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'भारत में अच्छे प्रशिक्षकों की जरूरत है'

बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु का मानना है कि भारत को उच्च स्तर पर अच्छे प्रशिक्षकों खासकर विदेशी कोचों की जरूरत है. जो खिलाड़ियों के खेल में जरूरी सुधार कर सकें और चैम्पियन पैदा कर सकें.

SINDHU
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Published : Sep 10, 2019, 7:51 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 4:04 AM IST

नई दिल्ली : हाल ही में विश्व चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम कर इतिहास रचने वाली भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु ने मंगलवार को माना कि भारत को उच्च स्तर पर अच्छे प्रशिक्षकों खासकर विदेशी कोचों की जरूरत है, जो खिलाड़ियों के खेल में जरूरी सुधार कर सकें और चैम्पियन पैदा कर सकें. भारत की राष्ट्रीय टीम के कोच पुलेला गोपीचंद ने हाल ही में कहा था कि भारत ने प्रशिक्षकों पर ज्यादा निवेश नहीं किया है इसलिए देश में अच्छे प्रशिक्षकों की कमी है. सिंधु ने गोपीचंद की इस बात में हामी भरी.

सिंधु ने मीडिया से कहा,"ये पूर्व खिलाड़ियों के ऊपर है कि वो कोच बनना चाहते हैं या नहीं. ये उनके ऊपर है कि वो क्या करना चाहते हैं. हम इस बारे में कुछ नहीं कह सकते. हां, उच्च स्तर के प्रशिक्षकों की जरूरत है, जो खेल के बारे में काफी अच्छे से जानते हैं और जो चैम्पियन बना सकते हैं. गोपी सर एक महान खिलाड़ी और कोच रहे हैं. इसमें कोई शक नहीं है. अब हमें विदेशों से अन्य प्रशिक्षकों की जरूरत है ताकि वो हमारे खेल में जरूरी बदलाव कर सकें. जिससे हमें मदद मिले."

पीवी सिंधु
पीवी सिंधु
सिंधु ने साथ ही कहा है कि विश्व चैम्पियन बनने के बाद बाद उनके आत्मविश्वास में इजाफा हुआ और वह पहले से ज्यादा मजबूत हो गई हैं. सिंधु ने पिछले महीने स्विट्जरलैंड के बासेल में खेली गई विश्व चैम्पियनशिप में जापान की नाओमी ओकुहारा को मात दे यह खिताब जीता.विश्व चैम्पियन ने कहा,"निश्चित तौर पर थोड़ा दबाव तो रहता है लेकिन इस विश्व चैम्पियनशिप ने मुझे काफी आत्मविश्वास दिया है. इसी आत्मविश्वास के साथ मैं आगे जाऊंगी. ओलम्पिक में अभी समय है और इस दौरान मुझे काफी टूर्नामेंट भी खेलने हैं. मैं ज्यादा दूर की नहीं सोचूंगी सिर्फ जिस टूर्नामेंट में खेलूंगी उसी पर ध्यान दूंगी और जब एक बार कोर्ट पर उतर जाती हूं तो कुछ दबाव नहीं रहता सिर्फअपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करती हूं यही करूंगी."

यह भी पढ़ें-'पोग्बा के लिए रियल मेड्रिड के दरवाजे हमेशा खुले हैं'

उन्होंने कहा,"हां, अब मुझ पर जिम्मेदारी बढ़ गई है और सभी लोग मेरी तरफ देख रहे हैं. अब मुझे और ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है. मैं कुछ चीजों में बदलाव करूंगी और कुछ नया लेकर आने की कोशिश करूंगी क्योंकि हर किसी ने अब मेरा खेल देख लिया है और इसलिए अब मुझे कुछ नया करने की जरूरत है."

सिंधु विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय हैं. सिंधु इससे पहले विश्व चैम्पियनशिप में दो रजत और दो कांस्य जीत चुकी थीं. विश्व चैम्पियनशिप जीतने के बाद सिंधु ने आईएएनएस से कहा था कि वह इस सपने का लम्बे समय से पीछा कर रही थीं और अब जाकर उनकी मनोकामना पूरी हुई है.

नई दिल्ली : हाल ही में विश्व चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम कर इतिहास रचने वाली भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु ने मंगलवार को माना कि भारत को उच्च स्तर पर अच्छे प्रशिक्षकों खासकर विदेशी कोचों की जरूरत है, जो खिलाड़ियों के खेल में जरूरी सुधार कर सकें और चैम्पियन पैदा कर सकें. भारत की राष्ट्रीय टीम के कोच पुलेला गोपीचंद ने हाल ही में कहा था कि भारत ने प्रशिक्षकों पर ज्यादा निवेश नहीं किया है इसलिए देश में अच्छे प्रशिक्षकों की कमी है. सिंधु ने गोपीचंद की इस बात में हामी भरी.

सिंधु ने मीडिया से कहा,"ये पूर्व खिलाड़ियों के ऊपर है कि वो कोच बनना चाहते हैं या नहीं. ये उनके ऊपर है कि वो क्या करना चाहते हैं. हम इस बारे में कुछ नहीं कह सकते. हां, उच्च स्तर के प्रशिक्षकों की जरूरत है, जो खेल के बारे में काफी अच्छे से जानते हैं और जो चैम्पियन बना सकते हैं. गोपी सर एक महान खिलाड़ी और कोच रहे हैं. इसमें कोई शक नहीं है. अब हमें विदेशों से अन्य प्रशिक्षकों की जरूरत है ताकि वो हमारे खेल में जरूरी बदलाव कर सकें. जिससे हमें मदद मिले."

