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डेस्टिनेशन वेडिंग परिवारवालों के बिना नहीं सुहाती.. बाहर IPL कराने पर बोलीं फ्रेंचाइजी - cricket

आईपीएल की फ्रेंचाइजियों ने आईपीएल को देश से बाहर करवाने पर नाराजगी जताई है.

आईपीएल
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Published : Jun 16, 2020, 8:14 AM IST

हैदराबाद : बीसीसीआई में बेशक आईपीएल के 13वें सीजन को आयोजित कहां कराना है इसे लेकर लोग बंटे हुए हों, लेकिन फ्रेंचाइजियां इस बात को लेकर साफ हैं कि वो लीग का आयोजन भारत में ही चाहती हैं. ये बात तब सामने आई है जब आईपीएल के चेयरमैन बृजेश पटेल ने कहा कि अगर भारत में कोरोनावायरस को लेकर स्थिति सुधरती नहीं है तो लीग का आयोजन बाहर करना एक विकल्प हो सकता है.

आईपीएल फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी ने कहा कि लीग का भारत में होना काफी अहम है न सिर्फ फ्रेंचाइजी के लिए बल्कि देश के क्रिकेट प्रशंसकों के लिए भी. उन्होंने कहा, "व्यवस्था के मुद्दे को एक मिनट के लिए छोड़ देते हैं. जरा सोचिए कि जब आप देश के बाहर आईपीएल ले जाओगे तो क्या संदेश दोगे? यही कि भारत में टूर्नामेंट कराने को लेकर स्थिति अच्छी नहीं है? इसका मतलब है कि सामान्य हालात नहीं हैं. इस समय, भारत में आईपीएल होने का मतलब है कि भारत में लोगों को उम्मीद देना. क्रिकेट यहां धर्म है और आप भारत में आईपीएल के सकारात्मक प्रभाव को नकार नहीं सकते वो भी ऐसे समय में जब देश बुरे वक्त से गुजर रहा है."

आईपीएल देखते हुए दर्शक
आईपीएल देखते हुए दर्शक

उन्होंने कहा, "अब व्यवस्थात्मक मुद्दे पर आते हैं. यह बहुत बुरा होगा. भारत में क्या होगा कि अगर विदेशी खिलाड़ी आएंगे तो उन्हें ही क्वारंटाइन करना होगा. लेकिन अगर हम बाहर जाएंगे तो यह सुनिश्चित करना होगा कि हर टीम जो 25-30 लोगों का समूह है वो क्वारंटाइन हों. यह ऐसे समय में तो अच्छी स्थिति नहीं है, जब हम गेट मनी नहीं कमा रहे हैं सिर्फ प्रसारण से हमारे पास पैसा आएगा."

अन्य फ्रेंचाइजी के एक और अधिकारी ने भी इस बात को लेकर हामी भरी और कहा कि अन्य बोर्डों से तो मेजबानी करने की अपील आ रही हैं, लेकिन फ्रेंचाइजी ने एक बार भी इसके बारे में नहीं सोचा. उन्होंने कहा, "2009 में जब टूर्नामेंट दक्षिण अफ्रीका गया था तो इसका वित्तीय असर एक साल तक रहा था. आप खर्च वहन करने को लेकर स्थिति को मत भूलिए कि यह बीसीसीआई करेगी या फ्रेंचाइजी. 2014 में यूएई में हुआ आईपीएल ज्यादा बेहतर था, क्योंकि आईपीएल का एक हिस्सा ही बाहर खेला गया था. लेकिन मौजूदा स्थिति में आप आधे आईपीएल को बाहर नहीं करा सकते."

आईपीएल
आईपीएल

उन्होंने साथ ही कहा, "साथ ही आपको यह ध्यान रखना होगा कि फ्रेंचाइजियों और बीसीसीआई ने आईपीएल बाहर ले जाने का प्रस्ताव नहीं रखा है. विदेशी बोर्डों ने आमंत्रण भेजे हैं. फ्रेंचाइजी होने के नाते हम निश्चित तौर पर चाहते हैं कि आईपीएल भारत में हो क्योंकि इसकी पहचान भारत से है."

एक और फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने कहा, "देखिए इस बार मेल-मुलाकात वाले सत्र तो होंगे नहीं और मैदान के बाहर होने वाली गतिविधियां भी नहीं होंगी. आईपीएल में स्पांसर इंगेजमेंट बड़ा हिस्सा है लेकिन यह इस बार नहीं होगा और होगा भी तो बहुत नियंत्रित तरीके से. इसलिए कंपनी जिसका व्यवसाय यूएई या श्रीलंका में नहीं है तो वो आईपीएल को बाहर क्यों ले जाएगी ब्रांड वेल्यू पर पहले ही मार पड़ी है क्योंकि मैच सिर्फ टेलीविजन पर ही देखे जा सकेंगे."

हैदराबाद : बीसीसीआई में बेशक आईपीएल के 13वें सीजन को आयोजित कहां कराना है इसे लेकर लोग बंटे हुए हों, लेकिन फ्रेंचाइजियां इस बात को लेकर साफ हैं कि वो लीग का आयोजन भारत में ही चाहती हैं. ये बात तब सामने आई है जब आईपीएल के चेयरमैन बृजेश पटेल ने कहा कि अगर भारत में कोरोनावायरस को लेकर स्थिति सुधरती नहीं है तो लीग का आयोजन बाहर करना एक विकल्प हो सकता है.

आईपीएल फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी ने कहा कि लीग का भारत में होना काफी अहम है न सिर्फ फ्रेंचाइजी के लिए बल्कि देश के क्रिकेट प्रशंसकों के लिए भी. उन्होंने कहा, "व्यवस्था के मुद्दे को एक मिनट के लिए छोड़ देते हैं. जरा सोचिए कि जब आप देश के बाहर आईपीएल ले जाओगे तो क्या संदेश दोगे? यही कि भारत में टूर्नामेंट कराने को लेकर स्थिति अच्छी नहीं है? इसका मतलब है कि सामान्य हालात नहीं हैं. इस समय, भारत में आईपीएल होने का मतलब है कि भारत में लोगों को उम्मीद देना. क्रिकेट यहां धर्म है और आप भारत में आईपीएल के सकारात्मक प्रभाव को नकार नहीं सकते वो भी ऐसे समय में जब देश बुरे वक्त से गुजर रहा है."

आईपीएल देखते हुए दर्शक
आईपीएल देखते हुए दर्शक

उन्होंने कहा, "अब व्यवस्थात्मक मुद्दे पर आते हैं. यह बहुत बुरा होगा. भारत में क्या होगा कि अगर विदेशी खिलाड़ी आएंगे तो उन्हें ही क्वारंटाइन करना होगा. लेकिन अगर हम बाहर जाएंगे तो यह सुनिश्चित करना होगा कि हर टीम जो 25-30 लोगों का समूह है वो क्वारंटाइन हों. यह ऐसे समय में तो अच्छी स्थिति नहीं है, जब हम गेट मनी नहीं कमा रहे हैं सिर्फ प्रसारण से हमारे पास पैसा आएगा."

अन्य फ्रेंचाइजी के एक और अधिकारी ने भी इस बात को लेकर हामी भरी और कहा कि अन्य बोर्डों से तो मेजबानी करने की अपील आ रही हैं, लेकिन फ्रेंचाइजी ने एक बार भी इसके बारे में नहीं सोचा. उन्होंने कहा, "2009 में जब टूर्नामेंट दक्षिण अफ्रीका गया था तो इसका वित्तीय असर एक साल तक रहा था. आप खर्च वहन करने को लेकर स्थिति को मत भूलिए कि यह बीसीसीआई करेगी या फ्रेंचाइजी. 2014 में यूएई में हुआ आईपीएल ज्यादा बेहतर था, क्योंकि आईपीएल का एक हिस्सा ही बाहर खेला गया था. लेकिन मौजूदा स्थिति में आप आधे आईपीएल को बाहर नहीं करा सकते."

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उन्होंने साथ ही कहा, "साथ ही आपको यह ध्यान रखना होगा कि फ्रेंचाइजियों और बीसीसीआई ने आईपीएल बाहर ले जाने का प्रस्ताव नहीं रखा है. विदेशी बोर्डों ने आमंत्रण भेजे हैं. फ्रेंचाइजी होने के नाते हम निश्चित तौर पर चाहते हैं कि आईपीएल भारत में हो क्योंकि इसकी पहचान भारत से है."

एक और फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने कहा, "देखिए इस बार मेल-मुलाकात वाले सत्र तो होंगे नहीं और मैदान के बाहर होने वाली गतिविधियां भी नहीं होंगी. आईपीएल में स्पांसर इंगेजमेंट बड़ा हिस्सा है लेकिन यह इस बार नहीं होगा और होगा भी तो बहुत नियंत्रित तरीके से. इसलिए कंपनी जिसका व्यवसाय यूएई या श्रीलंका में नहीं है तो वो आईपीएल को बाहर क्यों ले जाएगी ब्रांड वेल्यू पर पहले ही मार पड़ी है क्योंकि मैच सिर्फ टेलीविजन पर ही देखे जा सकेंगे."

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