ETV Bharat / sports

ICC की क्रिकेट कमेटी ने 'अंपायर्स कॉल' को DRS का हिस्सा बनाए रखने की सिफारिश की - अंपायर्स कॉल

DRS की शुरुआत के बाद से क्रिकेट जगत में 'अंपायर कॉल' एक बहुत बड़ा बहस का मुद्दा रहा है और कई पूर्व खिलाड़ियों ने आईसीसी से इसे दूर करने का आग्रह किया है.

ICC's Cricket Committee set to back contentious 'umpire's call' rule
ICC's Cricket Committee set to back contentious 'umpire's call' rule
author img

By

Published : Mar 24, 2021, 11:59 AM IST

नई दिल्ली [भारत]: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की क्रिकेट समिति ने सिफारिश की है कि DRS में 'अंपायर्स कॉल' नियम की जरूरत इसलिए है क्योंकि बॉल-ट्रैकिंग तकनीक 100 फीसदी सहीं नहीं होती है.

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस सिफारिश को गवर्निंग बॉडी की मुख्य कार्यकारी समिति की बैठक में पेश किया जाएगा, जो आने वाले सप्ताह में एक वर्चुअल मीटिंग के तौर पर होगी.

रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली समिति और पूर्व अंतरराष्ट्रीय कप्तानों का एक जत्था जिसमें- एंड्रयू स्ट्रॉस, राहुल द्रविड़, माहेला जयवर्धने, शॉन पोलक - और साथ ही मैच रेफरी रंजन मदुगले, अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ और मिकी आर्थर की मौजूदगी में इस पर विचार किया है. साथ ही इस कमेटी ने मैच ऑफीशियल्स, ब्रॉडकास्टर्स, हॉक आई, बॉल ट्रैकिंग तकनीक सप्लायर से राय लेकर अपना सुझाव दिया है.

समिति ने विचार करने के बाद फैसला किया कि 'अंपायर कॉल' नियम बना रहना चाहिए.

डीआरएस की शुरुआत के बाद से क्रिकेट जगत में 'अंपायर कॉल' एक बहुत बड़ा बहस का मुद्दा रहा है और कई पूर्व खिलाड़ियों ने आईसीसी से इसे दूर करने का आग्रह किया है. हालांकि, इस महीने की शुरुआत में, अंपायर नितिन मेनन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इसे क्यों बने रहना चाहिए.

मेनन ने कहा, "सबसे पहले, अंपायर की कॉल उन फैसलों के बारे में है जो बहुत करीबी हैं, ऐसे फैसले जो 50-50% हैं, जो किसी भी तरफ जा सकते हैं. ये पूरी तरह से सही निर्णय नहीं है जो पलट दिया जाए. इसलिए ये 50-50 का निर्णय है जो किसी भी तरह से, बल्लेबाजी की तरफ या क्षेत्ररक्षण के पक्ष में जा सकता है. जब हम जानते हैं कि तकनीक स्वयं 100 प्रतिशत सही नहीं है, तो आपको अंपायर की कॉल की आवश्यकता होती है."

भारत के कप्तान विराट कोहली ने हाल ही में कहा था कि अंपायर्स कॉल इस समय बहुत भ्रम पैदा कर रहा है और कानून बनाने वालों को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि एक बड़े टूर्नामेंट के खेले जाने पर ये कोई बड़ी समस्या ना खड़ी कर दें.

नई दिल्ली [भारत]: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की क्रिकेट समिति ने सिफारिश की है कि DRS में 'अंपायर्स कॉल' नियम की जरूरत इसलिए है क्योंकि बॉल-ट्रैकिंग तकनीक 100 फीसदी सहीं नहीं होती है.

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस सिफारिश को गवर्निंग बॉडी की मुख्य कार्यकारी समिति की बैठक में पेश किया जाएगा, जो आने वाले सप्ताह में एक वर्चुअल मीटिंग के तौर पर होगी.

रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली समिति और पूर्व अंतरराष्ट्रीय कप्तानों का एक जत्था जिसमें- एंड्रयू स्ट्रॉस, राहुल द्रविड़, माहेला जयवर्धने, शॉन पोलक - और साथ ही मैच रेफरी रंजन मदुगले, अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ और मिकी आर्थर की मौजूदगी में इस पर विचार किया है. साथ ही इस कमेटी ने मैच ऑफीशियल्स, ब्रॉडकास्टर्स, हॉक आई, बॉल ट्रैकिंग तकनीक सप्लायर से राय लेकर अपना सुझाव दिया है.

समिति ने विचार करने के बाद फैसला किया कि 'अंपायर कॉल' नियम बना रहना चाहिए.

डीआरएस की शुरुआत के बाद से क्रिकेट जगत में 'अंपायर कॉल' एक बहुत बड़ा बहस का मुद्दा रहा है और कई पूर्व खिलाड़ियों ने आईसीसी से इसे दूर करने का आग्रह किया है. हालांकि, इस महीने की शुरुआत में, अंपायर नितिन मेनन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इसे क्यों बने रहना चाहिए.

मेनन ने कहा, "सबसे पहले, अंपायर की कॉल उन फैसलों के बारे में है जो बहुत करीबी हैं, ऐसे फैसले जो 50-50% हैं, जो किसी भी तरफ जा सकते हैं. ये पूरी तरह से सही निर्णय नहीं है जो पलट दिया जाए. इसलिए ये 50-50 का निर्णय है जो किसी भी तरह से, बल्लेबाजी की तरफ या क्षेत्ररक्षण के पक्ष में जा सकता है. जब हम जानते हैं कि तकनीक स्वयं 100 प्रतिशत सही नहीं है, तो आपको अंपायर की कॉल की आवश्यकता होती है."

भारत के कप्तान विराट कोहली ने हाल ही में कहा था कि अंपायर्स कॉल इस समय बहुत भ्रम पैदा कर रहा है और कानून बनाने वालों को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि एक बड़े टूर्नामेंट के खेले जाने पर ये कोई बड़ी समस्या ना खड़ी कर दें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.