दुबई: ऑस्ट्रेलिया के कप्तान एरोन फिंच ने सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर का उनके खराब दौर में भी समर्थन किया था. आईसीसी टी 20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान का एक फैसला मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ जब उन्होंने सीमित ओवरों के मैच में 35 वर्षीय वॉर्नर को शामिल रखा और उन्होंने भी अपने कप्तान के विश्वास को बनाए रखा.
उनके फैसलों की वजह से टीम को पहली बार टी 20 विश्व कप जिताने में मदद मिली. एक वक्त था जब आलोचक वॉर्नर को इंडियन प्रीमियर लीग में उनके खराब प्रदर्शन के लिए निशाना बना रहे थे, लेकिन फिंच ने न्यूजीलैंड को हराने के बाद मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उन्होंने इस दिग्गज बल्लेबाज में कभी विश्वास नहीं खोया.
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यह पूछे जाने पर कि उन्होंने आउट ऑफ फॉर्म सलामी बल्लेबाज का समर्थन कैसे किया, फिंच ने कहा, "आपको इसकी उम्मीद (वॉर्नर के अच्छा प्रदर्शन) नहीं थी? मैंने निश्चित रूप से किया. एक भी शब्द झूठ कहे बिना, मैं आपको बताना चाहता हूं कि, मैंने कुछ महीने पहले (कोच) जस्टिन लैंगर को फोन किया और कहा था, 'डेवी की चिंता मत करो, वह मैन ऑफ द टूनार्मेंट होगा."'
फिंच ने कहा, "मैंने सोचा था कि एडम जम्पा को व्यक्तिगत रूप से मैन ऑफ द टूनार्मेंट होना चाहिए था, लेकिन वह (वॉर्नर) एक महान खिलाड़ी है. वह सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक है. वह एक लड़ाकू खिलाड़ी है. "
फिंच ने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ 'सुपर 12' गेम में मिशेल मार्श का नंबर 3 पर जाना कंगारुओं के लिए गेम-चेंजर था. मार्श की 50 गेंदों में नाबाद 77 रन की पारी ने ऑस्ट्रेलिया को रविवार रात न्यूजीलैंड के खिलाफ आसान जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.