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बीसीसीआई जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट संघ की मदद को तैयार: इरफान - इरफान पठान

इरफान पठान ने कहा है कि बीसीसीआई ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ की मदद करने का वादा किया है.

rfan pathan
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Published : Aug 19, 2019, 11:34 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 2:21 PM IST

मुंबई: जम्मू-कश्मीर क्रिकेट के मेंटर इरफान पठान ने सोमवार को कहा कि राज्य में संचार सुविधाओं पर लगाई रोक के कारण टीम के घरेलू टूर्नामेंट से हटने के बाद बीसीसीआई ने मदद का वादा किया है.

इरफान ने कहा, "उम्मीद करते हैं कि इसका आगामी सत्र पर असर नहीं पड़ेगा. मेरी बीसीसीआई से बात हुई और वे कोई भी मदद करने को तैयार हैं. वे कोई भी फैसला करने में मदद करेंगे। संभव है कि शायद चीजें सामान्य होंगी और हमें कहीं और नहीं जाना पड़ेगा."

जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) को आगामी विजय हजारे ट्रॉफी से हटना पड़ा क्योंकि राज्य से विशेष दर्जा छीने जाने के बाद संचार सुविधाओं पर लगी रोक के कारण खिलाड़ियों से संपर्क नहीं हो पा रहा था.

हितों के टकराव से जुड़े मुद्दे पर बैठक के बाद पठान ने मीडिया से कहा, "हम (जम्मू-कश्मीर टीम) विजय हजारे ट्राफी के लिए नहीं जा रहे। जमीनी हकीकत यह है कि हम तैयारी के लिए लड़कों को टूर्नामेंट में खेलने के लिए भेजना चाहते थे (लेकिन ऐसा नहीं हो पाया).

जम्मू -कश्मीर टीम के खिलाड़ियों के साथ इरफान पठान
जम्मू -कश्मीर टीम के खिलाड़ियों के साथ इरफान पठान

भारतीय टीम से बाहर चल रहे इस आलराउंडर ने बताया कि टीम ने आगामी सत्र के लिए तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन घाटी में कर्फ्यू लगे होने के कारण उनकी योजना बाधित हो गई.

उन्होंने बताया, "हमने 14 जून से शिविर शुरू किया और एक महीने ट्रेनिंग की. मैं शिविर के लिए एक ट्रेनर को लेकर गया जो भारतीय टीम के साथ काम कर चुका है. हमारे कोच ने कड़ी मेहनत की और फिटनेस स्तर में काफी सुधार हुआ."

पठान ने कहा, "लेकिन जब मैच शुरू हुए तो हमें ट्रेनिंग रोकनी पड़ी क्योंकि कर्फ्यू लागू कर दिया गया और इसलिए सभी खिलाड़ियों को वापस भेजना बेहतर था."

मुंबई: जम्मू-कश्मीर क्रिकेट के मेंटर इरफान पठान ने सोमवार को कहा कि राज्य में संचार सुविधाओं पर लगाई रोक के कारण टीम के घरेलू टूर्नामेंट से हटने के बाद बीसीसीआई ने मदद का वादा किया है.

इरफान ने कहा, "उम्मीद करते हैं कि इसका आगामी सत्र पर असर नहीं पड़ेगा. मेरी बीसीसीआई से बात हुई और वे कोई भी मदद करने को तैयार हैं. वे कोई भी फैसला करने में मदद करेंगे। संभव है कि शायद चीजें सामान्य होंगी और हमें कहीं और नहीं जाना पड़ेगा."

जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) को आगामी विजय हजारे ट्रॉफी से हटना पड़ा क्योंकि राज्य से विशेष दर्जा छीने जाने के बाद संचार सुविधाओं पर लगी रोक के कारण खिलाड़ियों से संपर्क नहीं हो पा रहा था.

हितों के टकराव से जुड़े मुद्दे पर बैठक के बाद पठान ने मीडिया से कहा, "हम (जम्मू-कश्मीर टीम) विजय हजारे ट्राफी के लिए नहीं जा रहे। जमीनी हकीकत यह है कि हम तैयारी के लिए लड़कों को टूर्नामेंट में खेलने के लिए भेजना चाहते थे (लेकिन ऐसा नहीं हो पाया).

जम्मू -कश्मीर टीम के खिलाड़ियों के साथ इरफान पठान
जम्मू -कश्मीर टीम के खिलाड़ियों के साथ इरफान पठान

भारतीय टीम से बाहर चल रहे इस आलराउंडर ने बताया कि टीम ने आगामी सत्र के लिए तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन घाटी में कर्फ्यू लगे होने के कारण उनकी योजना बाधित हो गई.

उन्होंने बताया, "हमने 14 जून से शिविर शुरू किया और एक महीने ट्रेनिंग की. मैं शिविर के लिए एक ट्रेनर को लेकर गया जो भारतीय टीम के साथ काम कर चुका है. हमारे कोच ने कड़ी मेहनत की और फिटनेस स्तर में काफी सुधार हुआ."

पठान ने कहा, "लेकिन जब मैच शुरू हुए तो हमें ट्रेनिंग रोकनी पड़ी क्योंकि कर्फ्यू लागू कर दिया गया और इसलिए सभी खिलाड़ियों को वापस भेजना बेहतर था."

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मुंबई: जम्मू-कश्मीर क्रिकेट के मेंटर इरफान पठान ने सोमवार को कहा कि राज्य में संचार सुविधाओं पर लगाई रोक के कारण टीम के घरेलू टूर्नामेंट से हटने के बाद बीसीसीआई ने मदद का वादा किया है.

इरफान ने कहा, "उम्मीद करते हैं कि इसका आगामी सत्र पर असर नहीं पड़ेगा. मेरी बीसीसीआई से बात हुई और वे कोई भी मदद करने को तैयार हैं. वे कोई भी फैसला करने में मदद करेंगे। संभव है कि शायद चीजें सामान्य होंगी और हमें कहीं और नहीं जाना पड़ेगा."

जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) को आगामी विजय हजारे ट्रॉफी से हटना पड़ा क्योंकि राज्य से विशेष दर्जा छीने जाने के बाद संचार सुविधाओं पर लगी रोक के कारण खिलाड़ियों से संपर्क नहीं हो पा रहा था.

हितों के टकराव से जुड़े मुद्दे पर बैठक के बाद पठान ने मीडिया से कहा, "हम (जम्मू-कश्मीर टीम) विजय हजारे ट्राफी के लिए नहीं जा रहे। जमीनी हकीकत यह है कि हम तैयारी के लिए लड़कों को टूर्नामेंट में खेलने के लिए भेजना चाहते थे (लेकिन ऐसा नहीं हो पाया).

भारतीय टीम से बाहर चल रहे इस आलराउंडर ने बताया कि टीम ने आगामी सत्र के लिए तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन घाटी में कर्फ्यू लगे होने के कारण उनकी योजना बाधित हो गई.

उन्होंने बताया, "हमने 14 जून से शिविर शुरू किया और एक महीने ट्रेनिंग की. मैं शिविर के लिए एक ट्रेनर को लेकर गया जो भारतीय टीम के साथ काम कर चुका है. हमारे कोच ने कड़ी मेहनत की और फिटनेस स्तर में काफी सुधार हुआ."

पठान ने कहा, "लेकिन जब मैच शुरू हुए तो हमें ट्रेनिंग रोकनी पड़ी क्योंकि कर्फ्यू लागू कर दिया गया और इसलिए सभी खिलाड़ियों को वापस भेजना बेहतर था."

 


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Last Updated : Sep 27, 2019, 2:21 PM IST
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