देहरादून: क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर को बतौर कोच नियुक्त किया है, जिसके बाद वसीम जाफर पहली बार देहरादून पहुंचे हैं. वसीम जाफर ने रविवार को देहरादून पहुंच कर अभिमन्यु क्रिकेट स्टेडियम का दौरा किया, साथ ही उत्तराखंड सीनियर टीम के कुछ खिलाड़ियों से मुलाकात भी की.
ETV BHARAT से खास बातचीत में वसीम जाफर ने टीम को लेकर अपनी नई रणनीतियों को साझा किया है. वसीम जाफर ने कहा कि उत्तराखंड के खिलाड़ी काफी टैलेंटेड हैं. क्योंकि पिछले जितने भी टूर्नामेंट हुए. उन सभी टूर्नामेंट में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने बहुत अच्छा परफॉर्मेंस किया था. हालांकि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को बीसीसीआई से मान्यता मिलने के बाद पिछले साल उत्तराखंड की टीम बहुत अच्छा परफॉर्मेंस नहीं दिखा पाई.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान वसीम जाफर ने बताया कि उनकी कोशिश उत्तराखंड के खिलाड़ियों और टीम को एक अलग स्तर पर पहुंचाने की है, हालांकि अभी फिलहाल ग्रुप-डी में उत्तराखंड सीनियर टीम शामिल है. लिहाजा टीम को टॉप रैंकिंग में शामिल कराना उनकी प्राथमिकता है. यही नहीं, उत्तराखंड के खिलाड़ी अच्छे स्तर पर पहुंच कर वहां पर खेलें, इसकी कोशिश भी जारी रहेगी. वसीम जाफर के मुताबिक खिलाड़ियों को क्रिकेट खेल के बेहतर गुण सिखाने को लेकर एक रणनीति बनायी जाएगी.
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खिलाड़ियों की प्रैक्टिस
वसीम जाफर के मुताबिक सीजन से पहले तैयारियां बेहतर होनी चाहिए. हालांकि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते समय नहीं मिल पाएगा. लेकिन यह सिर्फ उत्तराखंड की खिलाड़ियों की दिक्कत नहीं है. बल्कि सभी टीमों की तैयारियां मुकम्मल नहीं है. लिहाजा जो सुविधाएं मौजूद हैं. उन सुविधाओं का लाभ उठाते हुए बेहतर परफॉर्मेंस देना है. वसीम जाफर की पहली प्राथमिकता उत्तराखंड की टीम नॉकआउट के लिए क्वॉलिफाइड कराना है.
वसीम जाफर के मुताबिक खिलाड़ियों में एक नया जोश भी है. क्योंकि नया सीजन शुरू होने जा रहा है. लिहाजा खिलाड़ियों की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ा जाएगा. हालांकि बतौर कोच वसीम जाफर को नॉकआउट के लिए खिलाड़ियों को तैयार करना बड़ी चुनौती है.
क्रिकेट में करियर
ईटीवी भारत से बातचीत में वसीम जाफर ने बताया कि जो युवा क्रिकेट के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं. उनको यह बात समझने की जरूरत है कि यह एक लंबा रास्ता है. लेकिन अगर वह क्रिकेट क्षेत्र में आना चाहता है तो उन्हें मुख्य रूप से हार्ड वर्क करना होगा. वसीम जाफर के मुताबिक जिस तरह से ग्रेजुएशन करने के लिए एक लंबी पढ़ाई करनी पड़ती है. उसी तरह क्रिकेट में एक अच्छा मुकाम हासिल करने के लिए एक लंबा सफर तय करना पड़ता है, तब जाकर सफलता मिलती है.
कोरोना का क्रिकेट पर असर
वसीम जाफर ने बताया की वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते क्रिकेट जगत पर फर्क पड़ा है. लेकिन जो बच्चे हैं, वे अपने घरों में अपनी फिटनेस को लेकर कुछ न कुछ कोशिश जरूर करते रहते हैं. आमतौर पर अप्रैल-मई के बाद क्रिकेट गतिविधियां बंद ही रहती हैं. ऐसे में कोरोना काल का क्रिकेट जगत पर कुछ खास असर नहीं पड़ा है. हालांकि थोड़ी बहुत दिक्कत जरूर है. लेकिन खिलाड़ी प्रैक्टिस के बाद अपनी लय में वापस आ जाएंगे.
Exclusive : वसीम जाफर ने किया बड़ा खुलासा.. बताया क्यों छोटा रहा अंतरराष्ट्रीय करियर
इससे पहले वसीम जाफर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की थी तो उन्होंने बड़ा खुलासा करते हुए बताया था कि रणजी ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी में बेहतरीन प्रदर्शन करने बावजूद उनका अंतरराष्ट्रीय करियर लंबा क्यों नहीं रहा. देश के लिए 31 टेस्ट मैच और दो वनडे मैच खेलने वाले जाफर ने कहा कि वे घरेलू क्रिकेट में जितने कंसिस्टेंट थे, उतने वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं रह पाए थे. मैं जब मैच्योर हुआ तब मुझे भारत के लिए खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले. 30-31 साल की उम्र में मैं बल्लेबाज के तौर पर मैच्योर हुआ था और तब मैं टीम से बाहर हो चुका था और फिर मुझे मौका ही नहीं मिला. तो मुझे लगता है कि कई कारणों में से ये भी एक कारण है और कंसिस्टेंसी भी एक कारण है. और मैंने सेलेक्टर्स को खुद को ड्रॉप करने का मौका भी दिया था.