मुंबई : बीसीसीआई के वार्षिक अवॉर्ड समारोह के दौरान पांच दिन के टेस्ट मैच में बदलाव पर सहवाग ने कहा कि चार दिन की चांदनी होती है, टेस्ट मैच नहीं. बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली के अनुरोध पर भारतीय टीम पिछले साल ईडन गार्डन्स में बांग्लादेश के साथ अपना पहला दिन-रात टेस्ट मैच खेल चुकी है.
दिन-रात टेस्ट मैच आगे बढ़ने का रास्ता है
सहवाग ने रविवार रात यहां बीसीसीआई के अवार्ड समारोह के दौरान सातवें मंसूर अली खान पटौदी लेक्चर देते समय ये बात कही. सहवाग ने कहा, "दिन-रात टेस्ट मैच आगे बढ़ने का रास्ता है. हम ईडन गार्डन्स में ये देख चुके हैं. दिन-रात टेस्ट मैच को आयोजित कराने के लिए हमें इसका श्रेय दादा (सौरभ गांगुली) को देना चाहिए."
पूर्व भारतीय ओपनर ने पांच दिन के टेस्ट मैच को चार दिन का करने के प्रस्ताव पर कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री के विचारों का समर्थन किया. कोहली और शास्त्री पांच दिन के टेस्ट मैच में कोई छेड़खानी नहीं करना चाहते हैं.
मैंने हमेशा बदलाव का समर्थन किया है
सहवाग ने पांच दिन के टेस्ट मैच की तुलना बेबी डायपर से करते हुए कहा कि दोनों को केवल तभी बदला जाना चाहिए जब वे बेकार (निर्थक) हो जाए.
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उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा बदलाव का समर्थन किया है. मैं पहले टी-20 मैच में भारत का कप्तान रह चुका हूं और मुझे इसपर गर्व है. मैं 2007 में टी-20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का सदस्य रह चुका हूं लेकिन पांच दिनों का टेस्ट मैच एक रोमांस है."
चार दिन की सिर्फ चांदनी होती है, टेस्ट क्रिकेट नहीं
सहवाग ने कहा, "जर्सी में नाम जैसे शब्द में बदलाव लाना और दिन-रात टेस्ट (पिंक बॉल टेस्ट) का आना ठीक है लेकिन डायपर और पांच दिन का टेस्ट क्रिकेट तभी बदलने चाहिए जब वे खराब हो या वे खत्म हो जाए." सहवाग ने आगे कहा, "पांच दिन का टेस्ट मैच अभी समाप्त नहीं हुआ है. टेस्ट क्रिकेट 143 साल का पुराना फिट आदमी है. उसकी एक आत्मा है. चार दिन की सिर्फ चांदनी होती है, टेस्ट क्रिकेट नहीं."