हैदराबाद: पूर्व राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियन और कोच यू विमल कुमार का मानना है कि साइना नेहवाल को ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए एक लंबा सफर तय करना होगा लेकिन वो विश्व चैंपियन पीवी सिंधु और पुरुष युगल - सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी से पदक की उम्मीद कर रहे हैं.
ईटीवी भारत के साथ एक विशेष बातचीत के दौरान कुमार ने कोचिंग सुविधाओं, भारत में प्रशिक्षण और खिलाड़ियों को बेहतर परिणामों की जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता के बारे में भी बताया.
ईटीवी भारत के साथ विमल कुमार की विशेष बातचीत के अंश-
सवाल- आप थाईलैंड में भारत के प्रदर्शन का आकलन कैसे करते हैं? क्या वे आपको धीमे लग रहे थे, इसके पीछे की वजह कोविड-19 प्रोटोकॉल के कारण घर पर रहने और ट्रेनिंग नहीं करना रहा?
जवाब- कुछ हद तक हां, अन्य देशों के शीर्ष खिलाड़ियों के पास घरेलू प्रतियोगिताएं थीं और इसलिए वे हमारे खिलाड़ियों की तुलना में थोड़ा अधिक मैच फिट थे. शायद ये एक कारण था कि हमारे खिलाड़ी अपनी क्षमता के अनुरूप नहीं प्रदर्शन नहीं कर सके थे. एकल प्रदर्शन पर नजर डाले तो ये थोड़ा निराशाजनक था. डबल्स में मेरे हिसाब से हमने काफी अच्छा किया है. सात्विकसाईराज और चिराग ने पुरुष युगल में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया. अश्विनी और सात्विकसाईराज ने मिश्रित युगल में भी अच्छा प्रदर्शन किया. एकल की तुलना में युगल ने बेहतर खेल दिखाया.
सवाल- क्या हमने ओलंपिक से पहले कुछ अहम समय गंवाया है?
जवाब- ये हर किसी पर लागू होता है. COVID-19 के कारण हर देश पीड़ित है. हम उस (मुद्दे) को लेकर नहीं बैठ सकते. फिलहाल, ओलंपिक के नजरिए से हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि हमारे पास दो एकल खिलाड़ी हैं, महिला एकल में दो , एक पुरुष युगल में, एक मिश्रित युगल में है. अगर ऐसा होता है, तो ये वास्तव में बैडमिंटन के लिए अच्छा होगा.
सवाल- जब से आपने साइना नेहवाल को कोचिंग दी है, आप उनका प्रदर्शन कैसे देखते हैं?
जवाब - दो साल हो गए. उसके साथ लगातार छोटे-छोटे मुद्दे रहे हैं. बड़ी चोट नहीं बल्कि उससे थोड़ा कम और ये उसकी बाधा रही है और वो पिछले कुछ वर्षों में अच्छा प्रदर्शन नहीं दे पाई है. उसके पास समय ज्यादा नहीं है. ये बहुत महत्वपूर्ण है कि आने वाले टूर्नामेंटों में, वो अच्छा प्रदर्शन जारी रखे और शीर्ष 16 में आने के लिए प्रयास करते हुए क्वालीफाई करे. यदि वो शीर्ष 16 में आती है, तो वो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करेगी. अगर वो वहां खेलने जाती है, तो कुछ भी हो सकता है.
सवाल- फिलहाल उसके हालिया प्रदर्शन से मुश्किल लग रहा है, लेकिन क्या आप उसे ऑल इंग्लैंड जैसे आगामी खेलों में शीर्ष स्तर पर खेलते हुए देखेंगे?
जवाब-ऑल इंग्लैंड ओलंपिक क्वालिफिकेशन का हिस्सा नहीं है लेकिन वो जो भी टूर्नामेंट खेल रही है, अगर वो अच्छा प्रदर्शन कर सकती है, तो ये उसके आत्मविश्वास के लिए भी अच्छा होगा. यही उसके लिए जरूरी है. कुछ अच्छे खिलाड़ियों के खिलाफ कुछ अच्छे परिणाम. अगर उसे अपना आत्मविश्वास वापस मिल जाता है, तो ये बहुत अच्छा होगा. मुझे पता नहीं है, वो इस समय किस स्थिति (फिटनेस) में है और वो कैसा प्रदर्शन करने जा रही है लेकिन निश्चित रूप से, उसे ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने के लिए एक अच्छा प्रदर्शन करने की आवश्यकता है.
सवाल. आपने उच्चतम स्तर पर खिलाड़ियों को कोचिंग दी है. आप हमारी बेंच स्ट्रेंथ को कैसे देखते हैं? क्या आप किसी भी भविष्य के सिंधु और साइना की तरह के खिलाड़ियों के लिए अपना मार्गदर्शन दे सकते हैं?
जवाब - महिला एकल में, ये अभी भी साइना और सिंधु है. वे हमारी सबसे अच्छी हैं और अन्य लड़कियों ने अभी तक कुछ विशेष नहीं दिखाया. इससे पहले कि वे दुनिया के मंच पर एक अच्छा मुकाम बना सकें, उन्हे काफी लंबा रास्ता तय करना है. छोटे स्तर पर, मुझे लगता है, वे ठीक हैं लेकिन एक बड़े मंच के लिए अभी नहीं. मैं किसी को भी शीर्ष 20 या शीर्ष 25 में नहीं देखता हूं. मुझे लगता है कि हमें उनके जैसे किसी और खिलाड़ी को खोजने में 2-3 साल लग सकते हैं.
