नई दिल्ली : भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री ने ये साफ कर दिया है कि टीम में शामिल होने के लिए खिलाड़ियों को यो-यो टेस्ट पास करना जरूरी है. इंडिया-ए हालांकि अलग दिशा में है और उसने इस टेस्ट को हटा दिया है.
इस मामले से संबंध रखने वाले एक सूत्र ने एक मीडिया हाऊस से कहा कि इंडिया-ए को राष्ट्रीय टीम में एक सप्लाई चेन के रूप में देखा जाता है लेकिन इसके बाद भी ये टेस्ट इंडिया-ए टीम के सिस्टम का हिस्सा नहीं है.
सूत्र ने कहा, "नहीं, यो-यो टेस्ट इंडिया-ए टीम का हिस्सा नहीं है. ये कम से कम बीते कुछ महीनों से तो नहीं है."
इस मामले में जब इंडिया-ए के फील्डिंग कोच अभय शर्मा से बात की गई तो वो सटीक जवाब देने से बचते दिखे और उन्होंने कहा कि वो ट्रेनर की कार्यशैली में दखल नहीं देते हैं.
अभय ने दक्षिण अफ्रीका में कहा, "देखिए, आपको इस संबंध में ट्रेनर से बात करनी होगी कि ये क्यों और कैसे? ये हमारा कार्यक्षेत्र नहीं है और हम कार्यशैली में दखल भी नहीं देते हैं. वो लोग विशेष प्रोग्राम बनाते हैं जिनके बारे में वही आपको बता सकते हैं."
जब उनसे पूछा गया कि क्या ये कोहली और शास्त्री के उस सिस्टम को तोड़ना नहीं है जो वो टीम में लाना चाहते हैं. इस पर उन्होंने कहा, "अंदाजा लगाने के बजाए बेहतर होगा कि आप ट्रेनर से ही पूछ लें. जैसा मैंने कहा, ये हमारा कार्यक्षेत्र नहीं है."
इस संबंध में जब भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने न मैसेज के जवाब दिए न ही फोन का. यहां ये बताना जरूरी है कि द्रविड़ अंडर-19 और इंडिया-ए के कोच थे और उनके समय में ही यो-यो टेस्ट को हटा दिया गया था.
बीसीसीआई के एक कार्यकारी ने कहा कि इससे गंभीर सवाल खड़े होते हैं जिनका तुरंत समाधान होना चाहिए. उन्होंने कहा, "ये अच्छे संकेत नहीं हैं. फिटनेस भारतीय टीम की कार्यशैली का अहम हिस्सा है और अगर आप इसे ए टीम में ही रोक देंगे तो एक खिलाड़ी सीनियर टीम में किस स्थिति में पहुंचेगा और वो तालमेल बैठा नहीं पाएगा."
उन्होंने कहा, "पूरी बात ये है कि ए टीम राष्ट्रीय टीम की सप्लाई लाइन है ताकि खिलाड़ी जब राष्ट्रीय टीम में आएं तो मानसिक तौर पर तैयार हो कर आएं, वो ऐसा महसूस न करें कि वह अलग हैं. कोहली और शास्त्री की यो-यो टेस्ट की नीति ने गजब का काम किया है और इसी कारण टीम खेल के तीनों प्रारूपों में गजब खेल रही है."
उन्होंने कहा, "ये देखना होगा कि किसने इस प्रक्रिया को रोका और क्यों क्योंकि इससे कोहली और शास्त्री के प्रयास विफल चले जाएंगे.