वडोदरा: बड़ौदा क्रिकेट संघ (बीसीए) ने पूर्व भारतीय खिलाड़ी अतुल बेदाडे को महिला टीम के कोच पद से बर्खास्त कर दिया है लेकिन उनके निलंबन को वापस ले लिया है. बीसीए के सचिव अजित लेले ने बुधवार को इसकी पुष्टि की.
बड़ौदा महिला टीम की कुछ खिलाड़ियों ने अतुल पर यौन शोषण का आरोप लगाया था जिसके बाद बीसीए ने मार्च में जांच समिति गठित की थी. बीसीए की चार सदस्यीय समिति में मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिशिर हतंगड़ी, सीनियर एचआर मैनेजर प्रियंका वर्मा और सचिव अजीत लेले तथा पराग पटेल शामिल थे.
मंगलवार को हुई शीर्ष परिषद की बैठक के दौरान इस मामले पर चर्चा हुई. बेदाड़े को इस साल मार्च में जांच पूरी होने तक निलंबित किया गया था. कई खिलाड़ियों ने उन पर यौन उत्पीड़न और सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के आरोप लगाए थे.
बीसीए ने विज्ञप्ति में कहा, "सीनियर महिला टीम के मुख्य कोच बेदाडे के खिलाफ शिकायत मिली थी. इस मामले में सीईओ और वरिष्ठ मानव संसाधन प्रबंधक ने शुरुआती जांच की."
इसमें कहा गया, "दो जून 2020 को हुई शीर्ष परिषद की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई और सीईओए तथा वरिष्ठ मानव संसाधन प्रबंधक को जांच की जानकारी विस्तार में देने और अपनी सिफारिश देने के लिए बुलाया गया."
विज्ञप्ति के अनुसार, शीर्ष परिषद को दी गई जानकारी के आधार पर शीर्ष परिषद ने फैसला किया कि उनका निलंबन वापस लिया जाएगा.
हालांकि शीर्ष परिषद का मानना है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सलाह दी जाती है कि महिला क्रिकेट टीम के लिए उनकी सेवाएं नहीं ली जाएं. पता चला है कि लेले और संघ के संयुक्त सचिव पराग पटेल ने इस फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया है.
सूत्र ने कहा कि लेले और पटेल ने विरोध जताया क्योंकि उनका मानना है कि जांच पूरी हुए बिना निलंबन वापस नहीं लिया जा सकता. लेले और पटेल ने इस कदम का कड़ा विरोध किया लेकिन सूत्र ने बताया कि शीर्ष परिषद की बैठक में इस फैसले को बहुमत से पारित किया गया.
बड़ौदा महिला टीम के कोच के रुप में अतुल का कार्यकाल एक साल से भी कम समय का रहा और फरवरी में वनडे चैंपियनशिप उनका आखिरी काम था.