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पृथ्वी शॉ की तकनीक फिर सवालों के घेरे में, गावस्कर और बॉर्डर ने उठाए सवाल

भारत ने एडिलेड ओवल मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले जा रहे डे-नाइट टेस्ट मैच में अनुभवी लोकेश राहुल और युवा शुभमन गिल के स्थान पर सलामी बल्लेबाज के तौर पर पृथ्वी शॉ को चुना लेकिन मुंबई का ये युवा बल्लेबाज दूसरी ही गेंद पर बिना खाता खोले बोल्ड हो गया. इसने सुनील गावस्कर और एलन बॉर्डर द्वारा शॉ की तकनीक पर उठाए गए सवालों को और गहरा कर दिया है.

India opener Prithvi Shaw
India opener Prithvi Shaw
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Published : Dec 18, 2020, 1:52 PM IST

नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच जारी डे-नाइट टेस्ट मैच में शॉ दूसरी गेंद खेल रहे थे और उन्होंने मिशेल स्टार्क की इनस्विंगर पर ड्राइव करने की कोशिश की, इस दौरान उनके बल्ले और पैड में गैप रहा और गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा ले कर स्टम्प में जा लगी.

इससे पहले शॉ दोनों अभ्यास मैच में एक भी अर्धशतक नहीं बना पाए थे. उन्होंने अभ्यास मैचों की चार पारियों में सिर्फ 62 रन बनाए. इसी कारण गावस्कर और बॉर्डर ने शॉ की तकनीक पर सवाल खड़े किए थे और उन्हें शॉट सेलेक्शन, डिफेंस पर काम करने के अलावा ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर संभलकर बल्लेबाजी करने की सलाह दी थी.

बीते कुछ महीनों से शॉ लगातार विफल हो रहे हैं. आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें कुछ मैचों के लिए अंतिम-11 से बाहर भी कर दिया था. दिल्ली के साथ अपनी आखिरी सात पारियों में शॉ तीन बार शून्य पर आउट हुए और सिर्फ एक बार ही दहाई के आंकड़े में पहुंच सके.

भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने एक समाचार एजेंसी से कहा, "मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया में समस्या ये है कि आप हर गेंद पर ड्राइव नहीं मार सकते क्योंकि गेंद वहां थोड़ा ज्यादा उछाल लेती है. आपको इस बात को लेकर काफी आश्वस्त होना होता है कि आप किस गेंद को खेलना चाहते हैं और किस गेंद को नहीं. आपको कई गेंदों को छोड़ना होता है. कई ऐसी गेंदें होती हैं कि आप भारत में ड्राइव कर सकते हैं, लेकिन उन पर ऑस्ट्रेलिया में ड्राइव नहीं कर सकते क्योंकि वहां उछाल ज्यादा रहता है."

जाफर को भी 2007-08 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर परेशानी हुई थी. ये उनका भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया का पहला दौरा था.

India opener Prithvi Shaw
पृथ्वी शॉ

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि उन्हें जल्दी इस बात को समझना होगा कि वो लगातार अपने शॉट्स नहीं खेल सकते और उन्हें अपने वर्टिकल शॉट्स को लेकर सावधान रहना होगा. उन्हें अपने शरीर के पास से शॉट्स खेलने होंगे और तकनीक को मजबूत करना होगा. हालांकि अभी सिर्फ एक पारी हुई है. अगर वो उसमें अच्छा करते तो लोग उनकी तारीफ करते लेकिन हां उन्हें अपनी तकनीक को मजबूत करने की जरूरत है."

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दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पोंटिंग ने कॉमेंट्री के दौरान ही शॉ के आउट होने के तरीके की भविष्यवाणी कर दी थी. शॉ ठीक उसी तरह आउट हुए जिस तरह पोंटिंग ने बताया था- बैट और पैड के बीच गैप. पोंटिंग ने आईपीएल के पहले हाफ के दौरान कहा था कि शॉ अपनी तकनीक पर काम कर रहे हैं. वो ऑफ स्टम्प की तरफ जाकर अपने आप को लेग स्टम्प पर रन करने का मौका दे रहे हैं. इससे फायदा हुआ था क्योंकि शॉ ने दो अर्धशतक बनाए थे लेकिन इसके बाद वह फॉर्म खो बैठे. न्यूजीलैंड दौरे पर भी शॉ का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था. उन्होंने 16, 14, 54 और 14 रनों की पारियां खेली थीं.

नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच जारी डे-नाइट टेस्ट मैच में शॉ दूसरी गेंद खेल रहे थे और उन्होंने मिशेल स्टार्क की इनस्विंगर पर ड्राइव करने की कोशिश की, इस दौरान उनके बल्ले और पैड में गैप रहा और गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा ले कर स्टम्प में जा लगी.

इससे पहले शॉ दोनों अभ्यास मैच में एक भी अर्धशतक नहीं बना पाए थे. उन्होंने अभ्यास मैचों की चार पारियों में सिर्फ 62 रन बनाए. इसी कारण गावस्कर और बॉर्डर ने शॉ की तकनीक पर सवाल खड़े किए थे और उन्हें शॉट सेलेक्शन, डिफेंस पर काम करने के अलावा ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर संभलकर बल्लेबाजी करने की सलाह दी थी.

बीते कुछ महीनों से शॉ लगातार विफल हो रहे हैं. आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें कुछ मैचों के लिए अंतिम-11 से बाहर भी कर दिया था. दिल्ली के साथ अपनी आखिरी सात पारियों में शॉ तीन बार शून्य पर आउट हुए और सिर्फ एक बार ही दहाई के आंकड़े में पहुंच सके.

भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने एक समाचार एजेंसी से कहा, "मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया में समस्या ये है कि आप हर गेंद पर ड्राइव नहीं मार सकते क्योंकि गेंद वहां थोड़ा ज्यादा उछाल लेती है. आपको इस बात को लेकर काफी आश्वस्त होना होता है कि आप किस गेंद को खेलना चाहते हैं और किस गेंद को नहीं. आपको कई गेंदों को छोड़ना होता है. कई ऐसी गेंदें होती हैं कि आप भारत में ड्राइव कर सकते हैं, लेकिन उन पर ऑस्ट्रेलिया में ड्राइव नहीं कर सकते क्योंकि वहां उछाल ज्यादा रहता है."

जाफर को भी 2007-08 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर परेशानी हुई थी. ये उनका भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया का पहला दौरा था.

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पृथ्वी शॉ

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि उन्हें जल्दी इस बात को समझना होगा कि वो लगातार अपने शॉट्स नहीं खेल सकते और उन्हें अपने वर्टिकल शॉट्स को लेकर सावधान रहना होगा. उन्हें अपने शरीर के पास से शॉट्स खेलने होंगे और तकनीक को मजबूत करना होगा. हालांकि अभी सिर्फ एक पारी हुई है. अगर वो उसमें अच्छा करते तो लोग उनकी तारीफ करते लेकिन हां उन्हें अपनी तकनीक को मजबूत करने की जरूरत है."

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दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पोंटिंग ने कॉमेंट्री के दौरान ही शॉ के आउट होने के तरीके की भविष्यवाणी कर दी थी. शॉ ठीक उसी तरह आउट हुए जिस तरह पोंटिंग ने बताया था- बैट और पैड के बीच गैप. पोंटिंग ने आईपीएल के पहले हाफ के दौरान कहा था कि शॉ अपनी तकनीक पर काम कर रहे हैं. वो ऑफ स्टम्प की तरफ जाकर अपने आप को लेग स्टम्प पर रन करने का मौका दे रहे हैं. इससे फायदा हुआ था क्योंकि शॉ ने दो अर्धशतक बनाए थे लेकिन इसके बाद वह फॉर्म खो बैठे. न्यूजीलैंड दौरे पर भी शॉ का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था. उन्होंने 16, 14, 54 और 14 रनों की पारियां खेली थीं.

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