हैदराबाद: बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. पूरा देश इस जीत का जश्न मन रहा है, लेकिन इसी चैम्पियनशिप में एक और खिलाड़ी ने देश का नाम रोशन करते हुए गोल्ड मेडल जीता, जी हां भारत की ही मानसी जोशी ने उसी चैम्पियनशिप में पैरा बैडमिंटन का विश्व खिताब जीता था, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया.
महाराष्ट्र की रहने वाली इस खिलाड़ी ने महिला एकल में गोल्ड मेडल जीत भारत का नाम रोशन किया. आइए हम आपको बताते हैं इस खिलाड़ी की जिंदगी के बारे में.
मानसी जोशी को बचपन से ही बैडमिंटन में दिलचस्पी थी. मुंबई के भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के पिता काम करते थे और यहीं मानसी ने इस खेल की बारीकियां सीखनी शुरू कीं. मानसी के खेल में निखार आने लगा और स्कूल और जिला स्तर पर उन्होंने खिताब जीतने शुरू कर दिए.
लेकिन एक दुर्घटना ने उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी. उनको एक सड़क हादसे में अपना एक पैर गवाना पड़ा.
इस भीषण हादसे में अपना पैर खोने के बाद भी मानसी ने हिम्मत नहीं हारी और कड़ी मेहनत की बदौलत अपने लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ती चली गईं.
उन्होंने पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप, बासेल स्विटजरलैंड में सोने का तमगा जीता रविवार को पीवी सिंधु के खिताब जीतने से कुछ घंटे पहले मानसी पदक जीत चुकी थीं. दिलचस्प बात यह है कि मानसी जोशी ने पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में भारत की ही पारुल परमार को 21-12, 21-7 से हराकर यह खिताब जीता.
गोल्ड मेडल जीतने के बाद मानसी ने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी का इजहार किया. मानसी ने लिखा, ''मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत की है और मैं बहुत खुश हूं कि इसके लिए बहाया गया पसीना और मेहनत रंग लाई है. यह वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहला गोल्ड मेडल है,
मानसी ने इसके लिए गोपचंद अकादमी के अपने कोचिंग स्टाफ का भी शुक्रिया अदा किया. इसके साथ ही उन्होंने गोपीचंद का भी शुक्रिया अदा किया. उन्होंने लिखा 'गोपी सर मेरे हर मैच के लिए मौजूद रहने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया.''