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बैडमिंटन दिग्गज प्रकाश पादुकोण 65 साल के हुए, 1980 में रचा था इतिहास

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Published : Jun 10, 2020, 10:05 PM IST

बीएआई ने ट्विटर पर कहा, " चैंपियन, इतिहास निर्माता, सभी के प्रेरणास्रोत. प्रकाश पादुकोण को बैडमिंटन में भारत को टॉप पर लेकर गए और अगली पीढ़ी के लिए रास्ता बनाया. दिग्गज को जन्मदिन की ढेर सारी बधाई."

प्रकाश पादुकोण
प्रकाश पादुकोण

नई दिल्ली: बैडमिंटन दिग्गज प्रकाश पादुकोण बुधवार को 65 साल के हो गए. प्रकाश को 1980 में आल इंग्लैंड चैंपियनशिप में खिताबी जीत के लिए जाना जाता है.

यह पहली बार था जब किसी भारतीय ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में खिताब जीता था. प्रकाश ने 1972 से 1979 के बीच सात राष्ट्रीय खिताब जीतने के बाद 1980 में आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप में कदम रखा था.

प्रकाश पादुकोण
प्रकाश पादुकोण

टूर्नामेंट में प्रकाश को तीसरी सीड दी गई थी. उस समय वह 24 साल के थे और वह एक भी गेम गंवाए बिना फाइनल में पहुंचे थे, जहां उनके सामने इंडोनेशिया के दिग्गज ली स्वी किंग की चुनौती थी.

किंग भी प्रकाश की तरह ही एक भी एक भी गेम गंवाए बिना खिताबी मुकाबले में पहुंचे थे. प्रकाश ने हालांकि शुरुआत से ही मुकाबले में दबदबा बनाए रखा और 15-3, 15-10 से खिताब अपने नाम कर लिया था.

प्रकाश के बाद पुलेला गोपीचंद ने 2001 में आल इंग्लैंड चैंपियनशिप का खिताब जीता था.

भारतीय बैडमिंटन संघ (BAI) ने प्रकाश को उनके जन्मदिन पर बधाई दी है

बीएआई ने ट्विटर पर कहा, " चैंपियन, इतिहास निर्माता, सभी के प्रेरणास्रोत. प्रकाश पादुकोण को बैडमिंटन में भारत को टॉप पर लेकर गए और अगली पीढ़ी के लिए रास्ता बनाया। दिग्गज को जन्मदिन की ढेर सारी बधाई."

प्रकाश को 1972 में अर्जुन अवॉर्ड और 1982 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. उन्हें खेल में योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी दिया गया है.

नई दिल्ली: बैडमिंटन दिग्गज प्रकाश पादुकोण बुधवार को 65 साल के हो गए. प्रकाश को 1980 में आल इंग्लैंड चैंपियनशिप में खिताबी जीत के लिए जाना जाता है.

यह पहली बार था जब किसी भारतीय ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में खिताब जीता था. प्रकाश ने 1972 से 1979 के बीच सात राष्ट्रीय खिताब जीतने के बाद 1980 में आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप में कदम रखा था.

प्रकाश पादुकोण
प्रकाश पादुकोण

टूर्नामेंट में प्रकाश को तीसरी सीड दी गई थी. उस समय वह 24 साल के थे और वह एक भी गेम गंवाए बिना फाइनल में पहुंचे थे, जहां उनके सामने इंडोनेशिया के दिग्गज ली स्वी किंग की चुनौती थी.

किंग भी प्रकाश की तरह ही एक भी एक भी गेम गंवाए बिना खिताबी मुकाबले में पहुंचे थे. प्रकाश ने हालांकि शुरुआत से ही मुकाबले में दबदबा बनाए रखा और 15-3, 15-10 से खिताब अपने नाम कर लिया था.

प्रकाश के बाद पुलेला गोपीचंद ने 2001 में आल इंग्लैंड चैंपियनशिप का खिताब जीता था.

भारतीय बैडमिंटन संघ (BAI) ने प्रकाश को उनके जन्मदिन पर बधाई दी है

बीएआई ने ट्विटर पर कहा, " चैंपियन, इतिहास निर्माता, सभी के प्रेरणास्रोत. प्रकाश पादुकोण को बैडमिंटन में भारत को टॉप पर लेकर गए और अगली पीढ़ी के लिए रास्ता बनाया। दिग्गज को जन्मदिन की ढेर सारी बधाई."

प्रकाश को 1972 में अर्जुन अवॉर्ड और 1982 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. उन्हें खेल में योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी दिया गया है.

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