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जानिए साल 1994 में कप्तान अजहरउद्दीन से सचिन को क्यों करनी पड़ी थी विनती - सचिन

एक चैट शो के दौरान सचिन ने इस बात का खुलासा किया कि 1994 में नवजोत सिंह सिद्धू की जगह ओपनिंग करने आये सचिन को न्यूजीलैंड के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाने के लिए भी कप्तान से भीख मांगनी पड़ी.

Sachin
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Published : Sep 26, 2019, 11:30 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 1:47 AM IST

हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने 1994 के ड्रेसिंग रूम का एक किस्सा बताया कि क्यों वनडे में ओपनिंग का मौका मिलने के बाद भी सचिन को कप्तान अजहरउद्दीन के चक्कर काटने पड़े. सचिन ने एक शो के दौरान बताया कि उनकों वनडे में ओपनिंग करने के लिए कप्तान से निवेदन करना पड़ा. 1994 में नवजोत सिंह सिद्धू की जगह ओपनिंग करने आये सचिन को न्यूजीलैंड के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाने के लिए भी कप्तान से भीख मांगनी पड़ी.

एक चैट शो के दौरान सचिन ने इस बात का खुलासा किया कि 1994 में जब उन्होंने सलामी बल्लेबाजी की शुरूआती की थी तब टीमों की स्ट्रेटिजी विकेट बचाने की हुआ करती थी. सचिन आउट ऑफ दा बॉक्स जाकर कुछ करने की कोशिश करना चाहते थे और वो विपक्षी गेंदबाजों पर जमकर हमला बोलना चाहते थे लेकिन उनकों ऐसा करने के लिए भी कप्तान को मनाना पड़ा. सचिन ने कहा कि अगर मैं आक्रामक रवैया अपनाने में विफल रहा तो वो कप्तान से दोबारा मौका नहीं मांगेंगे.
सचिन तेंदुलकर, Sachin Tendulkar
सचिन तेंदुलकर
अपनी बात को साबित करने के लिए उस मैच में सचिन ने 49 गेंदों में 82 रन जड़े थे, " उस मैच में मैंने 49 गेंदों में 82 रन बनाये थे इसलिए मुझे दोबारा पुछना नहीं पड़ा. कप्तान मुझसे ओपनिंग करवाने के लिए तैयार थे लेकिन मैं ये साबित करना चाहता था कि मैं फेलियर से डरता नहीं हूं.

हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने 1994 के ड्रेसिंग रूम का एक किस्सा बताया कि क्यों वनडे में ओपनिंग का मौका मिलने के बाद भी सचिन को कप्तान अजहरउद्दीन के चक्कर काटने पड़े. सचिन ने एक शो के दौरान बताया कि उनकों वनडे में ओपनिंग करने के लिए कप्तान से निवेदन करना पड़ा. 1994 में नवजोत सिंह सिद्धू की जगह ओपनिंग करने आये सचिन को न्यूजीलैंड के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाने के लिए भी कप्तान से भीख मांगनी पड़ी.

एक चैट शो के दौरान सचिन ने इस बात का खुलासा किया कि 1994 में जब उन्होंने सलामी बल्लेबाजी की शुरूआती की थी तब टीमों की स्ट्रेटिजी विकेट बचाने की हुआ करती थी. सचिन आउट ऑफ दा बॉक्स जाकर कुछ करने की कोशिश करना चाहते थे और वो विपक्षी गेंदबाजों पर जमकर हमला बोलना चाहते थे लेकिन उनकों ऐसा करने के लिए भी कप्तान को मनाना पड़ा. सचिन ने कहा कि अगर मैं आक्रामक रवैया अपनाने में विफल रहा तो वो कप्तान से दोबारा मौका नहीं मांगेंगे.
सचिन तेंदुलकर, Sachin Tendulkar
सचिन तेंदुलकर
अपनी बात को साबित करने के लिए उस मैच में सचिन ने 49 गेंदों में 82 रन जड़े थे, " उस मैच में मैंने 49 गेंदों में 82 रन बनाये थे इसलिए मुझे दोबारा पुछना नहीं पड़ा. कप्तान मुझसे ओपनिंग करवाने के लिए तैयार थे लेकिन मैं ये साबित करना चाहता था कि मैं फेलियर से डरता नहीं हूं.
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जब सचिन को कप्तान अजहरउद्दीन से मांगनी पड़ी थी भीख



भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने  1994 के ड्रेसिंग रूम का एक किस्सा बताया कि क्यों वनडे में ओपनिंग का मौका मिलने के बाद भी सचिन को कप्तान अजहरउद्दीन के चक्कर काटने पड़े. सचिन ने एक शो के दौरान बताया कि उनकों वनडे में ओपनिंग करने के लिए कप्तान से निवेदन करना पड़ा. 1994 में नवजोत सिंह सिद्धू की जगह ओपनिंग करने आये सचिन को न्यूजीलैंड के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाने के लिए भी कप्तान से भीख मांगनी पड़ी. 

एक चैट शो के दौरान सचिन ने इस बात का खुलासा किया कि 1994 में जब उन्होंने सलामी बल्लेबाजी की शुरूआती की थी तब टीमों की स्ट्रेटिजी विकेट बचाने की हुआ करती थी. सचिन आउट ऑफ दा बॉक्स जाकर कुछ करने की कोशिश करना चाहते थे और वो विपक्षी गेंदबाजों पर जमकर हमला बोलना चाहते थे लेकिन उनकों ऐसा करने के लिए भी कप्तान को मनाना पड़ा. सचिन ने कहा कि अगर मैं आक्रामक रवैया अपनाने में विफल रहा तो वो कप्तान से दोबारा मौका नहीं मांगेंगे. 

अपनी बात को साबित करने के लिए उस मैच में सचिन ने 49 गेंदों में 82 रन जड़े थे, " उस मैच में मैंने 49 गेंदों में 82 रन बनाये थे इसलिए मुझे दोबारा पुछना नहीं पड़ा. कप्तान मुझसे ओपनिंग करवाने के लिए तैयार थे लेकिन मैं ये साबित करना चाहता था कि मैं फेलियर से डरता नहीं हूं. 


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Last Updated : Oct 2, 2019, 1:47 AM IST
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