हैदराबाद : गेंद को स्विंग कराने के लिए उसके एक तरफ सलाइवा लगाना ही एक मात्र तरीका नहीं है. ये कहना है गेंद बनाने वाली कंपनी ड्यूक के मालिक का.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की क्रिकेट समिति ने कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए खेल दोबारा चालू होने पर सलाइवा के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है.
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ड्यूक के मालिक दिलीप जजोदिया ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया, "मुझे इंग्लैंड में स्विंग बड़ी समस्या नहीं लगती."
उन्होंने कहा, "आपको गेंद और बल्ले के बीच संतुलन बनाना होगा नहीं तो खेल बोरिंग हो जाएगा. ये हम जानते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ गेंद की एक सतह को चमकाने से ही गेंद को स्विंग मिलती है. यह गेंद की संपूर्णता पर निर्भर करता है."
उन्होंने कहा, "आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि जिस तरह से हमारी गेंद बनाई जाती है, उससे आपको गेंद का अच्छा शेप मिलेगा, मजबूत सीम जो हवा में रडर की तरह काम करती है और क्योंकि इसे हाथ से सिला जाता है तो ये ज्यादा देर तक सख्त रहती है."
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आईसीसी समिति ने पहले कहा था कि पसीने से वायरस के संक्रमण का खतरा बहुत कम है, इसलिए उसे बैन नहीं किया गया.
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जजोदिया ने कहा, "वो पसीने के इस्तेमाल को बैन नहीं कर रहे हैं. इसलिए आप अपने माथे पर हाथ फेर कर पसीना लगा सकते हैं और चमड़े के स्वाभाव के कारण रगड़ कर पालिश करने से गेंद को चमकाने के लिए ग्रीस मिल जाएगा."
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सलाइवा के बैन को लेकर कई लोग इसके खिलाफ बोल रहे हैं और कह रहे हैं कि इससे गेंदबाजों को नुकसान होगा और बल्ले तथा गेंद का संतुलन बिगड़ जाएगा.
गौरतलब है कि भारत में एसजी, इंग्लैंड में ड्यूक और ऑस्ट्रेलिया में कूकाबुरा गेंद से खेला जाता है.