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भुवनेश्वर कुमार की डेथ ओवरों में गेंदबाजी चिंता का विषय : गावस्कर

भुवनेश्वर कुमार ने पाकिस्तान, श्रीलंका और अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैच में 18 गेंद में (19वें ओवर में गेंदबाजी करते हुए) 49 रन दिए हैं.

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bhuvneshwar kumar
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Published : Sep 21, 2022, 4:46 PM IST

नई दिल्ली: महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर का मानना ​​है कि अगले महीने शुरू होने वाले टी20 विश्व कप से पहले सीनियर तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार का डेथ ओवरों में खराब प्रदर्शन भारत के लिए ‘वास्तविक चिंता’ है. भुवनेश्वर ने पिछले कुछ मैच में डेथ ओवरों में काफी रन लुटाए हैं. मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 में भी उन्होंने 19वें ओवर में 16 रन दिए जिससे ऑस्ट्रेलिया 209 रन के रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज करने में सफल रहा.

गावस्कर ने ‘स्पोर्ट्स टुडे’ से कहा, मुझे नहीं लगता कि बहुत अधिक ओस थी. हमने क्षेत्ररक्षकों या गेंदबाजों को अपनी उंगलियों को सुखाने के लिए तौलिये का उपयोग करते नहीं देखा. यह कोई बहाना नहीं है. हमने अच्छी गेंदबाजी नहीं की. उदाहरण के लिए, वहां 19वां ओवर, वह वास्तविक चिंता का विषय है. उन्होंने कहा, भुवनेश्वर कुमार जैसे गेंदबाज को जब भी गेंद सौंपी जा रही है तो वह हर बार रन लुटा रहा है. उसने पाकिस्तान, श्रीलंका और अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैच में 18 गेंद में (19वें ओवर में गेंदबाजी करते हुए) 49 रन दिए हैं.

गावस्कर ने कहा, यह लगभग तीन रन प्रति गेंद हैं. उसके जैसे अनुभव और क्षमता के गेंदबाज के साथ आप उम्मीद करते हैं कि वह उन 18 गेंद में 35 से 36 रन देगा। यह वास्तव में चिंता का विषय है. पूर्व कप्तान ने कहा कि भारत अच्छे स्कोर का बचाव करने में भी सफल नहीं हो पा रहा लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि जसप्रीत बुमराह की वापसी से गेंदबाजी विभाग को मजबूती मिलेगी. बुमराह इस साल जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज के बाद से ही बाहर हैं क्योंकि वह पीठ की पुरानी चोट से उबर रहे थे.

यह भी पढ़ें: IND vs AUS 1st T20: ऑस्ट्रेलिया ने भारत को चार विकेट से हराया

गावस्कर ने कहा, हमने पिछले कुछ वर्षों में देखा है कि यह उन क्षेत्रों में से एक रहा है जहां भारत को नुकसान उठाना पड़ा है. वे अच्छे स्कोर का बचाव करने में भी सक्षम नहीं हैं. उन्होंने कहा, हो सकता है कि जब बुमराह आए तो यह पूरी तरह से अलग स्थिति हो क्योंकि वह शीर्ष क्रम के विकेट चटकाता है. भारत को आज (मंगलवार) वह नहीं मिले क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने तेजतर्रार शुरुआत की. इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, हालांकि यह केवल पहला मैच था. मत भूलिए कि ऑस्ट्रेलिया विश्व चैंपियन है. उनसे असाधारण चीजें करने की उम्मीद की जाती है.

पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भी पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय में भारत के खराब क्षेत्ररक्षण की आलोचना की. भारतीय क्षेत्ररक्षकों ने 208 रन के स्कोर का बचाव करते हुए कैमरन ग्रीन (30 गेंदों में 61 रन) और मैथ्यू वेड (21 गेंदों पर नाबाद 45) सहित तीन कैच छोड़े. कमेंट्री बॉक्स में मौजूद शास्त्री ने कहा, यदि आप पिछली सभी शीर्ष भारतीय टीम देखें तो उनमें युवा और अनुभव का अच्छा मिश्रण रहा है. मुझे यहां युवा गायब दिख रहा है और इसलिए क्षेत्ररक्षण पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा, अगर आप पिछले पांच से छह साल को देखें तो मुझे लगता है कि क्षेत्ररक्षण के मामले में यह टीम शीर्ष टीम में से किसी को भी टक्कर नहीं देती. यह बड़े टूर्नामेंटों में काफी नुकसानदायक हो सकता है.

यह भी पढ़ें: केएल राहुल ने टी20 में 2000 रन पूरे किए

भारत के पूर्व मुख्य कोच ने कहा, इसका मतलब है कि एक बल्लेबाजी इकाई के रूप में आपको हर मैच में 15 से 20 रन अधिक बनाने होंगे क्योंकि अगर आप टीम के चारों ओर देखते हैं तो प्रतिभा कहां है? कोई जडेजा नहीं है. वह एक्स-फैक्टर कहां है? सबसे पहले अक्षर पटेल ने 42 रन के निजी स्कोर पर ग्रीन को डीप मिडविकेट पर जीवनदान दिया। लोकेश राहुल अगले ओवर में लांग आफ पर कैच लपकने में नाकाम रहे. हालांकि जो कैच महंगा साबित हुआ वह मैथ्यू वेड का था जिनका हर्षल पटेल ने 18वें ओवर में अपनी ही गेंद पर कैच टपकाया जबकि बल्लेबाज एक रन बनाकर खेल रहा था. वेड ने 21 गेंद में नाबाद 45 रन बनाकर आस्ट्रेलिया को चार गेंद शेष रहते जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.