पीवी सिंधु
पीवी सिंधु
सिंधु ने साथ ही कहा है कि विश्व चैम्पियन बनने के बाद बाद उनके आत्मविश्वास में इजाफा हुआ और वह पहले से ज्यादा मजबूत हो गई हैं. सिंधु ने पिछले महीने स्विट्जरलैंड के बासेल में खेली गई विश्व चैम्पियनशिप में जापान की नाओमी ओकुहारा को मात दे यह खिताब जीता.विश्व चैम्पियन ने कहा,"निश्चित तौर पर थोड़ा दबाव तो रहता है लेकिन इस विश्व चैम्पियनशिप ने मुझे काफी आत्मविश्वास दिया है. इसी आत्मविश्वास के साथ मैं आगे जाऊंगी. ओलम्पिक में अभी समय है और इस दौरान मुझे काफी टूर्नामेंट भी खेलने हैं. मैं ज्यादा दूर की नहीं सोचूंगी सिर्फ जिस टूर्नामेंट में खेलूंगी उसी पर ध्यान दूंगी और जब एक बार कोर्ट पर उतर जाती हूं तो कुछ दबाव नहीं रहता सिर्फअपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करती हूं यही करूंगी."

यह भी पढ़ें-'पोग्बा के लिए रियल मेड्रिड के दरवाजे हमेशा खुले हैं'

उन्होंने कहा,"हां, अब मुझ पर जिम्मेदारी बढ़ गई है और सभी लोग मेरी तरफ देख रहे हैं. अब मुझे और ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है. मैं कुछ चीजों में बदलाव करूंगी और कुछ नया लेकर आने की कोशिश करूंगी क्योंकि हर किसी ने अब मेरा खेल देख लिया है और इसलिए अब मुझे कुछ नया करने की जरूरत है."

सिंधु विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय हैं. सिंधु इससे पहले विश्व चैम्पियनशिप में दो रजत और दो कांस्य जीत चुकी थीं. विश्व चैम्पियनशिप जीतने के बाद सिंधु ने आईएएनएस से कहा था कि वह इस सपने का लम्बे समय से पीछा कर रही थीं और अब जाकर उनकी मनोकामना पूरी हुई है.

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'भारत में अच्छे प्रशिक्षकों की जरूरत है'





नई दिल्ली : हाल ही में विश्व चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम कर इतिहास रचने वाली भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु ने मंगलवार को माना कि भारत को उच्च स्तर पर अच्छे प्रशिक्षकों खासकर विदेशी कोचों की जरूरत है, जो खिलाड़ियों के खेल में जरूरी सुधार कर सकें और चैम्पियन पैदा कर सकें. भारत की राष्ट्रीय टीम के कोच पुलेला गोपीचंद ने हाल ही में कहा था कि भारत ने प्रशिक्षकों पर ज्यादा निवेश नहीं किया है इसलिए देश में अच्छे प्रशिक्षकों की कमी है. सिंधु ने गोपीचंद की इस बात में हामी भरी.

सिंधु ने मीडिया से कहा,"ये पूर्व खिलाड़ियों के ऊपर है कि वो कोच बनना चाहते हैं या नहीं. ये उनके ऊपर है कि वो क्या करना चाहते हैं. हम इस बारे में कुछ नहीं कह सकते. हां, उच्च स्तर के प्रशिक्षकों की जरूरत है, जो खेल के बारे में काफी अच्छे से जानते हैं और जो चैम्पियन बना सकते हैं. गोपी सर एक महान खिलाड़ी और कोच रहे हैं. इसमें कोई शक नहीं है. अब हमें विदेशों से अन्य प्रशिक्षकों की जरूरत है ताकि वो हमारे खेल में जरूरी बदलाव कर सकें. जिससे हमें मदद मिले."

सिंधु ने साथ ही कहा है कि विश्व चैम्पियन बनने के बाद बाद उनके आत्मविश्वास में इजाफा हुआ और वह पहले से ज्यादा मजबूत हो गई हैं. सिंधु ने पिछले महीने स्विट्जरलैंड के बासेल में खेली गई विश्व चैम्पियनशिप में जापान की नाओमी ओकुहारा को मात दे यह खिताब जीता.

विश्व चैम्पियन ने कहा,"निश्चित तौर पर थोड़ा दबाव तो रहता है लेकिन इस विश्व चैम्पियनशिप ने मुझे काफी आत्मविश्वास दिया है. इसी आत्मविश्वास के साथ मैं आगे जाऊंगी. ओलम्पिक में अभी समय है और इस दौरान मुझे काफी टूर्नामेंट भी खेलने हैं. मैं ज्यादा दूर की नहीं सोचूंगी सिर्फ जिस टूर्नामेंट में खेलूंगी उसी पर ध्यान दूंगी और जब एक बार कोर्ट पर उतर जाती हूं तो कुछ दबाव नहीं रहता सिर्फअपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करती हूं यही करूंगी."

उन्होंने कहा,"हां, अब मुझ पर जिम्मेदारी बढ़ गई है और सभी लोग मेरी तरफ देख रहे हैं. अब मुझे और ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है. मैं कुछ चीजों में बदलाव करूंगी और कुछ नया लेकर आने की कोशिश करूंगी क्योंकि हर किसी ने अब मेरा खेल देख लिया है और इसलिए अब मुझे कुछ नया करने की जरूरत है."

सिंधु विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय हैं. सिंधु इससे पहले विश्व चैम्पियनशिप में दो रजत और दो कांस्य जीत चुकी थीं. विश्व चैम्पियनशिप जीतने के बाद सिंधु ने आईएएनएस से कहा था कि वह इस सपने का लम्बे समय से पीछा कर रही थीं और अब जाकर उनकी मनोकामना पूरी हुई है.


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Last Updated : Sep 30, 2019, 4:04 AM IST
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