नई दिल्ली: बैडमिंटन जगत को इस समय बाकी खेलों जैसे टेनिस से सीखना चाहिए कि कम इनामी राशि और टीवी दर्शकों की चिंता किए बिना टूर्नामेंट्स की शुरुआत कैसे की जाए, ये कहना है पूर्व खिलाड़ी यू विमल कुमार और अरविंद भट्ट का.
थॉमस एंड उबेर कप में कई बड़े देशों ने नाम वापसा ले लिया और इसी कारण तीन अक्टूबर से 11 अक्टूबर के बीच खेला जाने वाला टूर्नामेंट रद कर दिया गया. मार्च से बंद पड़े खेल को दोबारा शुरू करने का ये मौका आयोजकों के हाथ से चला गया.
विमल ने कहा कि शीर्ष खिलाड़ियों के अलावा बैडमिंटन के बाकी खिलाड़ियों की स्थिति भी टेनिस खिलाड़ियों से अलग नहीं है.
विमल ने कहा, "शीर्ष-20 से बाहर के बैडमिंटन खिलाड़ी भी उस तरह के संघर्ष कर रहे हैं, जैसे टेनिस में निचली रैंक के खिलाड़ी कर रहे हैं. लेकिन हर किसी ने खेलना शुरू कर दिया है, शीर्ष खिलाड़ियों ने भी."
पूर्व राष्ट्रीय कोच विमल ने कहा कि भारत के शीर्ष खिलाड़ियों को ये समझना होगा कि उन्हें जल्दी से जल्दी खेलना शूरू करना होगा ताकि वो लय में आ सकें.
उन्होंने कहा, "हर किसी को ये समझना होगा कि इस समय उन्हें प्रतिस्पर्धा की जरूरत है नहीं तो वो लय खो देंगे. सायना नेहवाल और पीवी सिंधु अगर बिना मैच प्रेक्टिस के खेलने के लिए जाएंगी तो वो टिक नहीं पाएंगी. इसके साथ जीना सीखना होगा, ये वायरस कहीं नहीं जा रहा है."
वहीं भट्ट ने कहा, "टेनिस ने जो अमेरिका ओपन में किया वो शानदार था. कई अन्य खेल भी यही कर रहे हैं. वो टेलीविजन पर हैं और उन्हें स्टेडियम में दर्शकों की ज्यादा परवाह नहीं है. उन्होंने कम इनामी राशि के ये किया. मुझे लगता है कि विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) को टूर्नामेंट आयोजित कराने चाहिए न कि उन्हें रद करना चाहिए."
उन्होंने कहा, "खिलाड़ी काफी ट्रेनिंग कर रहे हैं, खासकर वहां जहां चीजें खुल गई हैं, जैसे बेंगलुरू, वो चार महीने से ट्रेनिंग कर रहे हैं. इसलिए उन्हें परखने के लिए टूर्नामेंट की जरूरत है नहीं तो ट्रेनिंग करने का उनका मकसद बर्बाद चला जाएगा. अगर टूर्नामेंट्स होते हैं तो, तो उन्हें अपनी कमजोरी के बारे में पता चलेगा. वो जीतेंगे या हारेंगे, वे उस पर काम कर सकते हैं."
भट्ट ने कहा, "दूसरी बात ये है कि अग टूर्नामेंट्स रद होते हैं तो इनामी राशि और विज्ञापन राशि नहीं आएगी, क्योंकि वो कहेंगे कि ये आपकी छवि और आपके टूर्नामेंट्स के परिणाम पर निर्भर है. जिन लोगों के कॉन्ट्रैक्ट हैं उन्हें पैसा नहीं मिलेगा क्योंकि टूर्नामेंट्स नहीं हो रहे हैं."
विमल ने कहा कि वो बैडमिंटन के शीर्ष देशों के रवैए से निराश हैं.
उन्होंने कहा, "बैडमिंटन को शुरू करने का ये सबसे अच्छा मौका था. लेकिन इसे हमारे समुदाय ने ही बर्बाद कर दिया, एशियाई महासंघ ने इस पर फैसला लिया. मैं इसके लिए कुछ शीर्ष खिलाड़ियों को भी दोष दूंगा, क्योंकि वो भी खेलने को आगे नहीं आए. बीडब्ल्यूएफ ने अच्छा काम किया. कुछ वर्ष पहले उन्होंने कुछ चीजों को जिस तरह से संभाला था, उससे मैं खुश नहीं था लेकिन इस बार उन्होंने कई चीजों को संभाला और जितना कर सकते थे किया."
उन्होंने कहा, "महामारी के कारण, स्पांसरों ने कटौती की. खिलाड़ियों के निजी करार भी आधे हो गए. निश्चित तौर पर खिलाड़ियों को नुकसान हो रहा है इसमें कोई शक नहीं है."