नई दिल्ली: महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर का मानना ​​है कि अगले महीने शुरू होने वाले टी20 विश्व कप से पहले सीनियर तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार का डेथ ओवरों में खराब प्रदर्शन भारत के लिए ‘वास्तविक चिंता’ है. भुवनेश्वर ने पिछले कुछ मैच में डेथ ओवरों में काफी रन लुटाए हैं. मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 में भी उन्होंने 19वें ओवर में 16 रन दिए जिससे ऑस्ट्रेलिया 209 रन के रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज करने में सफल रहा.

गावस्कर ने ‘स्पोर्ट्स टुडे’ से कहा, मुझे नहीं लगता कि बहुत अधिक ओस थी. हमने क्षेत्ररक्षकों या गेंदबाजों को अपनी उंगलियों को सुखाने के लिए तौलिये का उपयोग करते नहीं देखा. यह कोई बहाना नहीं है. हमने अच्छी गेंदबाजी नहीं की. उदाहरण के लिए, वहां 19वां ओवर, वह वास्तविक चिंता का विषय है. उन्होंने कहा, भुवनेश्वर कुमार जैसे गेंदबाज को जब भी गेंद सौंपी जा रही है तो वह हर बार रन लुटा रहा है. उसने पाकिस्तान, श्रीलंका और अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैच में 18 गेंद में (19वें ओवर में गेंदबाजी करते हुए) 49 रन दिए हैं.

गावस्कर ने कहा, यह लगभग तीन रन प्रति गेंद हैं. उसके जैसे अनुभव और क्षमता के गेंदबाज के साथ आप उम्मीद करते हैं कि वह उन 18 गेंद में 35 से 36 रन देगा। यह वास्तव में चिंता का विषय है. पूर्व कप्तान ने कहा कि भारत अच्छे स्कोर का बचाव करने में भी सफल नहीं हो पा रहा लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि जसप्रीत बुमराह की वापसी से गेंदबाजी विभाग को मजबूती मिलेगी. बुमराह इस साल जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज के बाद से ही बाहर हैं क्योंकि वह पीठ की पुरानी चोट से उबर रहे थे.

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गावस्कर ने कहा, हमने पिछले कुछ वर्षों में देखा है कि यह उन क्षेत्रों में से एक रहा है जहां भारत को नुकसान उठाना पड़ा है. वे अच्छे स्कोर का बचाव करने में भी सक्षम नहीं हैं. उन्होंने कहा, हो सकता है कि जब बुमराह आए तो यह पूरी तरह से अलग स्थिति हो क्योंकि वह शीर्ष क्रम के विकेट चटकाता है. भारत को आज (मंगलवार) वह नहीं मिले क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने तेजतर्रार शुरुआत की. इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, हालांकि यह केवल पहला मैच था. मत भूलिए कि ऑस्ट्रेलिया विश्व चैंपियन है. उनसे असाधारण चीजें करने की उम्मीद की जाती है.

पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भी पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय में भारत के खराब क्षेत्ररक्षण की आलोचना की. भारतीय क्षेत्ररक्षकों ने 208 रन के स्कोर का बचाव करते हुए कैमरन ग्रीन (30 गेंदों में 61 रन) और मैथ्यू वेड (21 गेंदों पर नाबाद 45) सहित तीन कैच छोड़े. कमेंट्री बॉक्स में मौजूद शास्त्री ने कहा, यदि आप पिछली सभी शीर्ष भारतीय टीम देखें तो उनमें युवा और अनुभव का अच्छा मिश्रण रहा है. मुझे यहां युवा गायब दिख रहा है और इसलिए क्षेत्ररक्षण पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा, अगर आप पिछले पांच से छह साल को देखें तो मुझे लगता है कि क्षेत्ररक्षण के मामले में यह टीम शीर्ष टीम में से किसी को भी टक्कर नहीं देती. यह बड़े टूर्नामेंटों में काफी नुकसानदायक हो सकता है.

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भारत के पूर्व मुख्य कोच ने कहा, इसका मतलब है कि एक बल्लेबाजी इकाई के रूप में आपको हर मैच में 15 से 20 रन अधिक बनाने होंगे क्योंकि अगर आप टीम के चारों ओर देखते हैं तो प्रतिभा कहां है? कोई जडेजा नहीं है. वह एक्स-फैक्टर कहां है? सबसे पहले अक्षर पटेल ने 42 रन के निजी स्कोर पर ग्रीन को डीप मिडविकेट पर जीवनदान दिया। लोकेश राहुल अगले ओवर में लांग आफ पर कैच लपकने में नाकाम रहे. हालांकि जो कैच महंगा साबित हुआ वह मैथ्यू वेड का था जिनका हर्षल पटेल ने 18वें ओवर में अपनी ही गेंद पर कैच टपकाया जबकि बल्लेबाज एक रन बनाकर खेल रहा था. वेड ने 21 गेंद में नाबाद 45 रन बनाकर आस्ट्रेलिया को चार गेंद शेष रहते जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.

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