नई दिल्ली: इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (ICA) के चेयरमैन अशोक मल्होत्रा ने कहा है कि उनके लिए घरेलू क्रिकेटर्स का भविष्य मायने नहीं रखता और वह शीर्ष परिषद की बैठक से पहले रखी गई अपनी मांगों के पूरा होने को लेकर चिंतित हैं.
मल्होत्रा ने आईसीए के अन्य सदस्यों को एक वीडियो भेजा है जिसमें उन्होंने कहा है कि शीर्ष परिषद की बैठक से पहले बोर्ड के सामने बेशक कई मुद्दे हों लेकिन वह सिर्फ आईसीए की मांगों को लेकर चिंतित हैं.
यह वीडियो एक न्यूज एजेंसी के पास भी है जिसमें मल्होत्रा ने कहा है, "मुझे पता है कि बीसीसीआई के पास एजेंडा में काफी कुछ है, वह घरेलू क्रिकेट की बात कर रहे हैं, उनके पास बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का मुद्दा है. वह कई चीजों पर बात कर रहे हैं. मैं आईसीए अध्यक्ष होने के नाते और आईसीए की तरफ से हम इन सभी चीजों को लेकर चिंतित नहीं हैं, हम चिंतित हैं तो उन चीजों को लेकर जो हमने मांगी हैं। यह शीर्ष परिषद की जिम्मेदारी है कि वह हमारी मांगों को पूरा करें."
मल्होत्रा या आईसीए के इस रुख से बीसीसीआई अधिकारी हैरान हैं और उन्होंने कहा है कि घरेलू क्रिकेट ऐसा मुद्दा है जो भारतीय क्रिकेट से जुड़े हर शख्स की प्राथमिकता होना चाहिए. घरेलू क्रिकेट बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के काफी करीब है.
अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी से कहा, "जो वीडियो फैल रहा है उसमें आईसीए की तरफ से आईसीए के अध्यक्ष ने जो कहा है वो हैरान करने वाली बात है. भारतीय क्रिकेट से जुड़े किसी भी शख्स के लिए घरेलू क्रिकेट जरूरी मुद्दा क्यों नहीं हो सकता, ईमानदारी से कहूं तो यह हैरान करने वाली बात है. मैं समझता हूं कि आप पैसा चाहते हो, लेकिन हर किसी की प्राथमिकता घरेलू क्रिकेट होना चाहिए."
मल्होत्रा ने कहा है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का भविष्य क्या होगा इससे उन्हें लेना देना नहीं हैं. इस पर बीसीए के सचिव आदित्य वर्मा ने कहा कि आईसीए अध्यक्ष जैसे बड़े शख्स से इस तरह की बात सुनना उम्मीदों से परे है. उन्होंने मल्होत्रा से इस्तीफा देने तक को कह दिया.
वर्मा ने कहा, "उन्हें पता होना चाहिए कि बीसीसीआई को उनकी मांगों का पता है, लेकिन उन्हें अपने मुद्दों को प्राथमिकता देने की जरूरत है. बीसीसीआई उनकी वित्तीय स्थिति को देखते हुए उनकी मांगो पर निश्चित तौर पर विचार करेगी लेकिन उन्हें तुरंत अपने शब्द वापस लेने चाहिए और माफी मांगते हुए इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि उनके शब्दों से घरेलू क्रिकेटरों को दुख पहुंचा है. उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह अतीत में घेरलू क्रिकेटर भी रहे हैं और इसी कारण वह आज जहां हैं वहां पहुंचे हैं. "
उन्होंने कहा, "बिहार क्रिकेट की जहां तक बात है, हम न्याय की मांग करते रहेंगे और हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि मौजूदा अधिकारी हमारी समस्याओं को देखेंगे, लेकिन घरेलू क्रिकेटरों के प्रति उनका यह बयान मानने लायक नहीं है."