हैदराबाद: जीत के नशे में चूर बांग्लादेश के खिलाड़ियों ने 9 फरवरी को हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में हदें पार कर दी. बांग्लादेश के कप्तान अकबर अली ने पहला अंडर-19 वर्ल्डकप जीतने के बाद कहा कि "मैच के बाद जो भी हुआ उसका हमें दुख हैं ऐसा नहीं होना चाहिए था". बांग्लादेशी तेज गेंदबाज शरीफुल इस्लाम के द्वारा हर गेंद के बाद भारतीय बल्लेबाजों के खिलाफ स्लैजिंग ने मैच के अंत तक हाथापाई का रूप ले लिया.
बांग्लादेशी खिलाड़ियों द्वारा बार-बार कैमरे के सामने भी जो व्यवहार किया गया वो अपने आप में काफी भड़काऊ था लेकिन सवाल ये भी खड़े हो रहे हैं कि क्या ये सिर्फ एक तरफ से की गई कारगुजारी है या भारतीय खिलाड़ियों ने कुछ ऐसा किया जिसके बाद नौबत यहां तक पहुंची.
हालांकि इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता कि दोनों ही टीमों में युवा खिलाड़ी है, गरम खून हैं तो इतने हाई प्रेशर मैच में खुद को शांत रखना शायद इन खिलाड़ियों ने अभी नहीं सीखा. सूत्रों की मानें तो आईसीसी इस पूरे प्रकरण पर एक जांच कमेटी बनाने जा रही है जिसके बाद ही सच समाने आएगा कि आखिर गलती किसकी है.
हालांकि भारतीय टीम के मैनेजर अनिल पटेल ने कहा कि "इस तरह के बर्ताव के बाद हम इसकी शिकायत आईसीसी को करने ही वाले थे कि तभी आईसीसी की तरफ से एक अधिकारी उनसे मिले और हमने उन्हें पूरी जानकारी दी"
इस उम्र के खिलाड़ियों को इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इन्हें भविष्य में कितना और क्रिकेट खेलना है. इनका पूरा करियर इनके सामने है. दरअसल कार्रवाई की बात तो ठीक है लेकिन जरूरत ये है कि दोनों देशों के बोर्ड द्वारा ऐसी कमेटी गठित की जाए जो इन खिलाड़ियों को सिखाए कि कैसे क्रिकेट के मैदान पर विपक्षी और साथी खिलाड़ियों के साथ व्यवहार किया जाए.
दिपांशु मदान
स्पोर्ट्स एडिटर