नई दिल्ली: अखिल भारतीय व्यापारी संघ (CAIT) ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अनुरोध किया है कि वो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 13वें संस्करण को दुबई में आयोजित कराने की अनुमति न दें. BCCI ने रविवार को हुई अपनी IPL गवर्निग काउंसिल की बैठक में फैसला किया है कि लीग की टाइटल स्पॉन्सर एक चीनी कंपनी ही रहेगी. भारत और चीन के बीच इस समय विवाद चल रहा है लेकिन ये फैसला कानूनी टीम से सलाह के बाद और प्रायोजक करार को ध्यान में रखकर लिया गया है.
द कॉन्फेड्रेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा, "हमने शाह और जयशंकर को एक पत्र भेजा है, जिसमें दुबई में आईपीएल को आयोजित करने के लिए BCCI को मंजूरी नहीं देने की मांग की गई है. ये सरकार की नीति के खिलाफ होगा."
पत्र में, CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि ऐसे में जबकि भारतीय सीमाओं पर चीनी आक्रमण ने भारत में चीन विरोधी भावनाओं को जन्म दिया, तो BCCI का निर्णय सरकार के फैसलों के विपरीत है.
कोविड-19 महामारी के कारण ओलंपिक और विंबलडन जैसे टूर्नामेंटों को रद करने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि BCCI के फैसले की कड़ी निंदा की जानी चाहिए. BCCI का ये कदम पैसों के प्रति उनके लालच को दर्शाता है.
इससे पहले देश में चीनी सामान से लेकर चीनी कंपनियों को खासा विरोध झेलना पड़ा है जिसमें सरकार द्वारा 59 एप बैन भी उसका हिस्सा है. देश में अलग-अलग जगह लोग अपने -अपने तरीकों से चीनी सामानों और व्यव्सथाओं का विरोध कर रहे हैं. खेलों की दुनिया में WFI जैसे कई एसोसिएशन चीनी स्पॉंसर्स से अपना नाता तोड़ चुके हैं. ऐसे में बीसीसीआई का ये कदम भारत सरकार और यहां के लोगों के खिलाफ बताया जा रहा है.