सवाल- ऐसा क्यों है कि हमें इतना लंबा वक्त लग सकता है?
जवाब- कई अलग-अलग फैक्टर हैं. साइना और सिंधु दोनों के पास रैली खत्म करने के लिए बेहतरीन फिनिशिंग स्ट्रोक हैं. मैं कई लड़कियों के साथ कोचिंग के दौरान रहा लेकिन वो रैली खत्म करने की ताकत नहीं रखती हैं. हमारी अधिकांश लड़कियां अब 17, 18, 19 आयु वर्ग की श्रेणी में हैं. उन्हें उस फिनिशिंग स्ट्रोक को विकसित करने की आवश्यकता है. ये एक चीज है जो मुझे हमारी लड़कियों में नहीं दिखती है. लेकिन लड़कों में, मुझे लगता है, हमारे पास एक अच्छी स्ट्रेंथ है. साई प्रणीत, श्रीकांत और प्रणॉय के बाद... आने वाला अगला खिलाड़ी लक्ष्य सेन है.
![sen](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10776353_lakshya-sen.jpg)
हमारे पास उस स्तर के चार-पांच हैं. लक्ष्य ने वास्तव में बड़े स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है और वो शीर्ष 30 में है. पुरुष एकल में, मैं महिला एकल से बहुत अधिक उम्मीद कर रही हूं. मेन्स डबल्स में, हमारे पास कुछ अच्छे युवा खिलाड़ी आ रहे हैं लेकिन फिलहाल, सात्विक और चिराग युवा हैं और उनके आगे एक अच्छा करियर है. उन्होंने पहले ही खुद को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ में से एक के रूप में स्थापित किया है जो हमारे लिए एक अच्छा संकेत है. मिक्स्ड डबल्स में, सात्विक और अश्विनी. महिला युगल में, हमें मजबूत लड़कियों को ढूंढना होगा क्योंकि अश्विनी-ज्वाला ... सिक्की और इन सभी खिलाड़ियों के बाद ... एक बार जब वे बाहर हो जाते हैं, तो हमें इसी तरह के कैलिबर के खिलाड़ियों को ढूंढना होगा.
![PV Sindhu](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10776353_pv-sindhu.jpg)
सवाल - सिंधु ने हाल ही में लंदन में सुविधाओं की प्रशंसा की. साइना भी आपसे कोचिंग लेने के लिए गोपीचंद अकादमी से चली आई. क्या भारत में खेल की उच्च मांगों और ओलंपिक में पदक प्राप्त करने के दबाव को देखते हुए कोचिंग सेंटरों की कमी है?
जवाब - बेशक, हमें कोचिंग सुविधाओं के लिए अधिक बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है लेकिन अधिकांश सेंटर कोर्ट और शटलकॉक जैसी सुविधाओं से सुसज्जित हैं. ऐसी चीजें उपलब्ध हैं. शायद कोचिंग के संदर्भ में, मुझे अभी भी मेन्स डबल्स में विश्वास है, हमने बहुत सुधार किया है और अभी भी बाहर से थोड़ी और मदद की जरूरत है. पुरुष एकल में, कोचों को फिट होना होगा और उन्हें खिलाड़ियों के साथ आना होगा. वे बातें भी महत्वपूर्ण हैं लेकिन वो अकेला एक फैक्टर नहीं है. मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को और अधिक जिम्मेदारी लेने की जरूरत है. समर्थन, बेहतर मौके और उन सभी चीजों को प्रदान किया जा रहा है. इसलिए मुझे लगता है कि शीर्ष खिलाड़ियों को भी थोड़ी और जिम्मेदारी लेने की जरूरत है.
मुझे इसमें कुछ कमी लगती है. जिम्मेदारी लेना महत्वपूर्ण है क्योंकि अवसर उनके लिए हैं और उन्हें इसका बेहतर उपयोग करने की आवश्यकता है. सुविधाओं के संदर्भ में, कोई भी देश ये नहीं कह सकता है कि हम सब कुछ प्रदान कर रहे हैं. मुझे लगता है कि दुनिया के कई अन्य देशों की तुलना में भारतीय बैडमिंटन में एक अच्छा सपोर्ट सिस्टम है. खिलाड़ी पूरी जिम्मेदारी लेने के बजाय हमेशा खामियों की तलाश करेंगे. यदि आप उन्हें 100 चीजें देते हैं, तो वे 101 वीं चीज की तलाश करेंगे जो वहां नहीं है. वे हमेशा उन चीजों की तलाश करेंगे जो वहां नहीं हैं. ये हमारे सिस्टम से जाना है और खिलाड़ियों को अधिक जिम्मेदारी लेने की जरूरत है. लगभग सभी शीर्ष खिलाड़ियों को सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.
सवाल - आपके अनुसार कौन टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीत सकता है?
जवाब- निश्चित रूप से सिंधु महिला एकल में हमारा सर्वश्रेष्ठ दांव है और फिर मैं अपना दांव पुरुष युगल पर लगाऊंगा. मेन्स सिंगल्स से ज्यादा, मैं अपना पैसा मेन्स डबल्स पर लगाऊंगा क्योंकि वे अभी बहुत छोटे हैं और उनके पास बहुत ज्यादा ड्राइव है. एकल में, ये साई प्रणीत और श्रीकांत के बीच है, अगर ये दोनों खिलाड़ी हैं, तो हमारे पास मौका है लेकिन ओलंपिक में मेरे लिए सिंधु और पुरुष युगल पसंदीदा होगा.