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अर्जुन तेंदुलकर ने किया पिता सचिन जैसा कमाल, रणजी ट्रॉफी डेब्यू पर जड़ा शतक - सचिन तेंदुलकर

अर्जुन तेंदुलकर ने अपने रणजी ट्रॉफी डेब्यू में शानदार शतक जमाया है. गोवा की ओर से खेल रहे अर्जुन ने राजस्थान के खिलाफ यह कमाल की पारी खेली. इसी के साथ उन्होंने एक रिकॉर्ड में अपने पिता सचिन तेंदुलकर की भी बराबरी कर ली है.

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अर्जुन तेंदुलकर
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Published : Dec 14, 2022, 5:58 PM IST

पोरवोरिम (गोवा) : दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए अपने रणजी डेब्यू पर शतक ठोक दिया. उन्होंने बुधवार को ग्रुप सी मुकाबले में राजस्थान के खिलाफ गोवा की तरफ से खेलते हुए 120 रन बनाए.

अर्जुन पांचवां विकेट गिरने के बाद बल्लेबाजी करने उतरे. 23 साल के अर्जुन ने मैच के दूसरे दिन अपना शतक पूरा किया. उन्होंने सुयश प्रभुदेसाई (212) के साथ छठे विकेट के लिए 221 रनों की साझेदारी की और गोवा को आठ विकेट पर 493 रन के मजबूत स्कोर पर पहुंचा दिया. सुयश प्रभुदेसाई ने 416 गेंदों की अपनी पारी में 29 चौके लगाए.

अर्जुन ने अपने पिता सचिन की उपलब्धि दोहराई जिन्होंने 11 दिसम्बर 1988 को वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई की तरफ से खेलते हुए गुजरात के खिलाफ अपने रणजी डेब्यू में नाबाद 100 रन बनाए थे. तब सचिन की उम्र महज 15 साल की थी. 34 साल बाद उनके 23 साल के बेटे अर्जुन ने राजस्थान के खिलाफ उनकी इस उपलब्धि को दोहराया.

अर्जुन ने सुबह चार रन से आगे खेलना शुरू किया और अपना शतक पूरा करने के बाद 120 के स्कोर पर आउट हुए. उन्होंने 207 गेंदों की अपनी पारी में 16 चौके और दो छक्के लगाए. अर्जुन ने सुयश के साथ छठे विकेट के लिए 221 रन की साझेदारी की. कप्तान दर्शन मिसाल 33 रन बनाकर आउट हुए.

मुख्य रूप से तेज गेंदबाज अर्जुन सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए. उस समय गोवा का स्कोर 201 रन पर पांच विकेट था. उन्होंने सुयश प्रभुदेसाई के साथ 221 रन की साझेदारी की. उन्हें राजस्थान के तेज गेंदबाज कमलेश नागरकोटी ने अपनी ही गेंद पर कैच आउट किया.

यह भी पढ़ें : IND vs BAN : बाल-बाल बचे अय्यर, स्टंप से टकराई गेंद, फिर भी नहीं गिरी गिल्ली

घरेलू क्रिकेट में अधिक मौकों की तलाश में मुंबई के अर्जुन ने इसी साल टीम को बदला था. वह इससे पहले मुंबई के लिए दो टी20 मैच खेल चुके हैं. इस साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उन्होंने सिर्फ़ 5.69 की इकॉनमी से रन देते हुए सात मैचों में 10 विकेट झटके थे.

इसके बाद उन्होंने लिस्ट ए डेब्यू करते हुए विजय हजारे ट्रॉफी में सात विकेट लिए, जो कि गोवा के लिए सर्वाधिक था. इस प्रदर्शन की बदौलत ही उन्हें रणजी टीम में जगह मिली, जहां उन्होंने पहले ही मैच में गेंद से नहीं लेकिन बल्ले से इतिहास रच दिया.

पोरवोरिम (गोवा) : दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए अपने रणजी डेब्यू पर शतक ठोक दिया. उन्होंने बुधवार को ग्रुप सी मुकाबले में राजस्थान के खिलाफ गोवा की तरफ से खेलते हुए 120 रन बनाए.

अर्जुन पांचवां विकेट गिरने के बाद बल्लेबाजी करने उतरे. 23 साल के अर्जुन ने मैच के दूसरे दिन अपना शतक पूरा किया. उन्होंने सुयश प्रभुदेसाई (212) के साथ छठे विकेट के लिए 221 रनों की साझेदारी की और गोवा को आठ विकेट पर 493 रन के मजबूत स्कोर पर पहुंचा दिया. सुयश प्रभुदेसाई ने 416 गेंदों की अपनी पारी में 29 चौके लगाए.

अर्जुन ने अपने पिता सचिन की उपलब्धि दोहराई जिन्होंने 11 दिसम्बर 1988 को वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई की तरफ से खेलते हुए गुजरात के खिलाफ अपने रणजी डेब्यू में नाबाद 100 रन बनाए थे. तब सचिन की उम्र महज 15 साल की थी. 34 साल बाद उनके 23 साल के बेटे अर्जुन ने राजस्थान के खिलाफ उनकी इस उपलब्धि को दोहराया.

अर्जुन ने सुबह चार रन से आगे खेलना शुरू किया और अपना शतक पूरा करने के बाद 120 के स्कोर पर आउट हुए. उन्होंने 207 गेंदों की अपनी पारी में 16 चौके और दो छक्के लगाए. अर्जुन ने सुयश के साथ छठे विकेट के लिए 221 रन की साझेदारी की. कप्तान दर्शन मिसाल 33 रन बनाकर आउट हुए.

मुख्य रूप से तेज गेंदबाज अर्जुन सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए. उस समय गोवा का स्कोर 201 रन पर पांच विकेट था. उन्होंने सुयश प्रभुदेसाई के साथ 221 रन की साझेदारी की. उन्हें राजस्थान के तेज गेंदबाज कमलेश नागरकोटी ने अपनी ही गेंद पर कैच आउट किया.

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घरेलू क्रिकेट में अधिक मौकों की तलाश में मुंबई के अर्जुन ने इसी साल टीम को बदला था. वह इससे पहले मुंबई के लिए दो टी20 मैच खेल चुके हैं. इस साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उन्होंने सिर्फ़ 5.69 की इकॉनमी से रन देते हुए सात मैचों में 10 विकेट झटके थे.

इसके बाद उन्होंने लिस्ट ए डेब्यू करते हुए विजय हजारे ट्रॉफी में सात विकेट लिए, जो कि गोवा के लिए सर्वाधिक था. इस प्रदर्शन की बदौलत ही उन्हें रणजी टीम में जगह मिली, जहां उन्होंने पहले ही मैच में गेंद से नहीं लेकिन बल्ले से इतिहास रच दिया.

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