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दिव्यांग क्रिकेटरों के लिए एकीकृत निकाय का गठन, BCCI की मान्यता मिलने की संभावना - बीसीसीआई

दिव्यांग क्रिकेट का संचालन करने वाली विभिन्न समूहों ने साथ मिलकर डीसीसीआई का गठन किया है, जिसे बीसीसीआई से मान्यता हासिल करनी होगी.

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Published : Mar 22, 2021, 7:32 PM IST

मुंबई : दिव्यांग क्रिकेटरों को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के बैनर तले खेलने का मौका देने के लिए भारतीय दिव्यांग क्रिकेट परिषद (डीसीसीआई) गठन किया गया है.

दिव्यांग क्रिकेट का संचालन करने वाली विभिन्न समूहों ने साथ मिलकर डीसीसीआई का गठन किया है, जिसे बीसीसीआई से मान्यता हासिल करनी होगी.

यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया, "दिव्यांग क्रिकेटरों का बीसीसीआई के बैनर के तहत और मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व करने सपना बहुत जल्द सच हो सकता है."

इसमें कहा गया, "देश में दिव्यांग क्रिकेट का संचालन करने वाले विभिन्न समूहों ने एक साथ आकर कर्नाटक सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत डीसीसीआई का गठन किया है. दृष्टिबाधित क्रिकेट में योगदान देने वाले महंतेश जीके को डीसीसीआई का अध्यक्ष बनाया गया है. डीसीसीआई के गठन में महंतेश के अलावा शारीरिक रूप से दिव्यांग भारतीय क्रिकेट संघ के रवि चौहान, भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट संघ के स्क्वाड्रन लीडर (सेवानिवृत्त) अभय प्रताप सिंह और आईडीसीए के प्रतिनिधि सुमित जैन का योगदान रहा."

यह पता चला है कि यह सुझाव बीसीसीआई सचिव जय शाह की ओर से हाल ही में दिव्यांग क्रिकेट के सभी हितधारकों के साथ बैठक में दिया गया था.

शाह ने सुझाव दिया था कि बीसीसीआई क्रिकेट के सभी रूपों में मदद करने के लिए तैयार है, जिसमें दिव्यांग क्रिकेट भी शामिल है.

यह भी पढ़ें- कोहली के ओपनिंग करने से बेंगलोर की बल्लेबाजी मजबूत होगी : माइकल वॉन

इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति ने अपनी रिपोर्ट में भी यह सिफारिश की थी कि अलग-अलग तरह के दिव्यांग क्रिकेट को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और खेल को सुचारू रूप से चलाने के लिए बीसीसीआई में एक समिति बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए.

मुंबई : दिव्यांग क्रिकेटरों को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के बैनर तले खेलने का मौका देने के लिए भारतीय दिव्यांग क्रिकेट परिषद (डीसीसीआई) गठन किया गया है.

दिव्यांग क्रिकेट का संचालन करने वाली विभिन्न समूहों ने साथ मिलकर डीसीसीआई का गठन किया है, जिसे बीसीसीआई से मान्यता हासिल करनी होगी.

यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया, "दिव्यांग क्रिकेटरों का बीसीसीआई के बैनर के तहत और मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व करने सपना बहुत जल्द सच हो सकता है."

इसमें कहा गया, "देश में दिव्यांग क्रिकेट का संचालन करने वाले विभिन्न समूहों ने एक साथ आकर कर्नाटक सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत डीसीसीआई का गठन किया है. दृष्टिबाधित क्रिकेट में योगदान देने वाले महंतेश जीके को डीसीसीआई का अध्यक्ष बनाया गया है. डीसीसीआई के गठन में महंतेश के अलावा शारीरिक रूप से दिव्यांग भारतीय क्रिकेट संघ के रवि चौहान, भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट संघ के स्क्वाड्रन लीडर (सेवानिवृत्त) अभय प्रताप सिंह और आईडीसीए के प्रतिनिधि सुमित जैन का योगदान रहा."

यह पता चला है कि यह सुझाव बीसीसीआई सचिव जय शाह की ओर से हाल ही में दिव्यांग क्रिकेट के सभी हितधारकों के साथ बैठक में दिया गया था.

शाह ने सुझाव दिया था कि बीसीसीआई क्रिकेट के सभी रूपों में मदद करने के लिए तैयार है, जिसमें दिव्यांग क्रिकेट भी शामिल है.

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इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति ने अपनी रिपोर्ट में भी यह सिफारिश की थी कि अलग-अलग तरह के दिव्यांग क्रिकेट को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और खेल को सुचारू रूप से चलाने के लिए बीसीसीआई में एक समिति बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए.

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