नई दिल्ली : भारतीय टीम के चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव ने अंतिम बार जब बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच खेला था तो उसमें शानदार प्रदर्शन करके प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब जीता था. क्रिकेट के सभी प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद कुलदीप यादव को पिछले कुछ वर्षों से टीम के नियमित खिलाड़ी के रूप में खेलने का मौका नहीं मिल रहा है. लेकिन अबकी बार Border Gavaskar Trophy में उनके खेलने की संभावनाओं को देखते हुए उनको सीरीज का ट्रंप कार्ड कहा जा रहा है.
25 मार्च 2017 को ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले कुलदीप यादव को 8 टेस्ट मैचों की 14 पारियों में गेंदबाजी का मौका मिला है, जिसमें अब तक कुल 34 विकेट झटक चुके हैं, जिसमें 3 बार पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा कर दिखाया है, जबकि 2 बार 4 विकेट झटक चुके हैं. इतना ही नहीं अब तो वह निचले क्रम में कामचलाऊ बल्लेबाजी कर लेते हैं.
ऐसा कहा जा रहा है कि चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव अपनी पूरी ताकत के साथ 9 फरवरी से शुरू होने वाली बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए बेताब हैं. अगर उनको सभी मैचों में मौका मिलता है तो वह इस सीरीज के लिए एक्स-फैक्टर बनने को तैयार हैं. टीम इंडिया स्पिनर्स को टर्न देने वाली पिच की उम्मीद कर रही ताकि ऑस्ट्रेलिया को स्पिनर्स की तिकड़ी में फंसाया जा सके. ऐसी स्थिति में कुलदीप को अश्विन, जडेजा के साथ टीम इलेवन में जगह मिलने की संभावना है.
2019 में सिडनी में पांच विकेट लेने के बाद, तत्कालीन मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कुलदीप को विदेशी परिस्थितियों में भारत का नंबर 1 स्पिनर करार दिया था, लेकिन इससे उन्हें नियमित मौके नहीं मिले. लेकिन जब-जब उनको मौका मिला तो उन्होंने अपनी गेंदबाजी से लोगों का ध्यान खींचा और दिखाया कि वह स्पिनर रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल की तरह बेहतर गेंदबाजी कर सकते हैं.
जहां तक सफेद गेंद क्रिकेट का संबंध है, युजवेंद्र चहल, राहुल चाहर, वरुण चक्रवर्ती और यहां तक कि युवा रवि बिश्नोई की पसंद भारत में स्पिनरों के बीच प्रतिस्पर्धा कुलदीप से आगे निकल गई है.
कुलदीप ने कम मौके मिलने के बाद भी अपना आत्मविश्वास नहीं खोया. उन्होंने सितंबर 2021 में एक सर्जरी भी करवाई और मैदान से कुछ दिनों के लिए बाहर हो गए थे. इसके बाद कुलदीप ने अपने एक्शन में सुधार किया, जिससे उन्हें और अधिक ड्रिफ्ट और डिप करने में मदद मिली. रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ के नए भारतीय टीम प्रबंधन के तहत, वह धीरे-धीरे योजनाओं में फिट बैठने लग गए. उन्हें दिल्ली कैपिटल्स में एक नई आईपीएल टीम भी मिली, जहां वे युवा कप्तान ऋषभ पंत के नेतृत्व में सफल रहे हैं.
हालांकि, एक सफल आईपीएल 2022 के बाद, जहां उन्होंने 14 मैचों में 21 विकेट लिए, स्पिनर को एक बार फिर चोट के कारण बाहर रहना पड़ा. उनकी कलाई की चोट ने उन्हें पिछले साल जून में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत की टी20 श्रृंखला से बाहर कर दिया. साथ ही आयरलैंड और इंग्लैंड के सफेद गेंद के दौरों के लिए और फिट होने के बाद भी वह टी20 वर्ल्ड कप टीम में भारत के लिए जगह नहीं बना सके.
खेल से दूर रहने से कुलदीप को अपनी लय, विविधताओं पर काम करने में मदद मिली और उन्होंने मजबूत वापसी की है. अब कुलदीप ने सुधार कर लिया है और उनका नॉन-बॉलिंग आर्म बल्लेबाजों की तरफ जाता है, जो उन्हें एक बेहतर स्थिति में रखने में मदद करता है. कुलदीप ने आर्म स्पीड पर भी काम किया है जो थोड़ी धीमी है. नतीजतन, जिस तरह से वह गेंदबाजी कर रहे हैं, उसकी लाइन ऑफ अटैक बेहतर हो गया है.
क्रिकेट के जानकारों के मुताबिक कुलदीप का सुधार काफी ज्यादा घातक हो गया है, जो बल्लेबाजों पर अधिक दबाव डाल सकता है और किसी भी समय विकेट ले सकता है. अपने सभी सुधारों के साथ, कुलदीप ने पिछले साल दिसंबर में बांग्लादेश में श्रृंखला में खेले गए एकमात्र टेस्ट में अपने पांच विकेट के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता था.
हालांकि, उन्हें दूसरे टेस्ट के लिए प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली. लेकिन अब कुलदीप को बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौका मिलने की उम्मीद है, जिससे वह टीम में परमानेंट खिलाड़ी के तौर पर जगह बना सकते हैं.
(आईएएनएस से इनपुट)