नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा ने स्टिंग ऑपरेशन के दौरान जिन बातों का खुलासा किया है, उससे भारतीय क्रिकेट की बदनामी होने के साथ-साथ कई खिलाड़ियों का कैरियर भी दांव पर लग सकता है. इस सनसनीखेज खुलासे में चेतन शर्मा ने क्रिकेट टीम में खेलने वाले खिलाड़ियों के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि मैच में खेलने के लिए कई खिलाड़ी इंजेक्शन लेते हैं. 100 प्रतिशत फिट न होने पर भी खेलने की कोशिश करते हैं.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा के स्टिंग ऑपरेशन से कई खिलाड़ियों की पोल खुलने की उम्मीद है और कई खिलाड़ियों के करियर पर भी इसका असर दिखायी देगा. चेतन ने कहा कि 80 फ़ीसदी फिट होने पर कई खिलाड़ी खेलना चाहते हैं. चेतन शर्मा ने कहा कि अगर कोई खिलाड़ी केवल 80 से 85 फीसदी से फिट रहता है तो हमें कहा जाता है कि उसे खेलने दो. लेकिन मेडिकल साइंस उन्हें क्लियर नहीं करता. यह समस्या जब आड़े आ जाती है, तो ऐसी स्थिति में भी खिलाड़ी खेलना चाहता है. और वह कभी खेलने से मना नहीं करता.
चेतन शर्मा ने ज़ी न्यूज़ के इस खुलासे में कहा कि 80 फ़ीसदी फिट रहने पर ये लोग चुपचाप कोने में जाएंगे और एक इंजेक्शन ले लेंगे और फिर आकर कहते हैं कि वह फिट हैं. वह कौन सा इंजेक्शन लेते हैं यह बाहर के लोगों को पता नहीं है, लेकिन खिलाड़ियों को पता होता है. सारे खिलाड़ियों को इसके बारे में पता होता है कि कौन सा इंजेक्शन लेने पर वे एंटी डोपिंग टेस्ट में नहीं पकड़े जाएंगे. ऐसा करने वाले खिलाड़ी अपने पसंदीदा डॉक्टरों को कॉल करके बुलाते हैं और इंजेक्शन लगवा देते हैं.
चेतन शर्मा ने कहा कि खिलाड़ियों को 24 घंटे नजर रखना असंभव है. जब आप मैच खेलते हैं तो आप शाम 6 बजे तक मैदान में रहते हैं. वहां टीम मैनेजमेंट होता है. सब कुछ उसकी नजर के सामने होता है, लेकिन जब आप कमरे में वापस जाते हैं तो हर आदमी के पीछे जासूसी नहीं की जा सकती. चेतन शर्मा ने यह भी कहा कि मेरी भी एक जिंदगी है. मुझे कहीं भी जाना है. मुझे किसी के साथ डिनर करना है. यह तो अपना-अपना काम है. इस दौरान अगर कोई खिलाड़ी कुछ करता है तो यह उसकी जिम्मेदारी है.
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