चंडीगढ़: 'हम दिल दे चुके सनम' और हालिया रिलीज 'मिशन मंगल' जैसी फिल्मों में नजर आ चुके प्रख्यात बॉलीवुड अभिनेता विक्रम गोखले बीते दिनों एक कार्यक्रम के सिलसिले में चंडीगढ़ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से बाचतीच में अपने थिएटर और अभिनय के अनुभवों के बारे में बात की.
उन्होंने थिएटर और अभिनय में विभिन्न अभ्यासों के बारे में भी बताया. उनका मानना है कि रंगमंच एक अलग विषय है जिसमें बहुत काम करने की आवश्यकता होती है.
विक्रम ने आगे कहा कि सभी के लिए मानसिक रूप से विकसित होना बहुत जरूरी है. जब बात थिएट्रिकल एक्सरसाइज की आती है, तो एक्सरसाइज आंखों के साथ-साथ सांस लेने के लिए भी होती है, लेकिन फिजिकल एक्सरसाइज सबसे मुश्किल होता है. कई अन्य अभ्यास हैं जैसे ऑर्गेनिज्म, डेंटल और स्पीच एक्सरसाइज.
उनसे पूछा गया कि आपने टेलीविजन और थिएटर दोनों ही किए हैं तो जब स्क्रिप्ट आपके हाथ में आती है तो आप उसे किस नजरिए से देखते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, यह इस पर निर्भर करता है कि स्क्रिप्ट टेलीविज़न के लिए है या थियेटर के लिए, यह उसी तरह से तैयार किया जाता है क्योंकि टेलीविज़न की स्क्रिप्ट और थिएटर की स्क्रिप्ट में बड़ा अंतर होता है.
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में कला और कलाकारों की कमी नहीं. ऐसा ही पंजाब है. यहां की समृद्ध संस्कृति सभी को अपनी ओर खींचती है. उन्होंने कहा कि उनको पढ़ने का काफी शौक है. इसी शौक की वजह से उन्होंने अपने घर में ही एक लाइब्रेरी बनाई है, हजारों किताबे हैं. इसमें से करीब चार हजार किताबें पढ़ चुके हैं.
उन्होंने आगे कहा कि फिल्म इंडस्ट्री अब चेंज हो चुकी है. एक समय यह सारा कुछ फिक्शन लगता था, लेकिन अब इंडस्ट्री कुछ ऐसा दिखाने लगी है जो सच्ची घटना पर आधारित होता है. बायोग्राफी और इतिहास पर बनने वाली फिल्में ऐसी ही हैं.
एक्टर ने सभी दर्शकों के प्यार और स्नेह को सराहते हुए हमेशा ही उनपर ऐसा ही प्यार बनाए रखने की प्रार्थना भी की.
चंडीगढ़ पहुंचे अभिनेता विक्रम गोखले, ईटीवी भारत से की थिएटर से जुड़ी खास बातें - Vikram Gokhale says theater is a separate topic
प्रख्यात बॉलीवुड अभिनेता विक्रम गोखले ने ईटीवी भारत से अपने थिएटर और अभिनय के अनुभवों के बारे में बात की. उन्होंने थिएटर और अभिनय में विभिन्न अभ्यासों के बारे में भी बताया.
चंडीगढ़: 'हम दिल दे चुके सनम' और हालिया रिलीज 'मिशन मंगल' जैसी फिल्मों में नजर आ चुके प्रख्यात बॉलीवुड अभिनेता विक्रम गोखले बीते दिनों एक कार्यक्रम के सिलसिले में चंडीगढ़ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से बाचतीच में अपने थिएटर और अभिनय के अनुभवों के बारे में बात की.
उन्होंने थिएटर और अभिनय में विभिन्न अभ्यासों के बारे में भी बताया. उनका मानना है कि रंगमंच एक अलग विषय है जिसमें बहुत काम करने की आवश्यकता होती है.
विक्रम ने आगे कहा कि सभी के लिए मानसिक रूप से विकसित होना बहुत जरूरी है. जब बात थिएट्रिकल एक्सरसाइज की आती है, तो एक्सरसाइज आंखों के साथ-साथ सांस लेने के लिए भी होती है, लेकिन फिजिकल एक्सरसाइज सबसे मुश्किल होता है. कई अन्य अभ्यास हैं जैसे ऑर्गेनिज्म, डेंटल और स्पीच एक्सरसाइज.
