचों की कप्तानी भी संभाली और इस दौरान दो मैच भी जीते, हालांकि पांच में टीम को हार का भी सामना करना पड़ा.
दिलीप वेंगसरकर के करियर से जुड़ी कुछ खास बातें:
- दुनिया के एकमात्र गैर अंग्रेज बल्लेबाज जिन्होंने लॉर्ड्स के मैदान पर तीन शतक जमाए.
- लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर लगातार तीन शतक लगाने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी.
- 1983 में एकदिवसीय विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य.
- विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर 1987
-- अखिल गुप्ता