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'बालिका वधू' के निर्देशक पेट पालने के लिए बेच रहे सब्जियां - Balika Vadhu serial director turns vegetable vendor

मशहूर टीवी धारावाहिक 'बालिका वधू' के निर्देशकों में से एक रामवृक्ष गौड़ आजकल आजमगढ़ जिले में सब्जी बेच कर पेट पाल रहे हैं. वह एक भोजपुरी फिल्म और फिर एक हिंदी फिल्म पर काम करने के लिए तैयार थे, जब महामारी शुरू हुई.

Balika Vadhu serial director turns vegetable vendor in UP's Azamgarh
'बालिका वधू' के निर्देशक पेट पालने के लिए बेच रहे सब्जियां
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Published : Sep 28, 2020, 2:27 PM IST

आजमगढ़ : वह भीड़ में सिर्फ एक और चेहरा मालूम पड़ते हैं लेकिन जब अपनी पृष्ठभूमि के बारे में बात करते हैं, तो पता चलता है कि इस शख्स के ऊपर वक्त और हालात की कितनी जबरदस्त मार पड़ी है.

मशहूर टीवी धारावाहिक 'बालिका वधू' के निर्देशकों में से एक रामवृक्ष गौड़ आजकल आजमगढ़ जिले में सब्जी बेच कर पेट पाल रहे हैं.

उन्होंने पत्रकारों को बताया, "मैं एक फिल्म की रेकी के लिए आजमगढ़ आया था. हम यहां तब थे जब लॉकडाउन की घोषणा की गई थी और फिर वापस लौटना संभव नहीं हो पाया. जिस प्रोजेक्ट पर हम काम कर रहे थे, उसे रोक दिया गया और निर्माता ने कहा कि काम पर वापसी में एक साल या उससे अधिक समय लग सकता है. मैंने फिर अपने पिता के धंधे को संभालने का फैसला किया और ठेले पर सब्जियां बेचनी शुरू कर दी. मैं इस काम से अच्छी तरह से वाकिफ हूं और कोई पछतावा नहीं है."

रामवृक्ष ने मायानगरी मुंबई के अपने सफर के बारे में बात करते हुए कहा, "मैं अपने दोस्त और लेखक शाहनवाज खान की मदद से 2002 में मुंबई गया था. मैंने लाइट डिपार्टमेंट में और फिर टीवी धारावाहिकों के प्रोडक्शन डिपार्टमेंट में काम किया. मैं पहले कई धारावाहिकों में एक सहायक निर्देशक बन गया. फिर, 'बालिका वधू' के लिए एपिसोड निर्देशक और यूनिट निर्देशक के रूप में काम किया."

रामवृक्ष ने यशपाल शर्मा, मिलिंद गुनाजी, राजपाल यादव, रणदीप हुड्डा, सुनील शेट्टी की फिल्मों के निर्देशकों के साथ एक सहायक निर्देशक के रूप में काम किया है.

वह एक भोजपुरी फिल्म और फिर एक हिंदी फिल्म पर काम करने के लिए तैयार थे, जब महामारी शुरू हुई.

पढ़ें : यूपी में फिल्म सिटी की स्थापना से भोजपुरी इंडस्ट्री को मिलेगी उड़ान

उन्होंने कहा, "मुंबई में मेरा अपना घर है और मुझे विश्वास है कि मैं एक दिन लौटूंगा. तब तक, मैं यहां वही कर रहा हूं जो मैं कर सकता हूं."

(इनपुट-आईएएनएस)

आजमगढ़ : वह भीड़ में सिर्फ एक और चेहरा मालूम पड़ते हैं लेकिन जब अपनी पृष्ठभूमि के बारे में बात करते हैं, तो पता चलता है कि इस शख्स के ऊपर वक्त और हालात की कितनी जबरदस्त मार पड़ी है.

मशहूर टीवी धारावाहिक 'बालिका वधू' के निर्देशकों में से एक रामवृक्ष गौड़ आजकल आजमगढ़ जिले में सब्जी बेच कर पेट पाल रहे हैं.

उन्होंने पत्रकारों को बताया, "मैं एक फिल्म की रेकी के लिए आजमगढ़ आया था. हम यहां तब थे जब लॉकडाउन की घोषणा की गई थी और फिर वापस लौटना संभव नहीं हो पाया. जिस प्रोजेक्ट पर हम काम कर रहे थे, उसे रोक दिया गया और निर्माता ने कहा कि काम पर वापसी में एक साल या उससे अधिक समय लग सकता है. मैंने फिर अपने पिता के धंधे को संभालने का फैसला किया और ठेले पर सब्जियां बेचनी शुरू कर दी. मैं इस काम से अच्छी तरह से वाकिफ हूं और कोई पछतावा नहीं है."

रामवृक्ष ने मायानगरी मुंबई के अपने सफर के बारे में बात करते हुए कहा, "मैं अपने दोस्त और लेखक शाहनवाज खान की मदद से 2002 में मुंबई गया था. मैंने लाइट डिपार्टमेंट में और फिर टीवी धारावाहिकों के प्रोडक्शन डिपार्टमेंट में काम किया. मैं पहले कई धारावाहिकों में एक सहायक निर्देशक बन गया. फिर, 'बालिका वधू' के लिए एपिसोड निर्देशक और यूनिट निर्देशक के रूप में काम किया."

रामवृक्ष ने यशपाल शर्मा, मिलिंद गुनाजी, राजपाल यादव, रणदीप हुड्डा, सुनील शेट्टी की फिल्मों के निर्देशकों के साथ एक सहायक निर्देशक के रूप में काम किया है.

वह एक भोजपुरी फिल्म और फिर एक हिंदी फिल्म पर काम करने के लिए तैयार थे, जब महामारी शुरू हुई.

पढ़ें : यूपी में फिल्म सिटी की स्थापना से भोजपुरी इंडस्ट्री को मिलेगी उड़ान

उन्होंने कहा, "मुंबई में मेरा अपना घर है और मुझे विश्वास है कि मैं एक दिन लौटूंगा. तब तक, मैं यहां वही कर रहा हूं जो मैं कर सकता हूं."

(इनपुट-आईएएनएस)

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