हैदराबाद : जहां चाह, वहां राह... कहते हैं कि इच्छा शक्ति और समर्पण के साथ कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. इस कहावत को कश्मीर के अमीर लोन ने हकीकत में तब्दील कर दिखाया है.
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के बिजबेहरा से निकलकर 27 वर्षीय आमिर को हाल ही में दिव्यांग प्रीमियर लीग के लिए चुना गया है. बचपन में एक दुर्घटना में आमिर ने अपने दोनों हाथ खो दिए थे. उन्होंने अपने पैरों का इस्तेमाल कर क्रिकेट में बल्लेबाजों को परेशान किया है.
शुरू से ही क्रिकेट के प्रति लगाव होने के कारण आमिर ने अपनी विकलांगता को सफलता की राह में बाधा नहीं बनने दिया. आमिर कपड़े बदलने से लेकर खाने तक का सारा काम अपने पैरों से कर लेते हैं.
आपको बता दें कि क्रिकेट में उन्हें एक ऑलराउंडर माना जाता है और दूर-दूर के क्षेत्रों से उनके प्रदर्शन को देखने के लिए दर्शक आते हैं.
गर्दन से अपने बल्ले को संभालते हुए, आमिर ने अद्भुत प्रदर्शन किया, यही कारण है कि उन्हें राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर प्रशंसा मिली है.
उनके प्रदर्शन को देखने के बाद उन्हें जम्मू और कश्मीर पैरा क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर एक शानदार प्रदर्शन दिया.
ये देखकर उन्हें दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया ने दिव्यांग क्रिकेट लीग में खेलने का मौका दिया है. इस लीग के मैच शारजाह में खेले जाएंगे.
आमिर ने पुष्टि की है कि उनका प्रयास बेकार नहीं गया है और उनके परिवार को यह उपलब्धि हासिल होने के बाद उतना ही खुशी है. ये खबर पाकर आमिर की मां बेहद खुश हैं.
आमिर की मां ने कहा, "ये हमारे लिए गर्व का क्षण है. माता-पिता केवल अपने बच्चों की सफलता के बारे में सपने देखते हैं और हमारे लिए इससे अधिक गर्व का क्षण क्या हो सकता है कि वो क्रिकेट खेलने के लिए शारजाह जा रहे हैं."
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गौरतलब है कि दिव्यांग क्रिकेट लीग शारजाह में शारीरिक रूप से विकलांग क्रिकेटरों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण करने जा रहा है, जहां 90 क्रिकेट खिलाड़ी एक-दूसरे के खिलाफ खेलेंगे.
ये लीग 8 अप्रैल से शुरू होकर 15 अप्रैल तक चलेगी.