उनसे पूछा गया कि आपने टेलीविजन और थिएटर दोनों ही किए हैं तो जब स्क्रिप्ट आपके हाथ में आती है तो आप उसे किस नजरिए से देखते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, यह इस पर निर्भर करता है कि स्क्रिप्ट टेलीविज़न के लिए है या थियेटर के लिए, यह उसी तरह से तैयार किया जाता है क्योंकि टेलीविज़न की स्क्रिप्ट और थिएटर की स्क्रिप्ट में बड़ा अंतर होता है.
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में कला और कलाकारों की कमी नहीं. ऐसा ही पंजाब है. यहां की समृद्ध संस्कृति सभी को अपनी ओर खींचती है. उन्होंने कहा कि उनको पढ़ने का काफी शौक है. इसी शौक की वजह से उन्होंने अपने घर में ही एक लाइब्रेरी बनाई है, हजारों किताबे हैं. इसमें से करीब चार हजार किताबें पढ़ चुके हैं.
उन्होंने आगे कहा कि फिल्म इंडस्ट्री अब चेंज हो चुकी है. एक समय यह सारा कुछ फिक्शन लगता था, लेकिन अब इंडस्ट्री कुछ ऐसा दिखाने लगी है जो सच्ची घटना पर आधारित होता है. बायोग्राफी और इतिहास पर बनने वाली फिल्में ऐसी ही हैं.
एक्टर ने सभी दर्शकों के प्यार और स्नेह को सराहते हुए हमेशा ही उनपर ऐसा ही प्यार बनाए रखने की प्रार्थना भी की.
चंडीगढ़: 'हम दिल दे चुके सनम' और हालिया रिलीज 'मिशन मंगल' जैसी फिल्मों में नजर आ चुके प्रख्यात बॉलीवुड अभिनेता विक्रम गोखले बीते दिनों एक कार्यक्रम के सिलसिले में चंडीगढ़ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से बाचतीच में अपने थिएटर और अभिनय के अनुभवों के बारे में बात की.
उन्होंने थिएटर और अभिनय में विभिन्न अभ्यासों के बारे में भी बताया. उनका मानना है कि रंगमंच एक अलग विषय है जिसमें बहुत काम करने की आवश्यकता होती है.
विक्रम ने आगे कहा कि सभी के लिए मानसिक रूप से विकसित होना बहुत जरूरी है. जब बात थिएट्रिकल एक्सरसाइज की आती है, तो एक्सरसाइज आंखों के साथ-साथ सांस लेने के लिए भी होती है, लेकिन फिजिकल एक्सरसाइज सबसे मुश्किल होता है. कई अन्य अभ्यास हैं जैसे ऑर्गेनिज्म, डेंटल और स्पीच एक्सरसाइज.
उनसे पूछा गया कि आपने टेलीविजन और थिएटर दोनों ही किए हैं तो जब स्क्रिप्ट आपके हाथ में आती है तो आप उसे किस नजरिए से देखते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, यह इस पर निर्भर करता है कि स्क्रिप्ट टेलीविज़न के लिए है या थियेटर के लिए, यह उसी तरह से तैयार किया जाता है क्योंकि टेलीविज़न की स्क्रिप्ट और थिएटर की स्क्रिप्ट में बड़ा अंतर होता है.
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में कला और कलाकारों की कमी नहीं. ऐसा ही पंजाब है. यहां की समृद्ध संस्कृति सभी को अपनी ओर खींचती है. उन्होंने कहा कि उनको पढ़ने का काफी शौक है. इसी शौक की वजह से उन्होंने अपने घर में ही एक लाइब्रेरी बनाई है, हजारों किताबे हैं. इसमें से करीब चार हजार किताबें पढ़ चुके हैं.
उन्होंने आगे कहा कि फिल्म इंडस्ट्री अब चेंज हो चुकी है. एक समय यह सारा कुछ फिक्शन लगता था, लेकिन अब इंडस्ट्री कुछ ऐसा दिखाने लगी है जो सच्ची घटना पर आधारित होता है. बायोग्राफी और इतिहास पर बनने वाली फिल्में ऐसी ही हैं.
एक्टर ने सभी दर्शकों के प्यार और स्नेह को सराहते हुए हमेशा ही उनपर ऐसा ही प्यार बनाए रखने की प्रार्थना भी की.
Conclusion: