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EXCLUSIVE: फटे ग्लव्स पहनकर खेलने वाली शेफाली ने वर्ल्डकप टीम में बनाई जगह, देखिए पिता ने क्या कहा

भारतीय महिला टीम की खिलाड़ी शेफाली वर्मा पिता की गरीबी के कारण कभी इतनी मजबूर थी कि फटे पुराने ग्लव्स और बैट से खेलती थी. यही नहीं शेफाली मैदान में हाथों को इसलिए नहीं खोलती थी क्योंकि वो नहीं चाहती थी कि फटे ग्लव्स को देखकर दूसरे खिलाड़ी उस पर हंसे नहीं.

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Published : Jan 13, 2020, 5:46 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 7:15 PM IST

रोहतक: कहते हैं हौसलों से उड़ान होती है. इस कहावत को 15 साल की भारतीय महिला क्रिकेटर शेफाली वर्मा ने साबित कर दिया है. कभी गरीबी के कारण मजबूरन शेफाली फटे ग्लव्स को अपने किट में छुपाकर अंदर ही पहन लेती थी ताकि दूसरे साथियों को फटे पुराने ग्लव्ज न दिखे और वह उसका मजाक न बनाए, लेकिन आज शेफाली उस मुकाम को पीछे छोड़ इतनी आगे निकल चुकी है कि सभी को उस पर नाज है.

टी-20 वर्ल्ड कप में हुआ चयन

देखिए वीडियो

अपनी धमाकेदार पारी की बदौलत शेफाली वर्मा का अगले महीने फरवरी में होने वाली टी-20 वर्ल्ड कप में चयन हो गया है यह वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया में 21 फरवरी से शुरू होकर 8 मार्च तक आयोजित किया जाएगा.

ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होने वाले वर्ल्ड कप के लिए भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल हुई शेफाली वर्मा पिता की गरीबी पर कभी इतनी मजबूर थी के फटे पुराने ग्लव्स और बैट से खेलती थी. यही नहीं शेफाली मैदान में हाथों को इसलिए नहीं खोलती थी क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि फटे ग्लव्ज को देखकर दूसरे खिलाड़ी उस पर हंसे नही. इन सब बातों का खुलासा करते हुए शेफाली के पिता भी अपने आंसू नहीं रोक पाए.

शेफाली फटे ग्लव्स और पुराने बैट का घरवालों के सामने नहीं करती थी जिक्र

ईटीवी भारत ने शेफाली के पिता से बातचीत की उन्होंने कहा है कि मेरी गरीबी को देखते हुए शेफाली के फटे ग्लव्स और पुराने बैट की बात कभी घर में नहीं बताई और बेटी महीनों तक उन्हीं से खेलती रही. आज पिता ने जैसे ही शेफाली के पुराने ग्लव्ज और बैट को देखा तो आंसू नहीं रोक पाए. कुछ वक्त पहले गरीबी और मजबूरी आज पिता की आंखों में समंदर बनकर बह रही थी. शेफाली वर्मा का भारतीय टी-20 विश्व कप टीम में चयन होने पर परिजन बेहद खुश है.

शेफाली ने कभी हार नहीं मानी

शेफाली के पिता संजीव वर्मा ने ये भी बताया कि, "एक समय ऐसा आया था कि जब मेरी जेब में केवल ₹280 थे. उसी दौरान बेटी भी घर के हालातों को समझकर अपने लिए नया बैट और ग्लव्स की बात कह ही नहीं सकी और फटे पुराने क्लब और बैट से चुपचाप खेलती रही. उन्होंने बताया कि जब भी शेफाली कहीं खेलने जाती तो ग्लव्स को छुपाकर किट के अंदर ही पहन लेती थी ताकि दूसरे किसी खिलाड़ी साथी को पता न चल सके. लेकिन शेफाली ने कभी हार नहीं मानी और आज बेटी के चयन पर हमें बेहद नाज है, उन्होंने उम्मीद जताई कि अबकी बार शेफाली वर्ल्ड कप में बेहतर प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन करेगी. वहीं दूसरी ओर शेफाली की माँ प्रवीण का कहना है कि बेटी के वर्ल्ड कप टीम में चयन होने पर बधाइयां का ताता लगा हुआ है और इसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है.'

रोहतक: कहते हैं हौसलों से उड़ान होती है. इस कहावत को 15 साल की भारतीय महिला क्रिकेटर शेफाली वर्मा ने साबित कर दिया है. कभी गरीबी के कारण मजबूरन शेफाली फटे ग्लव्स को अपने किट में छुपाकर अंदर ही पहन लेती थी ताकि दूसरे साथियों को फटे पुराने ग्लव्ज न दिखे और वह उसका मजाक न बनाए, लेकिन आज शेफाली उस मुकाम को पीछे छोड़ इतनी आगे निकल चुकी है कि सभी को उस पर नाज है.

टी-20 वर्ल्ड कप में हुआ चयन

देखिए वीडियो

अपनी धमाकेदार पारी की बदौलत शेफाली वर्मा का अगले महीने फरवरी में होने वाली टी-20 वर्ल्ड कप में चयन हो गया है यह वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया में 21 फरवरी से शुरू होकर 8 मार्च तक आयोजित किया जाएगा.

ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होने वाले वर्ल्ड कप के लिए भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल हुई शेफाली वर्मा पिता की गरीबी पर कभी इतनी मजबूर थी के फटे पुराने ग्लव्स और बैट से खेलती थी. यही नहीं शेफाली मैदान में हाथों को इसलिए नहीं खोलती थी क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि फटे ग्लव्ज को देखकर दूसरे खिलाड़ी उस पर हंसे नही. इन सब बातों का खुलासा करते हुए शेफाली के पिता भी अपने आंसू नहीं रोक पाए.

