जमशेदपुर : मुख्य राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने भरोसा जताया कि भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक खेलों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे और रियो ओलंपिक से अधिक पदक जीतेंगे.
यह पूछने पर कि क्या टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ी पदक का रंग बदलने में सफल रहेंगे, गोपीचंद ने कहा, ‘‘एक दशक से अधिक समय से हम अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और 2020 ओलंपिक में हम बेहतर पदक जीतेंगे.’’
टोक्यो ओलम्पिक में हम अधिक पदक जीतेंगे: पुलेला गोपीचंद - टोक्यो ओलम्पिक
पुलेला गोपीचंद ने कहा कि भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक खेलों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे और रियो ओलंपिक से अधिक पदक जीतेंगे.
जमशेदपुर : मुख्य राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने भरोसा जताया कि भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक खेलों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे और रियो ओलंपिक से अधिक पदक जीतेंगे.
यह पूछने पर कि क्या टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ी पदक का रंग बदलने में सफल रहेंगे, गोपीचंद ने कहा, ‘‘एक दशक से अधिक समय से हम अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और 2020 ओलंपिक में हम बेहतर पदक जीतेंगे.’’
टोक्यो ओलम्पिक में हम अधिक पदक जीतेंगे: पुलेला गोपीचंद
जमशेदपुर : मुख्य राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने भरोसा जताया कि भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक खेलों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे और रियो ओलंपिक से अधिक पदक जीतेंगे.
यह पूछने पर कि क्या टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ी पदक का रंग बदलने में सफल रहेंगे, गोपीचंद ने कहा, ‘‘एक दशक से अधिक समय से हम अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और 2020 ओलंपिक में हम बेहतर पदक जीतेंगे.’’
लंदन 2012 ओलंपिक में साइना नेहवाल ने कांस्य पदक जीता था जबकि पीवी सिंधू 2016 में रियो खेलों में रजत पदक जीतने में सफल रही थी.
गोपीचंद ने कहा, ‘‘भगवान ने चाहा तो भारत बेहतर पदक जीतेगा क्योंकि देश 2008 से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है.’’
टाटा स्टील द्वारा आयोजित ‘सेलीब्रेशन आफ स्पोर्ट्स’ समारोह में हिस्सा लेने यहां आए गोपीचंद ने बच्चों को सलाह दी कि वह अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए अनुशासित बनें और कड़ी मेहनत करें.
वर्ष 1991 में इंजीनियरिंग परीक्षा में विफल रहने के दिनों को याद करते हुए गोपीचंद ने कहा, ‘‘मेरी मां प्रत्येक कारपोरेट घराने में मेरे लिए नौकरी का आवेदन किया करती थी क्योंकि वह मेरे भविष्य को लेकर चिंतित थी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मैंने जूनियर राष्ट्रीय खिताब जीता और उसी साल (1991) जमशेदपुर में टाटा स्टील से जुड़ा.’’
Conclusion: