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बीसीसीआई-सीओए के ताजा निर्देशों का पालन नहीं कर सकते : सौराष्ट्र - चुनाव अधिकारी वारेश सिन्हा

सौराष्ट्र क्रिकेट संघ (एससीए) ने चुनाव अधिकारी वारेश सिन्हा को एक पत्र लिख पर साफ तौर पर कह दिया है कि वो प्रशासकों की समिति (सीओए) द्वारा सोमवार को भेजे गए निर्देशों का पालन नहीं कर सकता.

BCCI
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Published : Sep 18, 2019, 10:55 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 3:26 AM IST

नई दिल्ली : एससीए के संयुक्त सचिव मधुकर वोराह ने अपने पत्र में कहा है कि सीओए के पुराने आदेश के मुताबिक संघ में चुनाव प्रक्रिया 11 सितम्बर से शुरू हो चुकी है और वो सीओए द्वारा सोमवार को भेजे गए आदेश का पालन नहीं कर सकता.



11 सितम्बर के आदेश के मुताबिक ही करेंगे



पत्र में लिखा गया है, "11 सितम्बर को सीओए द्वारा भेजे गए नोटिस के मुताबिक हमने हमारी चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी है और ये नोटिस भी 27 अगस्त और छह सितम्बर के आदेश के आधार पर था. इसलिए हमारे लिए मुमकिन नहीं हो पाएगा कि हम सीओए के 16 सितम्बर के आदेश को लागू कर पाएं. हम अपनी चुनावी प्रक्रिया 11 सितम्बर के आदेश के मुताबिक ही करेंगे."

Saurashtra
सौराष्ट्र क्रिकेट संघ

एससीए के इस बात से इत्तेफाक रखते हुए पश्चिम के ही एक अन्य संघ के अधिकारी ने कहा कि सोमवार को जो आदेश जारी किए हैं, उनकी कतई कोई जरूरत नहीं है और वे सर्वोच्च अदालत के आदेश के खिलाफ हैं.


अधिकारी ने कहा

उन्होंने कहा, "16 सितम्बर को जो नोटिस जारी किया गया उसके मुताबिक क्लब/विश्वविद्यालय/जिला संघ और सहयोगी संगठन ऐसे शख्स को संघ की चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए नामित नहीं कर सकते जो अधिकारी बनने के अयोग्य हो."

दूसरे टी-20 मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हराया, सारीज में 1-0 की बढ़त

अधिकारी ने कहा, "सीओए ने कहा कि जो नोटिस उसने जारी किया है वो उसने बीसीसीआई के नियम सात के मुताबिक चुनाव अधिकारी से सलाह के बाद किया जबकि ये साफ है कि उस तरह की स्थिति की सिफारिश लोढ़ा समिति ने नहीं की थी और न ही इस बात का जिक्र सर्वोच्च अदालत के किसी भी आदेश में है."

नई दिल्ली : एससीए के संयुक्त सचिव मधुकर वोराह ने अपने पत्र में कहा है कि सीओए के पुराने आदेश के मुताबिक संघ में चुनाव प्रक्रिया 11 सितम्बर से शुरू हो चुकी है और वो सीओए द्वारा सोमवार को भेजे गए आदेश का पालन नहीं कर सकता.



11 सितम्बर के आदेश के मुताबिक ही करेंगे



पत्र में लिखा गया है, "11 सितम्बर को सीओए द्वारा भेजे गए नोटिस के मुताबिक हमने हमारी चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी है और ये नोटिस भी 27 अगस्त और छह सितम्बर के आदेश के आधार पर था. इसलिए हमारे लिए मुमकिन नहीं हो पाएगा कि हम सीओए के 16 सितम्बर के आदेश को लागू कर पाएं. हम अपनी चुनावी प्रक्रिया 11 सितम्बर के आदेश के मुताबिक ही करेंगे."

Saurashtra
सौराष्ट्र क्रिकेट संघ

एससीए के इस बात से इत्तेफाक रखते हुए पश्चिम के ही एक अन्य संघ के अधिकारी ने कहा कि सोमवार को जो आदेश जारी किए हैं, उनकी कतई कोई जरूरत नहीं है और वे सर्वोच्च अदालत के आदेश के खिलाफ हैं.


अधिकारी ने कहा

उन्होंने कहा, "16 सितम्बर को जो नोटिस जारी किया गया उसके मुताबिक क्लब/विश्वविद्यालय/जिला संघ और सहयोगी संगठन ऐसे शख्स को संघ की चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए नामित नहीं कर सकते जो अधिकारी बनने के अयोग्य हो."

दूसरे टी-20 मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हराया, सारीज में 1-0 की बढ़त

अधिकारी ने कहा, "सीओए ने कहा कि जो नोटिस उसने जारी किया है वो उसने बीसीसीआई के नियम सात के मुताबिक चुनाव अधिकारी से सलाह के बाद किया जबकि ये साफ है कि उस तरह की स्थिति की सिफारिश लोढ़ा समिति ने नहीं की थी और न ही इस बात का जिक्र सर्वोच्च अदालत के किसी भी आदेश में है."

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सौराष्ट्र क्रिकेट संघ (एससीए) ने चुनाव अधिकारी वारेश सिन्हा को एक पत्र लिख पर साफ तौर पर कह दिया है कि वो प्रशासकों की समिति (सीओए) द्वारा सोमवार को भेजे गए निर्देशों का पालन नहीं कर सकता.



नई दिल्ली : एससीए के संयुक्त सचिव मधुकर वोराह ने अपने पत्र में कहा है कि सीओए के पुराने आदेश के मुताबिक संघ में चुनाव प्रक्रिया 11 सितम्बर से शुरू हो चुकी है और वो सीओए द्वारा सोमवार को भेजे गए आदेश का पालन नहीं कर सकता.





11 सितम्बर के आदेश के मुताबिक ही करेंगे





पत्र में लिखा गया है, "11 सितम्बर को सीओए द्वारा भेजे गए नोटिस के मुताबिक हमने हमारी चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी है और ये नोटिस भी 27 अगस्त और छह सितम्बर के आदेश के आधार पर था. इसलिए हमारे लिए मुमकिन नहीं हो पाएगा कि हम सीओए के 16 सितम्बर के आदेश को लागू कर पाएं. हम अपनी चुनावी प्रक्रिया 11 सितम्बर के आदेश के मुताबिक ही करेंगे."



एससीए के इस बात से इत्तेफाक रखते हुए पश्चिम के ही एक अन्य संघ के अधिकारी ने कहा कि सोमवार को जो आदेश जारी किए हैं, उनकी कतई कोई जरूरत नहीं है और वे सर्वोच्च अदालत के आदेश के खिलाफ हैं.





अधिकारी ने कहा



उन्होंने कहा, "16 सितम्बर को जो नोटिस जारी किया गया उसके मुताबिक क्लब/विश्वविद्यालय/जिला संघ और सहयोगी संगठन ऐसे शख्स को संघ की चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए नामित नहीं कर सकते जो अधिकारी बनने के अयोग्य हो."



अधिकारी ने कहा, "सीओए ने कहा कि जो नोटिस उसने जारी किया है वो उसने बीसीसीआई के नियम सात के मुताबिक चुनाव अधिकारी से सलाह के बाद किया जबकि ये साफ है कि उस तरह की स्थिति की सिफारिश लोढ़ा समिति ने नहीं की थी और न ही इस बात का जिक्र सर्वोच्च अदालत के किसी भी आदेश में है."


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Last Updated : Oct 1, 2019, 3:26 AM IST
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