शेफाली फटे ग्लव्स और पुराने बैट का घरवालों के सामने नहीं करती थी जिक्र

ईटीवी भारत ने शेफाली के पिता से बातचीत की उन्होंने कहा है कि मेरी गरीबी को देखते हुए शेफाली के फटे ग्लव्स और पुराने बैट की बात कभी घर में नहीं बताई और बेटी महीनों तक उन्हीं से खेलती रही. आज पिता ने जैसे ही शेफाली के पुराने ग्लव्ज और बैट को देखा तो आंसू नहीं रोक पाए. कुछ वक्त पहले गरीबी और मजबूरी आज पिता की आंखों में समंदर बनकर बह रही थी. शेफाली वर्मा का भारतीय टी-20 विश्व कप टीम में चयन होने पर परिजन बेहद खुश है.

शेफाली ने कभी हार नहीं मानी

शेफाली के पिता संजीव वर्मा ने ये भी बताया कि, "एक समय ऐसा आया था कि जब मेरी जेब में केवल ₹280 थे. उसी दौरान बेटी भी घर के हालातों को समझकर अपने लिए नया बैट और ग्लव्स की बात कह ही नहीं सकी और फटे पुराने क्लब और बैट से चुपचाप खेलती रही. उन्होंने बताया कि जब भी शेफाली कहीं खेलने जाती तो ग्लव्स को छुपाकर किट के अंदर ही पहन लेती थी ताकि दूसरे किसी खिलाड़ी साथी को पता न चल सके. लेकिन शेफाली ने कभी हार नहीं मानी और आज बेटी के चयन पर हमें बेहद नाज है, उन्होंने उम्मीद जताई कि अबकी बार शेफाली वर्ल्ड कप में बेहतर प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन करेगी. वहीं दूसरी ओर शेफाली की माँ प्रवीण का कहना है कि बेटी के वर्ल्ड कप टीम में चयन होने पर बधाइयां का ताता लगा हुआ है और इसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है.'

Intro:ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होने वाले वर्ल्ड कप के लिए भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल हुई 15 साल की सेफाली वर्मा पिता की गरीबी पर कभी इतनी मजबूर थी के फटे पुराने ग्लव्स और बैट से खेलती थी। यही नहीं शेफाली मैदान में हाथों को इसलिए नहीं खोलती थी क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि फटे ग्लब्ज को देखकर दूसरे खिलाड़ी उस पर हंसे नही। इन सब बातों का खुलासा करते हुए शेफाली के पिता भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। शेफाली के पिता का कहना है कि मेरी गरीबी को देखते हुए शेफाली के फटे गलत और बैट की बात कभी घर में नहीं बताई। और बेटी महीनों तक उन्हीं से खेलती रही। आज पिता ने जैसे ही शेफाली के पुराने गलत और बैट को देखा तो आंसू नहीं रोक पाए। कुछ वक्त पहले गरीबी और मजबूरी आज पिता की आंखों में समंदर बनकर बह रही थी। शेफाली वर्मा के भारतीय महिला क्रिकेट टीम में सिलेक्शन होने पर परिजन बेहद खुश है।


Body:कहते हैं हौसले हौसलों से उड़ान होती है। इस कहावत को 15 साल की भारतीय महिला क्रिकेटर शेफाली वर्मा ने साबित कर दिया है। कभी गरीबी के कारण मजबूरन शेफाली फटे ग्लव्स को अपने किट में ही पहन लेती थी ताकि दूसरे साथियों को फटे पुराने ग्लब्ज न दिखे और वह उसका मजाक न बनाए। लेकिन आज शेफाली उस मुकाम को पीछे छोड़ इतनी आगे निकल चुकी है कि सभी को उस पर नाज है। अपनी धमाकेदार पारी की बदौलत शेफाली वर्मा का अगले महीने फरवरी में होने वाली टी-20 वर्ल्ड कप सीरीज में चयन हो गया है यह वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया में 21 फरवरी से शुरू होकर 8 मार्च तक आयोजित किया जाएगा


Conclusion:वहीं दूसरी ओर शेफाली के पिता का फटे पुराने ग्लव्स देखकर गला भर आया। पिता बेटी की मजबूरी को याद करने लगे। शेफाली के पिता की आंखों में बीते दिनों के दुख आंसू बनकर निकलने लगे। शेफाली के पिता कहते हैं कि शेफाली के फटे गलत वाली बात सबसे छिपाई।शेफाली के पिता संजीव वर्मा ने बताया कि एक समय ऐसा आया था कि जब मेरी जेब में केवल ₹280 थे। उसी दौरान बेटी भी घर के हालातों को समझकर अपने लिए नया बैट और ग्लब्ज की बात कह ही नहीं सकी और फटे पुराने क्लब और बैट से चुपचाप खेलती रही। उन्होंने बताया कि जब भी शेफाली कहीं खेलने जाती तो ग्लब्ज को किट के अंदर ही पहन लेती थी ताकि दूसरे किसी खिलाड़ी साथी को पता न चल सके। लेकिन शेफाली ने कभी हार नहीं मानी और आज बेटी के चयन पर हमें बेहद नाज है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अबकी बार शेफाली वर्ल्ड कप में बेहतर प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन करेगी। वहीं दूसरी ओर शेफाली की माँ प्रवीण का कहना है कि बेटी के वर्ल्ड कप टीम में चयन होने पर बधाइयां का ताता लगा हुआ है और इसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।

बाइट:-शेफाली ओर परवीन शेफाली के माता-पिता
Last Updated : Jan 13, 2020, 7:15 PM IST

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