मैनचेस्टर: वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर का मानना है कि संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि छोटी टीमों को भी नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका मिले, क्योंकि कोविड-19 महामारी के बीच भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के पास ही जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में मैचों का आयोजन कराने के लिए जरूरी संसाधन है.
क्रिकेट जगत ने महामारी के बीच इंग्लैंड का दौरा करने के वेस्टइंडीज के फैसले की सराहना की थी. मंगलवार को इंग्लैंड ने तीन टेस्ट की सीरीज 2-1 से जीती जिसके साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बहाल हुआ था.
सीरीज का आयोजन जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में किया गया, लेकिन इससे आयोजन के खर्चे काफी बढ़ गए और होल्डर ने कहा कि वेस्टइंडीज जैसी टीमों को इस तरह का वातावरण तैयार करने में जूझना पड़ सकता है.
होल्डर ने यहां तीसरे टेस्ट के समाप्त होने के बाद कहा, ''अगर जल्द ही कुछ नहीं हुआ तो हम देखेंगे कि छोटे देश कम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं क्योंकि हम यह खर्चा नहीं उठा सकते. अब चार या पांच मैचों की सीरीज की जगह दो या तीन मैचों की सीरीज हो रही है.''
उन्होंने कहा, ''हमारे लिए इससे अधिक की मेजबानी काफी मुश्किल है विशेषकर कैरेबिया में. हमारे लिए यह गंभीर दुविधा है. मुझे लगता है कि संबंधित लोगों को बैठकर इस पर विचार करने की जरूरत है.''
वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच सीरीज सिर्फ दो स्थलों मैनचेस्टर और साउथम्पटन में खेली गई और आठ हफ्ते के दौरे के दौरान दोनों टीमें स्टेडियम के होटल में ही ठहरीं.
जेसन होल्डर ने उम्मीद जताई कि इंग्लैंड की टीम भी उनके नक्शेकदम पर चलते हुए जल्द ही कैरेबियाई देशों का दौरा करेगी. उन्होंने कहा, ''हम सिर्फ इंग्लैंड और भारत की सीरीज से ही पैसा कमाते हैं. ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज से कोई फायदा या नुकसान नहीं होता और बाकी सभी सीरीजओं से हमें नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन इस मुश्किल के समय में सिर्फ इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और संभवत: भारत ही क्रिकेट की मेजबानी कर सकते हैं.''
वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड पर कोविड-19 महामारी के वित्तीय असर को देखते हुए वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों और स्टाफ को वेतन कटौती का सामना करना पड़ रहा है.
होल्डर ने कहा, ''वित्तीय रूप से वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए पिछले कुछ साल मुश्किल रहे. हमें वेतन कटौती का सामना करना पड़ा इसलिए अगर 2020 के अंत से पहले सीरीज की मेजबानी संभव हुई तो हम एक संगठन के रूप में काम करते रह पाएंगे''